TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    मुजफ्फरपुर का गोलू हत्याकांड: जंगलराज की सबसे भयावह दास्तान

    INDIA-Pakistan match

    BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य

    “डील नहीं, डिज़ाइन, दलाली नहीं, डिलीवरी: बदलेगा भारत का रक्षा भविष्य”

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    क्या फिर तिलमिलाएगा चीन? LAC के पास भारत का बड़ा दांव और पाकिस्तान की बढ़ी बेचैनी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

    Operation Polo

    ऑपरेशन पोलो: जब दिल्ली में बम गिराने जा रहा था पाकिस्तान

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    कोहिनूर: भारत की धरती से ब्रिटिश ताज तक – लूट और अपमान की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

प्रथम विश्व युद्ध से भारत-पाक तक: ड्रोन कैसे बदल रहे हैं जंग की दिशा?; जानें इतिहास, टेक्नोलॉजी और उपयोग की पूरी कहानी

Drone Warfare: तकनीक विस्तार के दौर में जंग की सूरत भी बगल गई है। अब समय ड्रोन युद्ध का आ गया है। आइये जानें इसका इतिहास और टेक्नोलॉजी क्या है?

Shyamdatt Chaturvedi द्वारा Shyamdatt Chaturvedi
13 May 2025
in आयुध, भारत, रक्षा
Drone Warfare india pakistan

Drone Warfare india pakistan

Share on FacebookShare on X

Drone Warfare: जब तलवारें खामोश हो जाती हैं तो तकनीक बोलने लगती है। बीते कुछ दशकों में तकनीक जैसे-जैसे विस्तार कर रही है। वैसे-वैसे ही युद्ध की परिभाषा भी बदलती गई। एक दौर था जब जंग टैंक, बंदूक के सहारे सैनिकों की टुकड़ियां लड़ा करती थी। मोर्चे पर आमना-सामना भी होता था। हालांकि, आज ड्रोन युद्ध के नाम पर जंग की नई सूरत उभर कर आई है। इसका उदाहरण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव में देखने को मिला। हालांकि, ये कोई पहली दफा नहीं था कि ऐसे हालातों में ड्रोन का उपयोग किया गया है। इससे पहले भी कई युद्ध और अभियानों में ड्रोन का उपयोग हुआ है। आइये जानें ड्रोर वार फेयर क्या है? भारत पाक तनाव में उपयोग हुए ड्रोन और उसकी तकनीक क्या है?

ड्रोन युद्ध भविष्य का नहीं बल्कि आज का युद्ध है। ड्रोन आधुनिक युद्ध प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। इससे जन हानि को रोकने में सहायता मिलती है। इसके साथ ही निगरानी, जासूसी, प्रत्यक्ष हमलों से पहले की तैयारी भी आसान हो गई है। इतना ही नहीं इससे किसी भी जंग की लागत भी कम हुई है। हालांकि, इसके कुछ खतरे भी है। क्योंकि, ये कई बार गैर राज्य तत्वों के पास जाते हैं जो अनैतिक तबाही का कारण बन बनता है।

संबंधितपोस्ट

भारत-अमेरिका: टैरिफ युद्ध, कूटनीतिक खेल और बैकडोर डील की कहानी

BCCI के लिए संदेश: ‘काली पट्टी’ बांधो या न बांधों- पहलगाम के जख्म ‘हरे’ ही रहेंगे

उमा भारती का बड़ा बयान: “पीओके वापस लेने के बाद ही भारत का उद्देश्य पूरा होगा”

और लोड करें

ये भी पढ़ें: ऑपरेशन सिंदूर से ड्रैगन की खुली पोल: पाकिस्तान की हार में चीन को क्यों हो रहा है दर्द?

भारत पाकिस्तान तनाव में ड्रोन का उपयोग

पहलगाम हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चलाया गया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया। 7 मई के बाद से युद्ध जैसे हालात बनने लगे। आतंकियों के खिलाफ भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने हमले शुरू कर दिए। भारत के आसमान में कई ड्रोन भेजे गए। हालांकि, इन्हें भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने भी पाकिस्तान और PoK में अपने ड्रोन भेजे और वहां के एयरबेस और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

भारत ने उपयोग किए स्काईस्ट्राइकर कामिकेज

ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने मुख्य रूप से स्काईस्ट्राइकर कामिकेज़ ड्रोन का उपयोग किया है। यह ड्रोन अदानी समूह की एक कंपनी अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजीज और इजरायली कंपनी एल्बिट सिक्योरिटी सिस्टम मिलकर बनाती हैं। हालांकि, सेना की ओर से इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि उन्होंने इसका उपयोग किया है।

  • स्काईस्ट्राइकर एक लाइटरिंग म्यूनिशन है।
  • लाइटरिंग म्यूनिशन मतलब कि टारगेट को पहचान कर निशाना बनाने वाला।
  • इसमें 5 या 10 किलोग्राम का वारहेड ले जाने की क्षमता है।
  • इसकी मारक सीमा लगभग 100 किलोमीटर है।
  • यह इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन द्वारा संचालित होता है। इस कारण दुश्मन के कानों से बच जाता है।
  • यह नीची ऊंचाई पर चुपके से मिशन को अंजाम दे सकता है।

पाकिस्तान ने चलाए एसिसगार्ड सोंगर ड्रोन

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान 7-8 मई की रात को जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इन हमलों पाकिस्तान ने तुर्की में बने सोंगर ड्रोन का इस्तेमाल किया था। इसे एसिसगार्ड कंपनी ने बनाा है। छोटे आकार के कारण इसका ट्रांसपोर्ट आसान हो जाता है। ये 25 किलोग्राम वजनी 145 सेमी चौड़ा और 70 सेमी लंबा होता है। सोंगर ड्रोन हल्का लेकिन घातक हथियार है। हालांकि, तुर्की सोंगर ड्रोन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम के आगे टिक नहीं पाए।

  • सोंगर ड्रोन में 200 गोलियों वाली 5.56×45 मिमी नाटो-स्टैंडर्ड मशीन गन लग जाती है।
  • ड्रोन में OASIS नाम का स्टेबलाइजेशन सिस्टम और रोबोटिक आर्म्स भी है।
  • दावा किया जाता है कि ये 200 मीटर की दूरी से 15 सेमी चौड़े लक्ष्य को मार सकता है।
  • इसमें 40 मिमी ग्रेनेड लांचर, टोगन 81 मिमी मोर्टार का कॉम्बो होता है।
  • इसमें लगी लेजर-गाइडेड मिनी-मिसाइल 2 किमी दूर तक पहुंच सकती है।
  • 2024 में इसमें ड्रोन में छह बैरल वाला 40 मिमी रोटरी ग्रेनेड लांचर भी जोड़ा गया था।
  • मीडिया रिपोर्ट में 400 ड्रोन की कीमत लगभग 80 करोड़ रुपए आंकी गई है।

अनमैन्ड ऑपरेशन की शुरुआत

1948 में वेनिस ने ऑस्ट्रिया से आजाद होने का ऐलान कर दिया। इसके बाद 1949 में ऑस्ट्रिया ने वेनिस शहर पर गुब्बारों में बांधकर बम बरसाए थे। इसे किसी भी नेवी के द्वारा पहले एग्रेसिव अनमैन्ड एयर पावर के उपयोग के रूप में देखा जाता है। हालांकि, ये ड्रोन नहीं बलून बम थे। ऑस्ट्रिया हॉट एयर बैलून में 24 से 30 पाउंड बम बम भरकर ले जाता था। हालांकि, बताया जाता है कि करीब 200 बैलून से विद्रोह को दबाने की कोशिश में कुछ ही जमीन पर गिरे और फटे। बाकि, दिशा विहीन होकर अपने लक्ष्य से भटक गए।

सदी भर पुराना है ड्रोन

ड्रोन के इतिहास की बात करें तो प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) के दौरान भारी जन तबाही हो रही थी। इस कारण ब्रिटेन और अमेरिका ने बिना पायलट के विमाम बनाने की कोशिश शुरू की। इसका नतीजा था कि ब्रिटेन ने 1917 में एरियल टारगेट और अमेरिका ने 1918 में केटरिंग बग बनाए। हालांकि, इनका उपयोग जंग में नहीं हो पाया। भले अमेरिका और ब्रिटेन के ये पहले ड्रोन जंग में काम नहीं आए लेकिन इन्होंने जंग को नई दिशा में ले जाने का रास्ता खोल दिया।

ये भी पढ़ें: परमाणु विहीन हो जाता पाकिस्तान! आखिर कैसे भारत ने घुटनों पर लाया?

साल 1935 में ब्रिटेन ने ‘क्वीन बी’ नाम का रिमोट-कंट्रोल ड्रोन बनाया। यहीं से ड्रोन शब्द की उत्पत्ति मानी जाती है। 1950-60 के दौर में अमेरिका ने कई छोटे ड्रोन बनाए। उसने वियतनाम में इसका उपयोग किया। 1970 के दौर में इसकी तकनीक में विस्तार हुआ। लगातार ड्रोन की उड़ान छमता बढ़ती गई। 90 का दौर आते-आते ड्रोन रियल टाइम मॉनिटरिंग करने लगे। 21वीं सदी में तो ड्रोन प्रमुख हथियार बन गए। साल 2000 में अमेरिका ने ‘प्रिडेटर ड्रोन’ को हेलफायर मिसाइलों के कॉबो के साथ तैयार किया।

  • रूस-यूक्रेन युद्ध में ड्रोन ने टैंक और सैन्य ठिकानों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाई।
  • इजराइल-हमास संघर्ष में ड्रोन का उपयोग सटीक हमलों और निगरानी के लिए हुआ।
  • अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान, पाकिस्तान और यमन में ड्रोन प्रयोग किया।
  • इजरायल हमास युद्ध के दौरान भी भारी संख्या में ड्रोन  का उपयोग किया गया है।

भारत में कब शुरू हुआ उपयोग

भारत ने ड्रोन की ताकत को आजमाने की बात करें तो सबसे पहले 1999 के करगिल युद्ध में इसे देखा गया था। भारतीय वायुसेना के पायलट उस समय जासूसी मिशन पर जाना पड़ता था। इसमें एक कैनबरा जासूसी विमान हताहत हुआ था। इसके बाद इजरायल ने भारत को ‘सर्चर’ और ‘हेरॉन’ ड्रोन दिए थे। इसके बाद 2002 में भारत ने इजराइल से ‘सर्चर Mk II’ और ‘हेरॉन’ ड्रोन खरीदे। फिर क्या, भारत का ड्रोन बेड़ा लगातार बढ़ता चला गया।

भारत की ड्रोन खरीद

  • साल 1999 में इजरायल से सर्चर और हेरॉन ड्रोन लिए गए।
  • साल 2002 में इजराइल से ही सर्चर-Mk II और हेरॉन की खरीद हुई।
  • इसके बाद अगले कुछ साल में भारत ने आत्मघाती हार्पी ड्रोन खरीदा।
  • साल 2009 में करीब 100 मिलियन डॉलर में हारॉप ड्रोन खरीदे गए हैं।
  • हार्पी और हारॉप ड्रोन दुश्मन के रडार को नष्ट करने और अपना टारगेट खोजने में सक्षम हैं।
  • साल 2021 में इजरायल से लंबे समय की उड़ान वाले ‘हेरॉन TP/मार्क 2’ ड्रोन लिए गए।
  • ‘हेरॉन TP/मार्क 2’ अपने साथ भारी गोला बारूद भी ले जा सकता है।
  • साल 2020 में अमेरिका से MQ-9B सीगार्जियन किराए पर लिए गए थे।
  • 2024 में अमेरिका के साथ MQ-9 रीपर ड्रोन की खरीद का सौदा हुआ है।
  • भारत अब अपनी ड्रोन इंडस्ट्री भी विकसित कर रहा है।

क्यों हैं ड्रोन युद्ध खास?

आधुनिक ड्रोन हाई-डेफिनिशन कैमरों और GPS सिस्टम से लैस होते हैं। ये दुश्मन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं और सेंटीमीटर स्तर की सटीकता से हमला कर सकते हैं। पारंपरिक विमानों या टैंकों की तुलना में ड्रोन काफी सस्ते होते हैं, लेकिन इसका असर भारी होता है। ड्रोन युद्धों में सैनिकों को दुश्मन की सीमा में भेजने की जरूरत नहीं होती। इससे जान का जोखिम काफी हद तक कम हो जाता है। लंबी उड़ान भर सकते हैं और लगातार दुश्मन के इलाके में निगरानी रख सकते हैं। इसी कारण आज के दौर में युद्ध में इनका उपयोग किया जाता है।

अब ड्रोन युद्ध का वक्त है

साफ है कि ये वक्त अब ड्रोन वॉर का समय है। रशिया यूक्रेन वॉर, इजरायल हमास वॉर में ड्रोन का उपयोग होता आ रहा है। वहीं अमेरिका ने 9/11 के हमले के बाद आतंकियों को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का भारी संख्या में उपयोग किया है। 8 मई भारत ने लाहौर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम ड्रोन से ही तबाह किया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भी भारत के कई इलाकों पर ड्रोन अटैक से ही अटैक किया। कुल मिलाकर मिलाकर अब वक्त इंसानी जंग से ज्यादा तकनीकी जंग पर आधारित है।

Tags: DroneDrone Warfareindia pakistan tensionsoperation sindoorPahalgam Attack
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

टैरिफ पर भारत का बड़ा एलान, एल्युमिनियम-स्टील इंपोर्ट पर 25% ड्यूटी वसूल रहे US पर लगाई जायेगी रेसिप्रोकाल टैरिफ

अगली पोस्ट

‘शरिया के खिलाफ है शतरंज’, तालिबान के निशाने पर राजा, वजीर और प्यादे; अफगानिस्तान में लगा बैन

संबंधित पोस्ट

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा
इतिहास

गोवा मुक्ति संग्राम और नारायण आप्टे: बलिदान, संघर्ष और भारतीय राष्ट्रवाद की अपराजेय गाथा

15 September 2025

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में कई मोर्चे हैं—कुछ किताबों के पहले पन्नों पर दर्ज हैं, तो कुछ हाशिये पर दबे रह गए। 1947 में...

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक
चर्चित

अदालत का बड़ा फैसला: वक्फ़ अधिनियम पर बरकरार रहा अस्तित्व, लेकिन कई धाराओं पर लगी रोक

15 September 2025

दिल्ली की अदालत में सोमवार सुबह का दृश्य किसी ऐतिहासिक मुकदमे जैसा था। खचाखच भरे कक्ष में वकीलों की फुसफुसाहट और दर्शकों की उत्सुक निगाहें...

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम
अमेरिकाज़

भूमध्यसागर में भारत की दहाड़: आईएनएस त्रिकंद ने बढ़ाया नौसैनिक परचम

15 September 2025

जब भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस त्रिकंद भूमध्यसागर की लहरों पर उतरा, तो यह सिर्फ एक साधारण तैनाती नहीं थी। यह उस भारत की पहचान...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

Why Congress Wants to Erase Chhatrapati Shivaji Maharaj from Public Memory?

00:06:37

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited