TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    एबीवीपी ने एक लाख रुपये के चुनावी बॉन्ड और फीस वृद्धि के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया

    एबीवीपी का दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रदर्शन: चुनावी बॉन्ड और फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का हल्ला बोल

    अल्पसंख्यक समाज के कार्यक्रम में CM नीतीश कुमार ने नहीं पहनी टोपी

    कार्यक्रम में नीतीश कुमार का बदला अंदाज़: टोपी नहीं पहनने पर उठे सवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    एबीवीपी ने एक लाख रुपये के चुनावी बॉन्ड और फीस वृद्धि के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया

    एबीवीपी का दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रदर्शन: चुनावी बॉन्ड और फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का हल्ला बोल

    अल्पसंख्यक समाज के कार्यक्रम में CM नीतीश कुमार ने नहीं पहनी टोपी

    कार्यक्रम में नीतीश कुमार का बदला अंदाज़: टोपी नहीं पहनने पर उठे सवाल

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    पाकिस्तान की मनमानी पर भारत का जवाब, 24 सितंबर तक विमानों की उड़ान पर रोक

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    शिक्षक समेत दो सरकारी कर्मचारी निकले लश्कर-ए-तैयबा के मददगार, एलजी मनोज सिन्हा ने किया बर्खास्त

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    जयशंकर का दो टूक: अमेरिका से रिश्ते अहम, पर कुछ शर्तों पर झुकना मुमकिन नहीं

    "घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू"

    घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

    अब देश में ही बनेगा पांचवी पीढ़ी का फाइटर जेट और उसका इंजन, पीएम मोदी ने की थी घोषणा

    रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ान: स्वदेशी इंजन के साथ तैयार होगा भारत का 5th Gen Fighter

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    अमेरिका = पाकिस्तान, आम आदमी की त्रासदी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    "ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी बहस"

    ट्रक भर दस्तावेज़ या ठोस जवाब? सिंधु जल संधि पर नेहरू के बयान से उठी थी यह बहस

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    देवनागरी के नवदेवता बिनेश्वर ब्रह्म

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    3,000 साल पुराने भजन से हुआ भारत और भूमध्य सागर के संगीत संबंधों का खुलासा

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    सिन्ध में संघ कार्य के प्रणेता राजपाल पुरी, आज भी याद करते हैं पाकिस्तान से आए हिन्दू

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    40 मंजिला इमारत जितना ऊंचा! इसरो बना रहा है 92 मीटर का ‘सूर्य’ रॉकेट

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    ₹18,541 करोड़ का बंपर पैकेज: 4 सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट, लखनऊ मेट्रो विस्तार को हरी झंडी

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

भगवान बुद्ध: मानवता के लिए शांति और करुणा का रास्ता

बौद्ध दर्शन का आधार सिद्धांत उसका आर्य सत्य है और भगवान बुद्ध का समस्त सिद्धांत इन्हीं आर्य सत्यों के अंतर्गत आता है, पढ़ें कौनसे हैं ये आर्य सत्य?

Dr Alok Kumar Dwivedi द्वारा Dr Alok Kumar Dwivedi
12 May 2025
in संस्कृति
दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक' उत्सव के रूप में मनाते हैं जो 'वैशाख' शब्द का अपभ्रंश है

Share on FacebookShare on X

आज जब सम्पूर्ण विश्व अपने विभिन्न आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं से जूझ रहा है तो मानवता को किसी ऐसे विचार की आवश्यकता है जो उसका पथ प्रदर्शन कर सके। विश्व मानवता के पथ प्रदर्शक के रूप में सनातन परंपरा ने समय समय पर विचार पुंज प्रकट किया है। ऐसे ही प्रेरणा पुंज के रूप में भगवान बुद्ध का आविर्भाव हुआ। सनातन धर्म और संस्कृति की यह सदैव से विशेषता रही है कि यह स्वयं के भीतर भी परिमार्जन और शोधन को लेकर काफी मुखर रही है। इतिहास गवाह है कि सनातन व्यवस्था मे देश काल के अनुरूप परिवर्तन होते रहे हैं। जब जब समाज मे कोई ऐसा विचार पनपा जो कालखंड के किसी दौर में अनुपयोगी दिखाई पड़ता है तो तुरंत ही इसके संवर्धन और परिष्कार के लिए सनातन संस्कृति सदैव आग्रही रही है और यही प्रगतिशीलता ही सनातन व्यवस्था के जीवन होने का प्रमाण भी है। इसी विचार के क्रम में भगवान बुद्ध का आविर्भाव हुआ।भारतीय सनातन संस्कृति विश्व में सबसे अनूठी इस बात के लिए भी है कि यहाँ पर अपने विचार कि श्रेष्ठता और व्यवहार कि सुसंगतता के आधार पर देवत्व को भी प्रकट किया जा सकता है। योग दर्शन इस बात की पुष्टि भी करता है। इसी आधार पर राम, कृष्ण, शंकरचार्य और बुद्ध देवत्व को प्राप्त हो गए हैं।

बौद्ध परंपरा और पुरातात्विक निष्कर्षों के अनुसार, गौतम बुद्ध का जन्म लगभग 563–483 ईसा पूर्व के बीच लुंबिनी, नेपाल में हुआ था। उनकी माता, रानी माया देवी एवं पिता राजा शुद्धोधन थे। लुंबिनी में स्थित मायादेवी मंदिर, उसके आस–पास के उद्यान और सम्राट अशोक द्वारा 249 ईसा पूर्व में स्थापित अशोक स्तंभ बुद्ध के जन्मस्थल को चिह्नित करते हैं। दक्षिण और दक्षिण–पूर्व एशिया में बुद्ध के जन्म को ‘वेसाक‘ उत्सव के रूप में मनाते हैं जो ‘वैशाख‘ शब्द का अपभ्रंश है। इसमें उनके जन्म के साथ–साथ उनके ज्ञान प्राप्ति (बोधि) और महापरिनिर्वाण (निधन) की घटनाओं को भी सम्मिलित किया जाता है। अर्थात वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध के जीवन की यह तीनों घटनाएँ घटी थी इसीलिए इस दिन को त्रिविध पावनी भी कहा जाता है। यह उत्सव पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हालाँकि, तिब्बती बौद्ध परंपरा में बुद्ध के जन्म को अलग से मनाया जाता है, जिसे चौथे महीने की 7वीं तिथि को मनाया जाता है, जबकि उनकी बोधि और महापरिनिर्वाण को समर्पित वार्षिक उत्सव ‘सागा दावा दुचेन’ चौथे महीने की 15वीं तिथि को मनाया जाता है। पूर्वी एशिया में, विशेष रूप से वियतनाम और फिलीपींस में, बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति और मृत्यु के लिए अलग–अलग तिथियाँ मनाई जाती हैं।

संबंधितपोस्ट

बिहार: एक गौरवशाली अतीत लेकिन अपमानित होते लोग, ऐसा क्यों हो रहा है?

3rd Highest Leader In Buddhism: दलाई लामा का एक दांव, और चीन चारों खाने चित्त

‘चंदशोक’ से ‘अशोका द ग्रेट’- रोमिला थापर जैसे इतिहासकारों ने कैसे एक हिंसक राजा को ‘ग्रेट’ की उपाधि दी

और लोड करें

गौतम बुद्ध का जन्म सिद्धार्थ गौतम के रूप में राजा शुद्धोधन के घर हुआ था। उनका पालन–पोषण अत्यंत ऐश्वर्य और विलासिता में हुआ। उनके जन्म के समय यह भविष्यवाणी की गई थी कि वह एक महान सम्राट बनेंगे, इसलिए उन्हें वाह्य सांसरिक दुख रूप संसार से दूर रखा गया जिससे कि कोई भी घटना उनको वैराग्य की तरफ प्रवृत्त न कर सके। जब सिद्धार्थ गौतम 29 वर्ष के हुए, तो उन्होंने संसार को निकट से देखने की इच्छा जताई और रथ में बैठकर महल के बाहर भ्रमण पर निकाल पड़े। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने एक वृद्ध व्यक्ति, एक रोगी और एक मृत शरीर को देखा। चूँकि वे अब तक वृद्धावस्था, बीमारी और मृत्यु के दुखों से पूरी तरह अनभिज्ञ थे, अत: उनके सारथी को उन्हें इन दृश्यों का अर्थ समझाना पड़ा। यात्रा के अंत में उन्होंने एक भिक्षु (साधु) को देखा, जिसकी शांत मुद्रा ने उन्हें अत्यधिक प्रभावित किया। इस अनुभव से प्रेरित होकर सिद्धार्थ ने यह जानने का निश्चय किया कि उस साधु जैसी शांति और स्थिरता दुखों से भरे इस संसार में कैसे संभव है? इसके बाद उन्होंने महल त्याग दिया और एक संन्यासी (परिव्राजक तपस्वी) के रूप में अपने जीवन की यात्रा प्रारंभ की। उन्होंने आलार कालाम और उद्दक रामपुत्र से ध्यान और साधना की विधियाँ सीखी और शीघ्र ही उनके शिक्षण में निपुण हो गए। उन्होंने गहरे ध्यान और रहस्यमय अनुभूतियों को प्राप्त किया, परंतु वे संतुष्ट नहीं हुए। अतः वे निर्वाण — अर्थात् पूर्ण ज्ञान और मुक्ति की खोज में निकल पड़े। गृह त्याग के बाद सिद्धार्थ गौतम ने सत्य की खोज में सात वर्षों तक वनों में भटकते हुए कठोर तप किया। अंततः वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में स्थित एक वटवृक्ष (बोधिवृक्ष) के नीचे उन्हें बोधि प्राप्त हुई हुआ और वे बुद्ध बने। तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्होंने अपने अनुभवों का प्रचार–प्रसार करना शुरू किया और इस प्रकार बौद्ध धर्म की स्थापना की।

बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश के कुशीनगर स्थित महापरिनिर्वाण विहार—जहाँ भगवान बुद्ध ने अंतिम सांस ली थी— में एक महीने तक भव्य मेला लगता है। यद्यपि यह स्थान मूलतः बौद्ध तीर्थ है, परंतु इसके आसपास हिंदू जनसंख्या अधिक है, जो श्रद्धाभाव से यहाँ पूजा–अर्चना के लिए आते हैं। बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हिंदू और बौद्ध – दोनों धर्मों के अनुयायियों द्वारा श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, जिन्हें हिंदू परंपरा में भगवान विष्णु का नवम अवतार माना जाता है। इसी कारण से यह दिन न केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए, बल्कि हिंदू श्रद्धालुओं के लिए भी अत्यंत पवित्र माना जाता है। महापरिनिर्वाण विहार का स्थापत्य अजंता की गुफाओं से प्रेरित है और इसका विशेष महत्व बुद्ध के महापरिनिर्वाण से जुड़ा हुआ है। विहार में भगवान बुद्ध की 6.1 मीटर लंबी लेटी हुई प्रतिमा है, जो लाल बलुई पत्थर से बनी है और उन्हें भू–स्पर्श मुद्रा में दर्शाती है। यह मूर्ति उसी स्थान से प्राप्त हुई थी, जहाँ अब यह मंदिर निर्मित किया गया है। विहार के पूर्वी भाग में एक स्तूप भी स्थित है, जहाँ भगवान बुद्ध का अंतिम संस्कार हुआ था। यह मूर्ति अजंता की महापरिनिर्वाण मूर्ति की प्रतिकृति मानी जाती है।

भगवान बुद्ध द्वारा चलाया गया आंदोलन बौद्ध धर्म के रूप में प्रतिष्ठित हुआ। बुद्ध के ही वचनों एवं शिक्षाओं को उनके महापरिनिर्वाण के पश्चात् लिपिबद्ध किया गया। इसे पिटक कहा गया। पिटक तीन है – अभिधम्मपिटक जो कि सिद्धांत परक है, सुत्तपिटक जोकि उपदेश परक है तथा विनय पिटक जोकि शील एवं नीतिपरक है। बौद्ध दर्शन का नीति दर्शन विनय पिटक से उद्घोषित होता है। बौद्ध दर्शन मानव जीवन के सर्वोच्च आध्यात्मिक लक्ष्यों को महत्व प्रदान करता है। बौद्ध दर्शन का यह आध्यात्मिक लक्ष्य जीवन के समस्त दुखों की निवृत्ति के साथ आत्मदीपो भव: तक की यात्रा है जिसके अंश भारतीय उपनिषद परंपरा में स्पष्ट रूप से विद्यमान रहे हैं। इस संबंध में सर्वदर्शन के अनुसार, “बुद्ध के कर्म बाद एवं निर्माण प्राप्ति संबंधी विचार मूल रूप में उपनिषदों में निहित है”।

दुख एवं पीड़ा मानव जीवन के विशिष्ट अंग हैं, यह बात उपनिषद सहित सभी भारतीय दर्शन मानते हैं। उनका लक्ष्य तो केवल दुखी और पीड़ित संसार को दुख एवं पीड़ा से मुक्ति पाने हेतु मार्ग निर्देशन करना था। बौद्ध दर्शन व्यक्ति के कर्म एवं उसके सामर्थ्य को महत्व देता है। यह व्यक्ति को इतनी संकल्प एवं कर्म की स्वतंत्रता प्रदान करता है कि वह अपने व्यवहारिक समस्याओं का समाधान करते हुए आध्यात्मिक उत्कर्ष कर सके। वस्तुतः बौद्ध धर्म तत्कालीन समाज में मानवीय गरिमा को पुनर्स्थापित करने के रूप में एक युगांतकारी आंदोलन था। एम. हिरियन्ना के अनुसार, “बुद्ध के उपदेश स्वावलंबन पर विशेष बल देते हैं। प्रत्येक व्यक्ति स्वयं के प्रयासों के द्वारा निर्माण प्राप्त कर सकता है क्योंकि यह सोचना व्यर्थ है कि कोई किसी के लिए सुख–दुख उत्पन्न कर सकता है। यहां पर बौद्ध तथा गीता के कर्म सिद्धांत में समानता दिखलाई पड़ती है। जहां भगवतगीता में भी भगवान का स्पष्ट आदेश है कि व्यक्ति का अधिकार उसके कर्म पर है तथा कर्म के परिणामों को त्यागकर, कर्म को कर्तव्य मानकर कर्म करते हुए व्यक्ति व्यवहारिक एवं आध्यात्मिक उत्कर्ष कर सकता है”।

बौद्ध दर्शन का आधार सिद्धांत उसका आर्य सत्य है। भगवान बुद्ध का समस्त सिद्धांत इन्हीं आर्य सत्यों के अंतर्गत आता है। आर्य सत्य चार हैं –

1. दुख है ।

2. दुख का कारण है ।

3. दुख का निरोध संभव है ।

4. दुख निरोध का मार्ग भी है ।

इन्हीं आर्य सत्यों का ज्ञान पाकर सिद्धार्थ बुद्ध हुए। विचार पूर्वक देखें तो इन आर्य सत्यों में प्रत्येक की कल्पना किया जाना, उन सबको एक कार्य कारण सिद्धांत में पिरोया जाना निश्चित रूप में यह निरूपित करता है कि दुख का अंत उचित साधन के द्वारा किया जा सकता है । कुछ ऐसे तथ्य हैं जो मानव कल्याण के लिए सबसे अधिक उपयोगी है। सामान्यतः लोग दुख के अस्तित्व को तो मानते हैं परंतु वे दुख के संपूर्ण व्यवहारिक समाधान को लेकर संदेह करते हैं। तत्कालीन स्थिति में समाज दुख सहन को लेकर अभिशप्त भावों में था। ऐसी स्थिति में भगवान बुद्ध का पूरी दृढ़ता से दुख के संपूर्ण समाधान का व्यवहारिक प्रकटन निश्चित ही एक क्रांतिकारी सोच था। योगाभ्यासकार का कथन है कि, “जैसे चिकित्साशास्त्र चतुर्व्यूह है – रोग, रोगहेतु, आरोग्य और भेषज। ऐसे ही बौद्ध शस्त्र भी चतुर्व्यूह है, यथा – संसार, संसारहेतु, मोक्ष और मोक्षोपाय।

