TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

सावरकर के जीवन से संघर्ष खत्म नहीं हुए, आज़ाद भारत में भी सावरकर को कम-से-कम 2 बार जेल जाना पड़ा था

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
28 May 2025
in इतिहास
1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

Share on FacebookShare on X

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन स्वतंत्र भारत में भी उन्हें जेल में जाना पड़ेगा। कोल्हू में बैल की तरह जुतकर मेहनत करते हुए, उन पर होने वाले अमानवीय अत्याचारों ने उनके शरीर और मानसिक स्थिति को तोड़ने का प्रयास किया लेकिन उनका मनोबल कभी नहीं टूटा। वक्त का पहिया घूमा और भारत स्वतंत्र हुआ लेकिन सावरकर के जीवन से संघर्ष खत्म नहीं हुए। आज़ाद भारत में भी सावरकर को कम-से-कम 2 बार जेल जाना पड़ा था। जिनमें पहली घटना महात्मा गांधी की हत्या से जुड़ी थी और दूसरी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा से जुड़ी हुई है।

सबसे पहले शुरुआत पहली घटना से करते हैं, भारत की आज़ादी के कुछ ही महीनों बाद 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी। हत्या के बाद जब जांच आगे बढ़ी तो साज़िश में शामिल होने के संदेह में 5 फरवरी 1948 को सावरकर को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। सावरकर पर आरोप था कि गोडसे और नारायण आपटे से उनकी मुलाकातें हुई थीं और उन्होंने कथित रूप से हत्या की साज़िश का समर्थन किया था। विशेष अदालत में उनके अंगरक्षक दिगंबर बड़गे का बयान मुख्य साक्ष्य था परंतु वह अविश्वसनीय पाया गया। 10 फरवरी 1949 को अदालत ने सावरकर को ‘सबूतों के अभाव’ में बरी कर दिया था।

संबंधितपोस्ट

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

हैदराबाद का भारत में पूर्ण विलय: जब पटेल ने कहा- नेहरू अपने आप को समझते क्या हैं? आज़ादी की लड़ाई दूसरे लोगों ने भी लड़ी है

और लोड करें

अब आते हैं दूसरी घटना पर, 1950 की वो घटना जब नेहरू सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के लिए सावरकर को जेल में कैद कर दिया था। 1947 को भारत को स्वतंत्रता तो मिल गई लेकिन देश को भारत-पाकिस्तान में बांट दिया गया था। बंटवारे से पहले और इसके बाद मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदुओं पर जमकर अत्याचार किए गए और लाखों हिंदुओं को मारा दिया गया। अत्याचारों को यह सिलसिला अंतहीन था और दिनों, हफ्तों, महीनों और वर्षों तक चलता रहा था। 1949 के आखिर और 1950 के शुरुआती महीनों में पूर्वी पाकिस्तान में हिंदुओं पर एक बार फिर अत्याचार शुरू हो गए। हज़ारों हिंदुओं को मारा गया और लाखों हिंदू पलायन कर भारत में आ गए थे। इस दौर में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पाकिस्तान समस्या को हल करने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया था। 1950 में 2 अप्रैल को लियाकत अली भारत पहुंचे और 8 अप्रैल को नेहरू-लियाकत पैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए।

एक और जहां अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान के साथ समझौता किया जा रहा था तो दूसरी ओर नेहरू सरकार ने देश के भीतर अपने राजनीतिक विरोधियों की खासकर हिंदू महासभा से जुड़े लोगों की गिरफ्तारियां शुरू कर दी थीं। ये गिरफ्तारियां 1950 के निवारक निरोध अधिनियम के तहत की जा रही थीं। 4 अप्रैल 1950 की सुबह होने से पहले ही बॉम्बे CID ​​के लगभग 100 पुलिसकर्मियों ने ‘ऑपरेशन हिंदू महासभा’ के तहत अलग-अलग नेताओं की गिरफ्तारियां शुरू कर दी थीं। विक्रम संपत ने अपनी किताब ‘सावरकर: एक विवादित विरासत 1924-1966’ में लिखा है, “एक अधिकारी ने भोर में सावरकर के घर पर भी दस्तक दी और उन्हें गिरफ्तारी का वारंट दिखाया। उन्हें सुबह के स्नान से निवृत्त होने का समय दिया गया और पुलिस की गाड़ी में बिठाकर आर्थर रोड जेल ले जाया गया।” इसके बाद सावरकर को बेलगाम (हिंडलगा) जेल में ले जाया गया था। माना जा रहा था कि सावरकर इस पैक्ट के खिलाफ थे जिससे उनके आंदोलन करने का खतरा बना हुआ था।

