TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    झारखंड में बीजेपी की राज्यव्यापी पदयात्रा: घुसपैठ और आदिवासी आबादी में गिरावट के खिलाफ आंदोलन

    बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और आदिवासी आबादी की समस्याओं को लेकर झारखंड में BJP का बड़ा आंदोलन

    लालू यादव और तेजस्वी यादव का AI वीडियो

    लालू द्वारा किए ‘अपमान’ का दाग धोने के लिए तेजस्वी लाए आंबेडकर का AI वीडियो; जवाबदेही से बचा पाएगी डिजिटल आस्था?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    INS तमाल ने युद्धपोत आयात का किया अंत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    INS तमाल के बाद अब युद्धपोत का आयात नहीं करेगा भारत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    भाषा विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख, मनसे की गुंडागर्दी पर भी जताई नाराज़गी

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    है हिम्मत तो टोपी पहनने वालों की पिटाई करें, मराठी न बोलने वाले की पिटाई पर बोले नितेश राणे

    झारखंड में बीजेपी की राज्यव्यापी पदयात्रा: घुसपैठ और आदिवासी आबादी में गिरावट के खिलाफ आंदोलन

    बांग्लादेशी घुसपैठ, धर्मांतरण और आदिवासी आबादी की समस्याओं को लेकर झारखंड में BJP का बड़ा आंदोलन

    लालू यादव और तेजस्वी यादव का AI वीडियो

    लालू द्वारा किए ‘अपमान’ का दाग धोने के लिए तेजस्वी लाए आंबेडकर का AI वीडियो; जवाबदेही से बचा पाएगी डिजिटल आस्था?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    US के बाद भारत बनाएगा बंकर बस्टर मिसाइल: 24000 km/h की रफ्तार, जमीन के 100 मीटर भीतर तक करेगी वार

    INS तमाल ने युद्धपोत आयात का किया अंत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    INS तमाल के बाद अब युद्धपोत का आयात नहीं करेगा भारत, आत्मनिर्भर भारत की राह पर एक और कदम

    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    इस्लाम के गढ़ सऊदी अरब में रेत में छिपा था 8000 साल पुराना मंदिर, जानें और क्या-क्या मिला

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    पटना में सनातन महाकुंभ की तैयारियाँ तेज, 6 जुलाई को गांधी मैदान में होगा भव्य आयोजन

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार होगा भारत और पाकिस्तान के बीच मैच

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    भारत ने फिर ब्लॉक किए पाकिस्तानी कलाकारों के सोशल मीडिया अकाउंट्स

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

पीएम मोदी और मोहन भागवत की मुलाकात के क्या हैं मायने?

अतीत में युद्ध और आपात स्थितियों में कैसी रही है संघ की भूमिका, पढ़ें

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
30 April 2025
in समीक्षा
पीएम मोदी और मोहन भागवत की मुलाकात के क्या हैं मायने?
Share on FacebookShare on X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (29 अप्रैल) को देर शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के साथ लंबी बैठक की है। पीएम मोदी के आवास पर हुई यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के पीएम मोदी के आवास पर अचानक पहुंचने के बाद चर्चाओं का बाज़ार गरम है और इस बैठक के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। जब देश में पहलगाम आतंकी हमले के बाद आक्रोश है और पीएम मोदी कई हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं ऐसे में पीएम और भागवत की इस मुलाकात के मायने भी बढ़ जाते हैं। भागवत के साथ मीटिंग से ठीक पहले भी पीएम मोदी ने NSA, CDS और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत की थी।

मोदी-भागवत मुलाकात क्यों है अहम?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकी हमले में कम-से-कम 26 लोगों की मौत हो गई, इस हमले से कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने ‘टू नेशन थ्योरी’ की बात दोहराई थी। मुनीर ने कहा, “हम हर आयाम में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा मज़हब, रिवाज, परंपरा, सोच और मकसद सब अलग हैं। इसी सोच की बुनियाद पर ‘दो राष्ट्र’ के सिद्धांत का जन्म हुआ था। हम (हिंदू-मुस्लिम) एक राष्ट्र नहीं है बल्कि हम दो राष्ट्र हैं।” मुनीर के इस सिद्धांत के कुछ ही दिनों बाद पहलगाम में धर्म पूछ-पूछकर आतंकियों ने हिंदुओं की हत्या कर दी। इस बात के स्पष्ट संकेत मिले हैं कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान और वहां की सेना का हाथ था।

असीम मुनीर के इस बयान के पीछे की मंशा भारत के भीतर अस्थिरता पैदा करने की थी और आतंकियों ने जिस तरह धर्म पूछकर लोगों को मारा उसने भी उसी काम को आगे बढ़ाया। भारत-पाकिस्तान के साथ अगर शस्त्र संघर्ष की स्थिति में जाता है तो देश के भीतर स्थिरता बनाए रखना भी बड़ी चुनौती हो सकती है। पिछले दिनों जिस तरह पाकिस्तान परस्त लोग सामने आए हैं उन्होंने इस चिंता को बढ़ा दिया है। कहीं पर पाकिस्तान के झंडों की हिफाज़त करने की कोशिश की गई तो कहीं पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे तक लगाए हैं। संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है और देशभर में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग संगठन काम कर रहे हैं ऐसे में देश के भीतर माहौल को स्थिर रखने में संघ के स्वयंसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इसके अलावा किसी बड़े संघर्ष की स्थिति में सरकार को देश के भीतर भी सभी लोगों को साथ लेकर चलना होगा और सरकार की बातें अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे इसमें भी संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। संघ की शाखाओं के ज़रिए देश के बड़े हिस्से में उपस्थिति है और ऐसे में ज़्यादा लोगों तक जल्दी और सही संदेश पहुंचाने में संघ की मदद ली जा सकती है। जिस तरह वक्फ को लेकर देश भर में प्रदर्शन हुए हैं उससे भी देश में एक बड़ा धड़ा।

संगठन-सरकार के बीच टकराव पर संदेश

इस बैठक का एक संदेश संघ और सरकार के बीच टकराव को लेकर हो रही चर्चाओं पर विराम लगाना भी हो सकता है। अक्सर यह चर्चाएं चलती हैं कि संघ और बीजेपी के बीच मतभेदों के चलते ही बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा था। हालांकि, अब जब संघ प्रमुख भागवत खुद पीएम मोदी से मिलने गए हैं तो इसमें संदेश स्पष्ट है कि संघ किसी भी स्थिति में पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ा है। खासतौर पर जब देश के एक बड़े संघर्ष की और जाने की आशंका है ऐसे में संघ का स्पष्ट संदेश है कि देश पर विपत्ति के समय राष्ट्रहित सबसे ऊपर है।

पहले युद्ध में कैसी रही है संघ की भूमिका?

इससे पहले के युद्धों में भी संघ की स्पष्ट भूमिका रही है। अक्टूबर 1947 से ही RSS ने कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान की सेना की गतिविधियों पर नज़र रखने शुरू कर दी थी और पाकिस्तानी सैनिकों से लड़ते हुए कई स्वयंसेवकों ने अपने प्राण न्यौछावर तक कर दिए थे। साथ ही, कश्मीर के भारत में विलय को लेकर भी संघ के तत्कालीन प्रमुख एम एस गोलवलकर उपाख्य गुरुजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गुरुजी खुद श्रीनगर जाकर महाराजा से मिले थे और उन्हें भारत में विलय के लिए तैयार किया था। संघ ने बंटवारे के दौरान हज़ारों राहत शिविर भी लगाए थे और आज भी आपदा के समय संघ के स्वयंसेवक लोगों की मदद करने में सबसे आगे नज़र आते हैं। चाहे वह कोविड-19 जैसी महामारी हो या कोई भी प्राकृतिक आपदा।

1962 के भारत-चीन युद्ध में संघ के स्वयंसेवकों ने सैनिक आवाजाही मार्गों की चौकसी, प्रशासन की मदद, रसद और आपूर्ति में मदद की थी। स्वयंसेवक पूरे उत्साह के साथ सीमा पर पहुंचे और जवानों की मदद में जी-जान से जुटे रहे। संघ के स्वयंसेवकों ने सीमा पर सेना के लिए राशन पहुंचाने के साथ-साथ जिस रास्ते से सेना की गाड़ी जाती थी, उसकी सुरक्षा का जिम्मा संभाला था। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1963 में  संघ को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया था जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित हुए थे।

1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध से पहले हुई सभी दलों की बैठक में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने गोलवलकर को भी बुलाया था। इस युद्ध के दौरान संघ के स्वयंसेवकों को दिल्ली में ट्रैफिक के नियंत्रण की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। माना जाता है कि शास्त्री के अनुरोध पर स्वयंसेवकों ने युद्ध के मोर्चे पर तैनात सैनिकों को भोजन और अन्य आवश्यक आपूर्ति भी प्रदान की थी। इस युद्ध के दौरान घायल जवानों के लिए सबसे पहले रक्तदान करने वाले में संघ के स्वयंसेवक शामिल थे और उन्होंने कश्मीर की हवाई पट्टियों से बर्फ हटाने का काम भी किया था।

इसके अलावा दादरा, नगर हवेली और गोवा के भारत विलय में संघ की निर्णायक भूमिका रही थी। बीबीसी की खबर के मुताबिक, संघ के स्वयंसेवकों ने 2 अगस्त 1954 की सुबह पुर्तगाल का झंडा उतारकर भारत का तिरंगा फहराया, पूरा दादरा नगर हवेली पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करा कर भारत सरकार को सौंप दिया। 1955 से गोवा मुक्ति संग्राम में भी संघ ने बढ़कर भाग लिया था और जब नेहरू ने इसके लिए लड़ाई से इनकार कर दिया तो संघ के स्वयंसेवक खुद ही इसके लिए आंदोलन करने लगे थे और संघ के कार्यकर्ताओं के आंदोलनों के बाद सेना को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा और 1961 में गोवा आज़ाद हुआ। 1999 का कारगिल युद्ध हो या फिर 1984 के सिख दंगे संघ हमेशा भारत और भारत के लोगों के साथ खड़ा नज़र आता है।

2018 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिए RSS के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है। भावगत ने तब कहा था, “यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में सेना जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे।” संघ प्रमुख के इस बयान को करीब 7 वर्ष बीत गए हैं और देश के सामने आज जब मुश्किल घड़ी आती दिख रही है तो संघ किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार नज़र आ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत की यह मुलाकात राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक समन्वय और सामाजिक एकजुटता के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार और संघ के बीच मजबूत समन्वय और साझा उद्देश्यों को दर्शाती है। यह मुलाकात न केवल तात्कालिक संकट के जवाब में एक रणनीतिक कदम है बल्कि दीर्घकालिक रूप से भारत के सामाजिक ताने-बाने को सकारात्मक रुप से प्रभावित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

संबंधितपोस्ट

माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

यह वह मानसिकता है, जो टीएमसी के शासन में पनपती है, जानें क्यों दिया बीजेपी नेता अमित मालवीय ने यह बयान

जब महात्मा गांधी को ‘नस्लभेदी’ बताकर घाना में हटाई गई थी उनकी प्रतिमा

और लोड करें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (29 अप्रैल) को देर शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के साथ लंबी बैठक की है। पीएम मोदी के आवास पर हुई यह बैठक करीब डेढ़ घंटे तक चली है। संघ प्रमुख मोहन भागवत के पीएम मोदी के आवास पर अचानक पहुंचने के बाद चर्चाओं का बाज़ार गरम है और इस बैठक के कई निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। जब देश में पहलगाम आतंकी हमले के बाद आक्रोश है और पीएम मोदी कई हाई लेवल मीटिंग कर रहे हैं ऐसे में पीएम और भागवत की इस मुलाकात के मायने भी बढ़ जाते हैं। भागवत के साथ मीटिंग से ठीक पहले भी पीएम मोदी ने NSA, CDS और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बातचीत की थी।

मोदी-भागवत मुलाकात क्यों है अहम?

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए नृशंस आतंकी हमले में कम-से-कम 26 लोगों की मौत हो गई, इस हमले से कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने ‘टू नेशन थ्योरी’ की बात दोहराई थी। मुनीर ने कहा, “हम हर आयाम में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा मज़हब, रिवाज, परंपरा, सोच और मकसद सब अलग हैं। इसी सोच की बुनियाद पर ‘दो राष्ट्र’ के सिद्धांत का जन्म हुआ था। हम (हिंदू-मुस्लिम) एक राष्ट्र नहीं है बल्कि हम दो राष्ट्र हैं।” मुनीर के इस सिद्धांत के कुछ ही दिनों बाद पहलगाम में धर्म पूछ-पूछकर आतंकियों ने हिंदुओं की हत्या कर दी। इस बात के स्पष्ट संकेत मिले हैं कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान और वहां की सेना का हाथ था।

असीम मुनीर के इस बयान के पीछे की मंशा भारत के भीतर अस्थिरता पैदा करने की थी और आतंकियों ने जिस तरह धर्म पूछकर लोगों को मारा उसने भी उसी काम को आगे बढ़ाया। भारत-पाकिस्तान के साथ अगर शस्त्र संघर्ष की स्थिति में जाता है तो देश के भीतर स्थिरता बनाए रखना भी बड़ी चुनौती हो सकती है। पिछले दिनों जिस तरह पाकिस्तान परस्त लोग सामने आए हैं उन्होंने इस चिंता को बढ़ा दिया है। कहीं पर पाकिस्तान के झंडों की हिफाज़त करने की कोशिश की गई तो कहीं पर पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे तक लगाए हैं। संघ दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन है और देशभर में अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग संगठन काम कर रहे हैं ऐसे में देश के भीतर माहौल को स्थिर रखने में संघ के स्वयंसेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

इसके अलावा किसी बड़े संघर्ष की स्थिति में सरकार को देश के भीतर भी सभी लोगों को साथ लेकर चलना होगा और सरकार की बातें अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे इसमें भी संघ महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। संघ की शाखाओं के ज़रिए देश के बड़े हिस्से में उपस्थिति है और ऐसे में ज़्यादा लोगों तक जल्दी और सही संदेश पहुंचाने में संघ की मदद ली जा सकती है। जिस तरह वक्फ को लेकर देश भर में प्रदर्शन हुए हैं उससे भी देश में एक बड़ा धड़ा।

संगठन-सरकार के बीच टकराव पर संदेश

इस बैठक का एक संदेश संघ और सरकार के बीच टकराव को लेकर हो रही चर्चाओं पर विराम लगाना भी हो सकता है। अक्सर यह चर्चाएं चलती हैं कि संघ और बीजेपी के बीच मतभेदों के चलते ही बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पा रहा था। हालांकि, अब जब संघ प्रमुख भागवत खुद पीएम मोदी से मिलने गए हैं तो इसमें संदेश स्पष्ट है कि संघ किसी भी स्थिति में पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ा है। खासतौर पर जब देश के एक बड़े संघर्ष की और जाने की आशंका है ऐसे में संघ का स्पष्ट संदेश है कि देश पर विपत्ति के समय राष्ट्रहित सबसे ऊपर है।

पहले युद्ध में कैसी रही है संघ की भूमिका?

इससे पहले के युद्धों में भी संघ की स्पष्ट भूमिका रही है। अक्टूबर 1947 से ही RSS ने कश्मीर सीमा पर पाकिस्तान की सेना की गतिविधियों पर नज़र रखने शुरू कर दी थी और पाकिस्तानी सैनिकों से लड़ते हुए कई स्वयंसेवकों ने अपने प्राण न्यौछावर तक कर दिए थे। साथ ही, कश्मीर के भारत में विलय को लेकर भी संघ के तत्कालीन प्रमुख एम एस गोलवलकर उपाख्य गुरुजी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। गुरुजी खुद श्रीनगर जाकर महाराजा से मिले थे और उन्हें भारत में विलय के लिए तैयार किया था। संघ ने बंटवारे के दौरान हज़ारों राहत शिविर भी लगाए थे और आज भी आपदा के समय संघ के स्वयंसेवक लोगों की मदद करने में सबसे आगे नज़र आते हैं। चाहे वह कोविड-19 जैसी महामारी हो या कोई भी प्राकृतिक आपदा।

1962 के भारत-चीन युद्ध में संघ के स्वयंसेवकों ने सैनिक आवाजाही मार्गों की चौकसी, प्रशासन की मदद, रसद और आपूर्ति में मदद की थी। स्वयंसेवक पूरे उत्साह के साथ सीमा पर पहुंचे और जवानों की मदद में जी-जान से जुटे रहे। संघ के स्वयंसेवकों ने सीमा पर सेना के लिए राशन पहुंचाने के साथ-साथ जिस रास्ते से सेना की गाड़ी जाती थी, उसकी सुरक्षा का जिम्मा संभाला था। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1963 में  संघ को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया था जिसमें सैकड़ों स्वयंसेवक गणवेश में उपस्थित हुए थे।

1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध से पहले हुई सभी दलों की बैठक में तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने गोलवलकर को भी बुलाया था। इस युद्ध के दौरान संघ के स्वयंसेवकों को दिल्ली में ट्रैफिक के नियंत्रण की ज़िम्मेदारी सौंपी गई थी। माना जाता है कि शास्त्री के अनुरोध पर स्वयंसेवकों ने युद्ध के मोर्चे पर तैनात सैनिकों को भोजन और अन्य आवश्यक आपूर्ति भी प्रदान की थी। इस युद्ध के दौरान घायल जवानों के लिए सबसे पहले रक्तदान करने वाले में संघ के स्वयंसेवक शामिल थे और उन्होंने कश्मीर की हवाई पट्टियों से बर्फ हटाने का काम भी किया था।

इसके अलावा दादरा, नगर हवेली और गोवा के भारत विलय में संघ की निर्णायक भूमिका रही थी। बीबीसी की खबर के मुताबिक, संघ के स्वयंसेवकों ने 2 अगस्त 1954 की सुबह पुर्तगाल का झंडा उतारकर भारत का तिरंगा फहराया, पूरा दादरा नगर हवेली पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करा कर भारत सरकार को सौंप दिया। 1955 से गोवा मुक्ति संग्राम में भी संघ ने बढ़कर भाग लिया था और जब नेहरू ने इसके लिए लड़ाई से इनकार कर दिया तो संघ के स्वयंसेवक खुद ही इसके लिए आंदोलन करने लगे थे और संघ के कार्यकर्ताओं के आंदोलनों के बाद सेना को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा और 1961 में गोवा आज़ाद हुआ। 1999 का कारगिल युद्ध हो या फिर 1984 के सिख दंगे संघ हमेशा भारत और भारत के लोगों के साथ खड़ा नज़र आता है।

2018 में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो देश के लिए RSS के पास तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने की क्षमता है। भावगत ने तब कहा था, “यह हमारी क्षमता है पर हम सैन्य संगठन नहीं, पारिवारिक संगठन हैं लेकिन संघ में सेना जैसा अनुशासन है। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयं सेवक मोर्चा संभाल लेंगे।” संघ प्रमुख के इस बयान को करीब 7 वर्ष बीत गए हैं और देश के सामने आज जब मुश्किल घड़ी आती दिख रही है तो संघ किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार नज़र आ रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत की यह मुलाकात राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीतिक समन्वय और सामाजिक एकजुटता के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही, यह पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार और संघ के बीच मजबूत समन्वय और साझा उद्देश्यों को दर्शाती है। यह मुलाकात न केवल तात्कालिक संकट के जवाब में एक रणनीतिक कदम है बल्कि दीर्घकालिक रूप से भारत के सामाजिक ताने-बाने को सकारात्मक रुप से प्रभावित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।

स्रोत: जम्मू-कश्मीर, पहलगाम, नरेंद्र मोदी, मोहन भागवत, बीजेपी, आरएसएस, पाकिस्तान, जवाहरलाल नेहरू, Jammu and Kashmir, Pahalgam, Narendra Modi, Mohan Bhagwat, BJP, RSS, Pakistan, Jawaharlal Nehru
Tags: BJPJammu and KashmirJawaharlal NehruMohan BhagwatNarendra ModiPahalgamPakistanrssआरएसएसजम्मू-कश्मीरजवाहरलाल नेहरूनरेंद्र मोदीपहलगामपाकिस्तानबीजेपीमोहन भागवत
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जातीय जनगणना पर मुहर के साथ मोदी कैबिनेट की बड़ी सौगातें – कैबिनेट बैठक में लिए गए ये अहम फैसले

अगली पोस्ट

रक्षा के क्षेत्र में इबारत लिख रहा आत्मनिर्भर भारत, आकड़ों और हालातों से जानें ये क्यों जरूरी?

संबंधित पोस्ट

ज़ोहरान ममदानी (Photo - X/@ZohranKMamdani)
चर्चित

ज़ोहरान ममदानी: भारत और हिंदुओं को बदनाम करने वाला क्यों बन गया वामपंथियों का नया नायक?

27 June 2025

न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के प्राइमरी चुनाव में ज़ोहरान ममदानी ने एंड्रयू कुओमो को हरा दिया है, यानि अब वे...

फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?
राजनीति

फेक न्यूज़ सिर्फ बहाना! एक और आपातकाल लगाने की तैयारी कर रही है कांग्रेस?

23 June 2025

25 जून 1975 को देश में कांग्रेस की सरकार थी और दिल्ली के उन इलाकों में बिजली काट दी गई थी, जहां बड़े मीडिया हाउस...

राजा रघुवंशी की बहन सृष्टि रघुवंशी
समीक्षा

राजा रघुवंशी की बहन सृष्टि के इंस्टाग्राम रील्स: न्याय की लड़ाई या फॉलोअर्स का खेल?

13 June 2025

इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी द्वारा हत्या किए जाने का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। इस हत्याकांड में...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Rage on stage: why a police officer resigned quit after CM's outburst

Rage on stage: why a police officer resigned quit after CM's outburst

00:03:40

Right to religion vs duty to identify: where should India draw the line?

00:04:34

Junior Kharge Calls to Ban RSS Amid Karnataka Congress Civil War!

00:10:02

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21

Crash or sabotage? Aviation expert on ahmedabad plane crash probe.

00:13:37
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited