पहलगाम में हुए बर्बर नरसंहार ने पूरे देश को भीतर तक हिला दिया है। हर ओर ग़ुस्सा, शोक और न्याय की मांग तेज़ हो चली है। इस जघन्य आतंकी हमले के बाद से सुरक्षाबल पूरे कश्मीर घाटी में एक्टिव मोड में आ चुके हैं और आतंक के खिलाफ व्यापक स्तर पर अभियान जारी है। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई के तहत अब तक जम्मू-कश्मीर में 6 आतंकियों के ठिकानों को जमींदोज कर दिया है। कार्रवाई का दायरा लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के गुर्गों तक फैला है। जिन आतंकियों के घर ढहाए गए हैं, उनमें लश्कर के आसिफ शेख, आदिल ठोकेर, हारिस अहमद और जैश के अहसान उल हक, जाकिर अहमद गनई व शाहिद अहमद कुटे शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक, अहसान उल हक 2018 में पाकिस्तान जाकर आतंकी ट्रेनिंग लेकर वापस लौटा था। वहीं आसिफ शेख और आदिल ठोकेर का नाम सीधे पहलगाम हमले से जुड़ा है। सेना ने त्राल, अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जैसे संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाकर यह सख्त कार्रवाई की है।
बीते 2 दिनों में 4 मुठभेड़
पहलगाम हमले के बाद कश्मीर घाटी में आतंक के खिलाफ अभियान ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। बीते 48 घंटों के भीतर सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच चार मुठभेड़ें हो चुकी हैं, जिनमें हालिया झड़प उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा जिले के कुलनार बाजीपोरा इलाके में सामने आई है। शुक्रवार सुबह सेना और पुलिस की संयुक्त टीम को इनपुट मिला कि कुछ आतंकी इस इलाके में छिपे हुए हैं।
सूचना मिलते ही सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। जैसे ही सुरक्षाबल इलाके में दाखिल हुए, छिपे आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में जवानों ने मोर्चा संभालते हुए मुठभेड़ शुरू की। इलाके को पूरी तरह घेर लिया गया है और ऑपरेशन फिलहाल भी जारी है। प्रशासन और सुरक्षाबलों ने स्थानीय नागरिकों से घरों में रहने और सहयोग बनाए रखने की अपील की है, ताकि किसी आम नागरिक को नुकसान न पहुंचे।
सेना प्रमुख का सख्त निर्देश
इससे पहले शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी घाटी के हालात का जायज़ा लेने श्रीनगर पहुंचे थे। वहां 15 कोर के कमांडर ने उन्हें घाटी की सुरक्षा स्थिति, चल रहे सर्च ऑपरेशनों और आतंकवादियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों की पूरी जानकारी दी। सेना अधिकारियों ने बताया कि जनरल द्विवेदी को एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे संघर्षविराम उल्लंघनों और भारतीय सेना द्वारा की जा रही जवाबी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी भी दी गई है।
इसी दौरान जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी सेना प्रमुख से मुलाकात की और साफ शब्दों में कहा कि पहलगाम हमले के गुनहगारों को किसी भी सूरत में बख्शा न जाए। उन्होंने आतंकवाद के पूरे ढांचे और उसकी जड़ों को नेस्तनाबूद करने पर ज़ोर दिया।