संपत लिखते हैं, “नेहरू ने निवारक निरोध अधिनियम की धारा 3 का सहारा लिया, जिसमें किसी विदेशी शक्ति के प्रति किसी भी प्रकार का अपमान किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का वैध कारण माना गया है। उन्होंने कहा कि ‘हिंदू महासभा के नेताओं के भाषणों में पाकिस्तान के खात्मे की मांग की गई है। मैं किसी विदेशी शक्ति के प्रति इससे बड़ा अपमान नहीं सोच सकता कि ऐसा सुझाव दिया जाए’।”

सावरकर के साथ देशभर में हिंदू महासभा के दर्जनों नेताओं को गिरफ्तार कर अलग-अलग जेलों में रखा गया था। पूना के ज़िला मजिस्ट्रेट ने यरवदा जेल में बंद भोपटकर और अन्य लोगों को बताया कि ‘आप सरकार के मंत्रियों के खिलाफ हिंसक कृत्यों को अंजाम देने की साज़िश में लगे हुए थे’। हालांकि, इसके बाद जब ज़िला मजिस्ट्रेट ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में दो हलफनामे दिए तो उनमें यह दूर-दूर तक नहीं कहा गया कि भारत के किसी मंत्री की जान पर कोई साज़िश थी।

धनंजय कीर ने सावरकर की जीवनी ‘वीर सावरकर’ में लिखा है, “सावरकर की हिरासत के लिए दिए गए आधार यह थे कि वे हिंदुओं को मुसलमानों के खिलाफ भड़का रहे थे। यह स्पष्ट रूप से एक मनगढ़ंत आरोप था; क्योंकि गांधी हत्या मुकदमे में बरी होने के बाद से उन्होंने ग्रेटर बॉम्बे में कोई भाषण नहीं दिया था या मुस्लिम समस्या पर कोई बयान जारी नहीं किया था और पुलिस आयुक्त को उनके भाषण या बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का कोई बहाना नहीं दिया था।”

सावरकर ने 26 अप्रैल 1950 को बॉम्बे सरकार को बेलगाम जेल से पत्र लिखा और कमिश्नर के निराधार आरोपों का खंडन किया। सावरकर ने सरकार से मांग की कि उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए क्योंकि वे हमेशा से ही देशभक्ति और संवैधानिक विचारों को मानते और प्रचारित करते रहे हैं। कीर लिखते हैं, “अगर सरकार बिना शर्त रिहाई के अनुरोध को स्वीकार करने के लिए इच्छुक नहीं थी, तो सावरकर ने आग्रह किया कि उन्हें इस शर्त के साथ रिहा किया जाना चाहिए कि वे सरकार द्वारा निर्धारित किसी भी अवधि के लिए वर्तमान राजनीति में भाग नहीं लेंगे।”

28 मई 1950 को देशभर के प्रमुख शहरों में सावरकर का जन्मदिन मनाया गया और उनकी रिहाई की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित किए गए। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तत्कालीन सरसंघचालक माधवराव गोलवलकर उर्फ गुरू जी ने भी सावरकर को हिरासत में लिए जाने की निंदा की थी। गोलवलकर ने कहा कि सावरकर को उनकी अत्यधिक वृद्धावस्था और अस्वस्थता के बावजूद हिरासत में लिया जाना दुखद बात है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सम्मान का अपमान भी बताया था।

सावरकर की रिहाई का इंतज़ार दिन-ब-दिन लंबा होता होता जा रहा था लेकिन सरकार उन्हें छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। सरकार के रवैये से परेशान होकर सावरकर के बेटे विश्वास सावरकर ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। 12 जुलाई 1950 को इस पर सुनवाई हुई तो कोर्ट ने कहा कि सावरकर को उनके द्वारा वचनबद्धता दिए जाने पर रिहा किया जाना चाहिए। एडवोकेट जनरल ने कहा कि वे इस मामले में सरकार से बात करेंगे और सुनवाई टाल दी गई। अगले दिन मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि यदि सावरकर यह वचन दें कि वे राजनीतिक गतिविधियों में भाग नहीं लेंगे और बंबई में अपने घर पर ही रहेंगे तो सरकार उनकी रिहाई के लिए सहमत हो जाएगी।

