जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। इस नृशंस घटना पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे मजहबी आतंक करार देते हुए कहा है कि अब भारत में हिंदू होना खतरनाक हो गया है। साथ ही कहा कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाना चाहिए।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है, “हिंदुस्तान में ही हिंदू होना अगर घातक हो जाए, इससे बड़ा कोई दुर्भाग्य नहीं होगा। पहलगाम में जो घटना हुई, वह इस सदी की सबसे निंदनीय घटना है। आतंकियों ने ना यह पूछा कि आप किस जाति के हो, ब्राह्मण हो, क्षत्रिय हो, वैश्य हो या सेवक हो। उन्होंने ना एससी पूछा, ना एसटी पूछा, ना ओबीसी पूछा, ना सवर्ण पूछा। आतंकियों ने ना यह पूछा कि तुम तमिल बोलते हो, या मराठी बोलते हो, या गुजराती बोलते हो, या पंजाबी बोलते हो। उन्होंने सिर्फ यह पूछा कि क्या तुम हिंदू हो, और गोली मार दी। इससे बड़ा दुर्भाग्य इस देश का कभी नहीं हो सकता।”
धीरेन्द्र शास्त्री ने आगे कहा, “हिंदुओं के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह हो गई है कि अब तुम हिंदुस्तान में हिंदू होने पर खतरे में हो और वहां…जहां तुम 80% हो।”
उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि आखिर ऐसा क्यों है? और फिर इसका जवाब देते हुए कहा, “हमें लगता है कि हम लोग बंटे हुए हैं, इसलिए हालों में पड़े हैं। पहलगाम की वो 26 जिंदगियां, किसी का भाई गया, किसी का पिता गया, बच्चे बिलखते हुए, किसी का संसार बसने के पहले उजड़ गया। क्या बीत रही होगी? पूरा परिवार टूट चुका होगा, लेकिन हिंदुओं के लिए इस घटना ने बड़ी चिंता जाहिर कर दी।”
धीरेन्द्र शास्त्री ने यह भी कहा, “आखिर अब नहीं हम जागेंगे, तो कब जागेंगे? कौन कहता है आतंक का कोई मजहब नहीं होता? जरा देख लो पहलगाम की घटना को। इस घटना ने हृदय को झंझोर दिया है, इस घटना ने मन को तोड़ दिया है, इस घटना ने पुनः विचार करने पर हम सबको छोड़ दिया है। वैसे ईंट का जवाब तो पत्थर से देना चाहिए। पाकिस्तान सुधर नहीं सकता, ये तो तय है। हम यही अंत में कहेंगे, हिंदुओं से, अब नहीं जागे तो कभी नहीं जागे। इसलिए हम सबको एकजुट होकर अपनी शक्ति बल को बढ़ाना पड़ेगा। शस्त्र और शास्त्र, दोनों का संवर्धन, दोनों का संरक्षण करना पड़ेगा। हिंदुओं जागो।”