कालांतर में बौद्ध धर्म हीनयान और महायान में विभक्त हो गया। इनकी आचारनीति में कुछ भिन्नता भी दिखाई पड़ती है। उल्लेखनीय है कि बौद्ध धर्म में जब तक नैतिकता अलौकिकता से पृथक रही तब तक वह महात्मा बुद्ध के आत्म दीपो भव के अनुकूल बनी रही। हीनयान में व्यक्ति के व्यक्तिगत निर्वाण को अधिक महत्व दिया गया जबकि महायान अन्य व्यक्तियों के निर्वाण को भी संभव बनाता है। महायान का उद्घोष है कि मनुष्य को अन्य लोगों की मुक्ति के लिए भी प्रयत्नशील होना चाहिए। महात्मा बुद्ध एकमात्र अर्हत नहीं थे वरन वे लोकोत्तर पुरुष थे और इस प्रकार वह ऐतिहासिक सीमाओं से परे थे। महायानियों ने मुक्ति पाने के साधन के रूप में प्रज्ञा, शील, समाधि के बदले दान, शील, शांति, वीर्य, ध्यान तथा प्रज्ञा को स्वीकार किया। निर्वाण नकारात्मक अवधारणा न होकर एक सकारात्मक अवधारणा है ऐसा महायानियों का मानना था।

आज जब सम्पूर्ण विश्व आतंकवाद, गरीबी, भ्रष्टाचार और मानसिक दुर्बलता का शिकार हो रहा है तो बुद्ध और उनके वचन सार्थक विकल्प के रूप में सबके सामने उपस्थित होते हैं। बुद्ध एक व्यक्ति के रूप में इस रूप में महत्वपूर्ण हैं कि उन्होने जैसा किया वैसा बोला और जैसा बोला वैसा अपना जीवन जिया। उनके द्वारा दिया गया माध्यम मार्ग का सिद्धान्त आज के लोभ आधारित द्समज को आवश्यकता आधारित समाज कि तरफ दिशा देने का सर्वोत्तम उपाय है। इस रूप में भगवान बुद्ध मानवता के सदैव पाठ प्रदर्शक बने रहेंगे। 

Tags: buddha purnimaLord Buddhasiddhartha gautamaबुद्ध पूर्णिमाबौद्ध धर्मभगवान बुद्धसिद्धार्थ गौतम
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पाकिस्तान के सेना ने आतंकवादियों का साथ दिया, भारत पर हमले के लिए चीन और तुर्की के हथियारों का हुआ इस्तेमाल: भारतीय सेना

अगली पोस्ट

भारत पाकिस्तान ‘सीजफायर’ की इनसाइड स्टोरी, क्यों अमेरिका के पास पहुंचा पाक?

संबंधित पोस्ट

TOI का दोहरा मापदंड: एक ओर तुष्टिकरण, दूसरी ओर हिंदू संस्कृति पर चोट
ज्ञान

TOI का दोहरा मापदंड: एक ओर तुष्टिकरण, दूसरी ओर हिंदू संस्कृति पर चोट

18 August 2025

टाइम्स ऑफ़ इंडिया पर लंबे समय से हिंदू त्योहारों, परंपराओं और प्रतीकों के ख़िलाफ़ कहानी गढ़ने का आरोप लगता रहा है। लेकिन, हाल के हफ़्तों...

“जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:
चर्चित

“जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें”- स्वाधीनता दिवस और अखंड भारत का लक्ष्य:

15 August 2025

एक राष्ट्र के रूप में भारत सदैव से ही जीवंत रहा है। अपनी मूल्य संस्कृति, ज्ञान – विज्ञान और वैचारिक स्पष्टता के कारण प्राचीन काल...

देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस
चर्चित

देशभक्ति का एक दशक: पीएम मोदी ने साफा और केसरिया पगड़ी पहनकर मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस

15 August 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपनी परंपरागत ‘साफा स्टाइल’ को बरकरार रखते हुए एक बार फिर अनोखे अंदाज़ में देश...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

ISRO’s ₹8,240 Cr Project ‘Soorya' : India’s Ticket to Space Station & Moon Missions

ISRO’s ₹8,240 Cr Project ‘Soorya' : India’s Ticket to Space Station & Moon Missions

00:06:37

Why Silencing History ? The Hypocrisy of Stopping Bengal Files | Kolkata | Mamata | Vivek Agnihotri

00:04:54

Reason Behind Congress and Sanjay Kumar Silently Deleting Their Fake Voter Data Tweets

00:05:56

After 35 Years : Kashmiri Pandits Finally Getting Justice

00:05:59

Hidden Heroes of India’s Freedom: How Temples Silently Fought for Independence

00:06:30
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited