जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की है और भारत के पुराने दोस्त इज़रायल ने इसका समर्थन दिया है। भारत में इज़रायल के राजदूत रूवेन अजार ने कहा कि आतंकवादियों को यह समझना चाहिए कि निर्दोष लोगों पर हमले करने के बाद वे कहीं भी छुप नहीं सकते। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि इज़रायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के साथ खड़ा है।
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने रात में आतंकियों के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में उन ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनका सीधा संबंध पहलगाम हमले से था। भारतीय खुफिया एजेंसियों के अनुसार यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी समूह ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने किया था। भारत सरकार ने पुष्टि की है कि सभी 9 टारगेट्स पर सफलतापूर्वक हमला किया गया और इससे पाकिस्तान के किसी नागरिक, सेना या आर्थिक ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
भारतीय सेना ने बताया कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में उन जगहों को निशाना बनाया, जहां से भारत के खिलाफ हमले की साजिशें रची जाती थीं। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि यह ऑपरेशन बहुत ही सटीक और सीमित दायरे में किया गया। इसमें केवल उन्हीं आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया, जो भारत पर हमलों में शामिल थे। प्रवक्ता ने कहा कि यह कार्रवाई किसी विवाद को बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि न्याय के लिए की गई थी। उन्होंने कहा, “न्याय हो गया, जय हिंद।”
इन ठिकानों पर हुआ हमला
जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों में बहावलपुर का मार्कज सुभान अल्लाह, तहरा कलां का सरजल, कोटली का मार्कज अब्बास और मुजफ्फराबाद का सय्यदना बिलाल कैंप शामिल थे। लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों में मुरिदके का मार्कज तैबा, बरनाला का मार्कज अहले हदीस और मुजफ्फराबाद का श्वावाई नल्ला कैंप निशाना बने। हिजबुल मुजाहिदीन के कोटली में मकज रहील शाहिद और सियालकोट में मेहमूना जोया भी ध्वस्त किए गए। इनमें से चार ठिकाने पाकिस्तान में और पांच PoK में थे। ये सभी ठिकाने भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए जाने जाते थे।