केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर खुलकर बात की है। उन्होंने कहा है कि वक्फ विधेयक का विरोध करने वाले वही लोग हैं, जिन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर मुस्लिमों को डराने की कोशिश की थी। ये वही लोग हैं जिन्होंने CAA को लेकर कहा था कि यह कानून लागू होने के बाद मुस्लिमों को देश से निकाल दिया जाएगा।
दरअसल, किरेन रिजिजू ने वक्फ विधेयक को लेकर फैलाए जा रहे झूठ के बारे में बात करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि CAA को लागू हुए एक साल बीत चुका है, क्या इस दौरान किसी भी मुस्लिम को देश से बाहर किया गया? उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार के खिलाफ लोगों को जागरूक करना जरूरी है।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर कुछ लोगों द्वारा किए जा रहे भ्रामक दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए रिजिजू ने कहा कि इस विधेयक में कुछ विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं। ऐसे में विरोधियों द्वारा यह अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मुस्लिमों की जमीन-जायदाद को छीन लिया जाएगा।
रिजिजू ने यह भी कहा कि वक्फ कानून भारत में स्वतंत्रता से पहले भी अस्तित्व में था और आजादी के बाद भी यह कानून लागू है। रिजिजू ने इसके ऐतिहासिक संदर्भों को समझाया और कहा कि इस कानून के तहत कई बार संशोधन किए गए हैं, जिनमें 1913, 1923, 1931, 1954, 1995, और 2013 में बदलाव किए गए हैं। यह कानून इतना पुराना और स्थिर है कि इसे गैरसंवैधानिक और अवैध कहना एक बड़ा झूठ है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर वक्फ बोर्ड किसी भी जमीन को ऐसे ही डिक्लेयर कर देगा कि यह वक्फ की जमीन है तो उसका तो हिसाब-किताब होना चाहिए। हम ट्रांसपेरेंसी ला रहे हैं, जो आम मुस्लिम हैं- चाहे वो दरगाह के हों, चाहे वो अलग-अलग संगठन में हों, सब लोग समर्थन कर रहे हैं। वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध करने वाले वो लोग हैं, जो करोड़ों की वक्फ जमीन को कब्जा करके बैठे हैं और यह चीज सबको मालूम है, इसलिए जब आप आम मुसलमान को पूछेंगे तो सब लोग इस बिल का समर्थन कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा यह लोग मुस्लिमों को गुमराह करके उनको वोट बैंक बनाना चाहते हैं। अगर हम ऐसा कोई असंवैधानिक कानून लाएंगे तो क्या सुप्रीम कोर्ट चुप बैठेगा? यह देश संविधान से चलता है। किरेन रिजिजू ने कहा, “यह लोग कहते हैं कि मुस्लिमों की जमीन छिन जाएगी। कब्रिस्तान छिन जाएंगे, कौन छीन रहा है इन जमीनों को? देश के लोग समझदार हैं। पुराने वक्फ के कानून के हिसाब से यह पार्लियामेंट को, देश की राजधानी का जो एयरपोर्ट है, उसको वक्फ प्रॉपर्टी बताते है। क्या आपको मंजूर हैं यह सब चीजें?”
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने यह भी कहा कि PM मोदी ने सबका साथ, सबका विकास के नारे के साथ सबको आगे ले जाने का काम किया है। मैं हर हिंदुस्तानी को को यह कहना चाहता हूं कि चंद लोग जो अपने आप को मुस्लिमों का ठेकेदार समझते हैं, मुस्लिमों को वोट बैंक बना कर रखा हुआ है, उनको गुमराह करके रखा हुआ है, इनके बहकावे में नहीं आना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि इस देश का संविधान और कानून है और किसी भी व्यक्ति का संपत्ति छीनना संभव नहीं है। उन्होंने विरोध करने वालों से अपील करते हुए कहा वे यह बताएं कि यह विधेयक कानूनी क्यों है और उन्हें अपनी बात तर्कपूर्ण तरीके से रखनी चाहिए। यह झूठ फैलाना कि वक्फ संशोधन विधेयक के कारण मुस्लिमों की ज़मीन छीन ली जाएगी, समाज में भ्रम फैलाने जैसा है और यह देश के लिए हानिकारक हो सकता है।
रिजिजू ने उन नेताओं और राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथों लिया, जो इस प्रकार के झूठे प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने पूछा कि ऐसे लोग कौन हैं, जो बिना किसी ठोस आधार के इस प्रकार के भ्रामक आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब CAA का विरोध हुआ था, तब भी यही लोग वही झूठ फैला रहे थे कि इसके लागू होने से मुस्लिमों को देश से बाहर कर दिया जाएगा, लेकिन एक साल के बाद भी किसी मुस्लिम का अधिकार नहीं छीना गया। यह बेबुनियाद आरोप समाज में डर पैदा करने के लिए लगाए जा रहे हैं। वक्फ संशोधन विधेयक पर व्यापक चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पहले ही संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा गया है, जो इस पर गहन चर्चा कर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि जेपीसी ने अब तक 97 लाख से अधिक सुझाव, मेमोरेंडम और प्रतिनिधित्व प्राप्त किए हैं, जो एक व्यापक और लोकतांत्रिक परामर्श प्रक्रिया का हिस्सा हैं। इस विधेयक पर संसद में चर्चा के लिए पूरा तंत्र तैयार है और इसमें किसी भी दल के प्रतिनिधि अपनी राय खुलकर रख सकते हैं। सरकार पूरी तरह से संवैधानिक प्रक्रिया का पालन कर रही है और विधेयक को लेकर किसी प्रकार का छल नहीं किया जा रहा है। इस विधेयक पर संसद में होने वाली चर्चा के दौरान हर पहलू पर गहन बहस की जाएगी और हर प्रावधान और धारा पर विस्तार से विचार किया जाएगा। उन्होंने यह कहा कि अगर किसी को विधेयक के किसी भी प्रावधान से आपत्ति है, तो उसे तर्क के साथ संसद में व्यक्त किया जा सकता है।
रिजिजू ने यह भी कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि संसद में इस विधेयक पर होने वाली चर्चा शांतिपूर्ण और विचारपूर्ण होगी। उन्होंने हंगामा और झूठे आरोपों से बचने की अपील की और कहा कि समाज में शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है कि मुद्दों पर सही और तथ्यपूर्ण जानकारी दी जाए। यह विधेयक संसद के दोनों सदनों में चर्चा के लिए लाया जाएगा और सरकार पूरी तरह से इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखेगी। रिजिजू ने कहा कि सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार के दबाव या झूठे प्रचार का कोई स्थान नहीं है और सरकार हमेशा लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत काम करती है।
अंत में उन्होंने कहा कि ईद के इस खास मौके पर हमें झूठ से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे वह मुस्लिम हों या फिर किसी भी धर्म के हों सभी को सच बोलने की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ईद के दिन भी कोई झूठ बोलता है, तो इसका मतलब वह व्यक्ति नकली है। रिजिजू ने अपील करते हुए कि सभी लोगों को एकजुट होकर देश की बेहतरी के लिए काम करना चाहिए और अपने-अपने तर्कों के साथ मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।