अपराधियों के खिलाफ बुलडोज़र एक्शन को लेकर देशभर में आए दिन चर्चा होती रहती है। मोटे तौर पर माना जाता है कि इस कार्रवाई को बड़े पैमाने पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुरू किया था ताकि अपराधियों के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त किया जा सके। एक वर्ग विशेष इस कार्रवाई के खिलाफ लगातार बोलता रहा है और सुप्रीम कोर्ट में भी इस मामले को लेकर कई याचिकाएं दायर की गई हैं। ‘न्याय’ के इस मॉडल को मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में अपनाया गया है और पंजाब भी अब इसी मॉडल पर आगे बढ़ रहा है। पंजाब में नशे का अवैध कारोबार करने वाले लोगों के खिलाफ बुलडोज़र कार्रवाई की जा रही है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुलडोज़र एक्शन का समर्थन किया है।
मान ने क्या कहा?
पंजाब में ड्रग तस्करी के खिलाफ लगातार बुलडोज़र कार्रवाई की जा रही है। ड्रग तस्करी से कई जुड़े लोगों के भवनों को गिराया जा रहा है। इसी को लेकर टीवी9 के ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे समिट’ के दौरान भगवंत मान ने बुलडोज़र कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा गया था। मान ने कहा कि उन्होंने पंजाब में नशे के खिलाफ जंग शुरू की है। उन्होंने कहा कि नशे के सामान ज्यादातर बॉर्डर पार से आते हैं क्योंकि हमारा बॉर्डर स्टेट है।
मान ने कहा, “तस्करों ने नशा बेचकर कई घर बर्बाद कर दिए, उनके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज हैं। (तस्करों ने) नशा बेचकर जो पैसा कमाया उससे बिल्डिंग खड़ी कर लीं, किसी ने मैरिज पैलेस बना लिया, किसी ने बड़ी-बड़ी कोठियां बना लीं। कानून के मुताबिक, ड्रग मनी से या करप्शन की मनी से बनी हुई बिल्डिंग हैं, उसको हम ध्वस्त कर सकते हैं, इसलिए बुलडोज़र चलेगा।”
‘इलेक्टेड चलते हैं, सलेक्टेड नहीं चलते’
वहीं, भगवंत मान से जब सुप्रीम कोर्ट के बुलडोज़र एक्शन को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, “उनके घर जाकर देखें जिनके घर में एक ही बेटा था और वह नशे की वजह से मर गया है। तो यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।” मान ने ‘फैसला अदालत से होगा’ सवाल पर कहा, “20-20 साल तक केस चलते हैं और लोगों की अगली पीढ़ी आ जाती है। एक संदेश तो देना होगा कि अगर इसने (तस्कर) इतने घर बर्बाद कर दिए, उस पैसे से बनाए घर में यह भी नहीं रह सकता है।”
मान ने कहा कि सरकारें भी फैसला करती हैं और कोई कोर्ट में जाकर कहे कि यह घर गलत ध्वस्त कर दिया है तो फिर देख लेंगे। उन्होंने कहा, “मैं न्याय कर रहा हूं। सरकारें तो फैसला करेंगी ही, ये कैबिनेट के फैसले हैं और विधानसभा में फैसले होते हैं। लोकतंत्र में इलेक्टेड चलते हैं, सलेक्टेड नहीं चलते हैं और हम इलेक्टेड हैं।” वहीं, उन्होंने न्यायपालिका को चुनौती देने के सवाल पर कहा कि वह चुनौती नहीं दे रहे हैं और जब कोई आदेश आएगा तो देखेंगे।