सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें एक मुस्लिम महिला अपने छोटे बच्चे के साथ सड़क पार कर रही होती है और अचानक एक कार उसे टक्कर मार देती है। महिला ने बुर्का पहना हुआ है, और ये एक दुखद दुर्घटना है, लेकिन कुछ सोशल मीडिया हैंडल्स ने इसे एक अलग ही दिशा देने की कोशिश की है।
दावा किया जा रहा है कि यह हादसा महिला की धार्मिक पहचान की वजह से हुआ, और भारत में मुसलमानों के साथ मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। एक ट्विटर यूज़र ने तो भारत की तुलना सीधे इज़राइल से करते हुए इसे सुनियोजित हमला बता दिया। इस ट्वीट को लाखों लोग देख चुके हैं और सैकड़ों यूज़र्स बिना तथ्य जांचे वही दावा दोहरा रहे हैं बिना ये जाने की वायरल हो रहे वीडियो की सच्चाई क्या है। क्या वाकई ऐसा कुछ हुआ था? या यह भी उन वायरल फेक नैरेटिव्स में से एक है, जो हर बार भारत को बदनाम करने के लिए गढ़े जाते हैं? आइए, अब तथ्यों के साथ जानते हैं कि इस वायरल वीडियो की असली सच्चाई क्या है…
वायरल वीडियो की सच्चाई
Alt News की फैक्ट-चेक रिपोर्ट के मुताबिक, मलयालम मीडिया संस्था Mathrubhumi ने 29 अप्रैल (मंगलवार) को इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी। रिपोर्ट के अनुसार, 26 अप्रैल (शनिवार) को यह हादसा मल्लापुरम ज़िले के कोट्टक्कल कस्बे में हुआ था। पीड़ित महिला, बदहरिया, स्वगतामाडु की रहने वाली हैं। उस दिन वे अपने बेटे एमिर मोहम्मद को आंगनवाड़ी केंद्र से लेकर लौट रही थीं, तभी HMS अस्पताल के सामने एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी।
रिपोर्ट के साथ जारी वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि हादसे के तुरंत बाद कार वहीं रुक गई थी और उसमें सवार दो लोग तेजी से बाहर निकलकर घायल महिला की मदद के लिए दौड़ते हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि हादसे के बाद भागने की कोई मंशा नहीं थी।
Mathrubhumi की एक और रिपोर्ट में बताया गया है कि ड्राइवर की आंखें झपकने के कारण यह हादसा हुआ था यानी यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी, कोई सांप्रदायिक साज़िश नहीं। Alt News ने इस मामले में कोट्टक्कल पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि पीड़िता बदहरिया अब स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं। पुलिस ने बताया कि मामला एक सामान्य सड़क दुर्घटना के रूप में दर्ज किया गया है। Alt News द्वारा प्राप्त की गई FIR के मुताबिक आरोपी का नाम मोहम्मद सानूप है यानी वह स्वयं मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है।
FIR में यह भी उल्लेख है कि हादसा लापरवाह ड्राइविंग की वजह से हुआ था, और बदहरिया को दाहिने पैर में चोट, ऊपरी होंठ और बाईं गाल पर कट, तथा सिर के पिछले हिस्से में भी चोट लगी है। FIR 29 अप्रैल को दर्ज हुई यानी हादसे के तीन दिन बाद। साफ है कि इस सड़क दुर्घटना को एक सोची-समझी रणनीति के तहत सांप्रदायिक चश्मे से देखने की कोशिश की जा रही है। लेकिन सच्चाई यह है कि कार रुक गई थी, मदद की गई थी, और आरोपी भी उसी समुदाय से है जिससे पीड़िता ताल्लुक रखती हैं।