नई दिल्ली: EVM हैक होने का फर्जी मुद्दा उठाकर चुनाव लड़ने वाला विपक्ष अब वोटर लिस्ट के जरिए चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। राहुल गांधी ने एक बार फिर संसद में वोटर लिस्ट का मुद्दा उठाया। साथ ही सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए कहा कि वोटर लिस्ट को लेकर उन्होंने चुनाव आयोग से जो मांग की थीं, वे अब तक पूरी नहीं हुईं।
हालांकि इस बीच हरियाणा चुनाव आयोग ने एक बयान जारी कर कहा है कि वोटर लिस्ट सही तरीके से प्रकाशित हो इसके लिए पार्टियों द्वारा तय किए गए एजेंट, बूथ लेवल ऑफिसर को जानकारियां उपलब्ध कराते हैं। इस बारे में राजनीतिक दलों को साल 2008 से ही बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करने के लिए कहा जा रहा है। लेकिन पार्टियां इस मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रही हैं।
क्या बोले राहुल गांधी?:
राहुल गांधी ने संसद में कहा:
पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। महाराष्ट्र में ब्लैक एंड व्हाइट वोटर लिस्ट पर सवाल उठे हैं। पूरा विपक्ष मिलकर सिर्फ यह कह रहा है कि वोटर लिस्ट पर यहां पर (संसद में) एक चर्चा हो जाए। आप (सरकार) बनाते नहीं हो, यह हम स्वीकार रह हैं। लेकिन आप यहां पर बहस तो कीजिए।”
पूरा विपक्ष संसद में वोटर लिस्ट पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है।
महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक महीने से अधिक हो गया है।
मगर पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग से हमने जो मांगें की थीं, वो अब तक पूरी नहीं की गई हैं। सवाल आज भी वैसे ही… pic.twitter.com/YJ2Y5wVkN9
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 10, 2025
“पूरा विपक्ष संसद में वोटर लिस्ट पर विस्तृत चर्चा की मांग कर रहा है। महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों को लेकर मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस को एक महीने से अधिक हो गया है।
मगर पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग से हमने जो मांगें की थीं, वो अब तक पूरी नहीं की गई हैं। सवाल आज भी वैसे ही बने हुए हैं। अब वोटर लिस्ट में डुप्लीकेट नामों के नए सबूत सामने आए हैं, जिससे और भी नए और गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए यह चर्चा बहुत ज़रूरी है।”
राहुल गांधी ने संसद में जो कहा उसका अर्थ यह है कि वह जानते हैं कि सरकार वोटर लिस्ट नहीं बनती। लेकिन फिर भी वह इस मुद्दे पर चर्चा करने की मांग कर रहे हैं। बेशक देश से जुड़े मुद्दे पर चर्चा करने की मांग करना सभी सांसदों का अधिकार है। लेकिन जिस मुद्दे का सरकार से संबंध ही नहीं है, उस मुद्दे पर चर्चा की मांग करना समझ से परे है।
चुनाव आयोग ने दिया जवाब
हालांकि राहुल गांधी के इस बयान से इतर हरियाणा चुनाव आयोग ने जो बयान जारी किया है, वह ना केवल राहुल गांधी बल्कि उनकी पार्टी कांग्रेस समेत वोटर लिस्ट पर सवाल उठाने वाले तमाम विपक्ष को जवाब देने के लिए काफी है।
दरअसल, हरियाणा के सूचना, लोक संपर्क, भाषा तथा संस्कृति विभाग (DPR) ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल का बयान पोस्ट किया है। एक्स (X) में शेयर किए गए इस बयान में कहा गया है:
उन्होंने कहा कि हरियाणा में 6 राष्ट्रीय स्तर तथा 2 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। सभी दलों को बूथ लेवल एजेंट 1 और 2 की नियुक्ति करनी है।राजनीतिक दलों के लिए बूथ लेवल एजेंट एक प्राधिकृत व्यक्ति है जो मतदान से संबंधित सामग्री अपनी पार्टी के लिए चुनाव आयोग से लेता है।
— DPR Haryana (@DiprHaryana) March 10, 2025
प्रदेश में राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से आह्वान किया है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों अनुसार सभी राजनीतिक दलों को अपने-अपने पार्टी के बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करना अनिवार्य है। हरियाणा में 6 राष्ट्रीय स्तर तथा 2 राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल हैं। सभी दलों को बूथ लेवल एजेंट 1 और 2 की नियुक्ति करनी है।
राजनीतिक दलों के लिए बूथ लेवल एजेंट एक प्राधिकृत व्यक्ति है जो मतदान से संबंधित सामग्री अपनी पार्टी के लिए चुनाव आयोग से लेता है। त्रुटि रहित मतदान सूची तैयार करने में बीएलओ को मतदाताओं के संबंध में आवश्यक जानकारी बूथ लेवल एजेंट उपलब्ध करवाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति करने की चुनाव आयोग ने सिफारिश की थी, लेकिन अधिकांश राजनीतिक दल इसके प्रति गंभीर नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि त्रुटि रहित मतदान सूची तैयार करने में बीएलओ को मतदाताओं के संबंध में आवश्यक जानकारी बूथ लेवल एजेंट उपलब्ध करवाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति करने की चुनाव आयोग ने सिफारिश की थी, लेकिन अधिकांश राजनीतिक दल इसके प्रति गंभीर नहीं हैं।
— DPR Haryana (@DiprHaryana) March 10, 2025
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के इस बयान को सीधे शब्दों में समझें तो इसका मतलब यह है कि चुनाव से जुड़ी सभी सामग्री EVM से लेकर VVPAT और वोटर लिस्ट समेत तमाम चीजों के वेरीफिकेशन के लिए सभी पार्टियों से बूथ लेवल पर 2 एजेंट नियुक्त करने के लिए कहा गया है। इन एजेंटों का काम चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त किए गए बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) को वोटर लिस्ट से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना भी है। यहां तक कि वोटर लिस्ट में सही एवं उचित व्यक्ति का ही नाम जुड़े, इसकी जानकारी BLO तक पहुंचाना भी पार्टियों के इन्हीं एजेंट्स का काम है।
इसके लिए चुनाव आयोग साल 2008 से ही पार्टियों को एजेंट नियुक्त करने के लिए कह रहा है। यदि पार्टियां इन एजेंट्स को नियुक्त करें तो वोटर लिस्ट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने की संभावना नहीं होगी। लेकिन पार्टियां एजेंट नियुक्त करने की जगह सिर्फ सियासत कर रही हैं।
वास्तव में देखें तो वोटर लिस्ट पर सवाल उठाने वाले नेताओं में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रमुख रूप से रहे हैं। बेहद दिलचस्प बात यह है कि ये वही नेता हैं जो पहले EVM पर सवाल उठाते नहीं थकते। चूंकि अब देश की जनता यह जान चुकी है कि EVM से छेड़छाड़ या हैकिंग की बातें पूरी तरह झूठी थीं, ऐसे में अब विपक्ष वोटर लिस्ट को मुद्दा बनाकर चुनाव आयोग बदनाम करने की साजिश कर रहा है।