विक्रम संपत लिखते हैं, “उन्हें जेल से रिहा होने का विकल्प तभी दिया गया जब वे एक साल तक या पहले आम चुनाव या तीसरे विश्व युद्ध तक राजनीति से दूर रहें। उन पर लगाई गई ऐसी हास्यास्पद शर्तों को देखते हुए उन्होंने कहा, ‘सरकार द्वारा मुझ पर लगाए गए प्रतिबंधों के मद्देनजर, जिसका मैं पालन करना चाहता हूं, मुझे एक निश्चित अवधि के लिए राजनीति में भाग लेने से रोकना है, मुझे अनिवार्य रूप से हिंदू महासभा की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा देना होगा’।” कीर ने लिखा कि 13 जुलाई को सावरकर को रिहा कर दिया गया था।

सावरकर ने इच्छा और सिद्धांतों के विरुद्ध कहा कि वे लोगों से नेहरू-लियाकत अली समझौते का पालन करने का आग्रह करेंगे। सावरकर की शारीरिक पीड़ा ने शायद उनकी जिद्दी इच्छाशक्ति पर काबू पा लिया था। सावरकर रिहा हुए तो कई जगहों पर उनके स्वागत में लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा था। कुछ दिनों बाद स्वतंत्रता दिवस मनाया जाना था और सावरकर के राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगी हुई थी। इसलिए सावरकर ने सरकार से पूछा कि क्या 15 अगस्त, 1950 को अगर अपने घर पर वे राष्ट्रीय ध्वज फहराएं तो क्या यह राजनीतिक कार्य माना जाएगा। गृह विभाग ने उन्हें सूचित किया कि वे भाषण दिए बिना ऐसा कर सकते हैं। सावरकर ने ऐसा ही किया, जो सरकार उन पर जुल्म की इंतिहा कर रही थी, उसके आदेश का उन्होंने पूरी तरह पालन किया।

यह आज़ाद भारत में सावरकर की स्थिति थी, वे सावरकर जो भारत की आज़ादी के लिए अपनी जान की बाज़ी लगाने से भी नहीं चूके थे। सरकार उन्हें जेल में बंद कर शायद भूल ही गई थी या शायद चाहती थी कि देश उन्हें भूला दे। उनके खिलाफ एक विशेष तबके द्वारा लगातार माहौल बनाया जाता रहा है। उनकी राष्ट्र भक्ति पर प्रश्नचिह्न लगाए गए, उनकी भूमिका को विवादित बनाने की कोशिश की गई, उनके देश में ही उन्हें ‘विलेन’ साबित करने की कोशिश की गई लेकिन वे लोगों की नज़रों में ‘हीरो’ हैं।

Tags: Jawaharlal NehruVinayak Damodar Savarkarजवाहरलाल नेहरूविनायक दामोदर सावरकर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सियासी संकेतों से भरपूर सोल मीटिंग: संजय झा ने ‘कोरियाई बिहारी’ से मुलाकात को बताया खास

अगली पोस्ट

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की बड़ी तैयारी! पाकिस्तान से सटे राज्यों में कल होगी मॉक ड्रिल

संबंधित पोस्ट

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण
इतिहास

वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

10 November 2025

भारत के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास में वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, बल्कि एक चेतना और राष्ट्र की आत्मा का उद्घोष रहा है। यह...

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम
इतिहास

कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

5 November 2025

आज कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा सनातन परंपराओं में अत्यंत पवित्र दिन माना जाता है। यह केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

‘White Collar Terror’: Is The 0.5 Front Within The Country Activated?

00:10:07

Why India’s “Chicken’s Neck” Defence Strategy Is a Warning to Dhaka & Islamabad

00:06:48

How Trump’s Numbers Reveal the Hidden Story of Pakistan’s Lost Jets?

00:05:17

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited