सरकार के मिशन नक्सलवाद के खात्मे को लेकर सुरक्षा बल तेजी से काम कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन जोरों पर है। वहीं दूसरी ओर अब झारखंड में भी कार्रवाई तेज कर दी गई है। झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में पुलिस और सुरक्षाबलों दूसरे दिन बड़ी सफलता मिली है। पलामू के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में सोमवार रात से माओवादी नक्सलियों के साथ मुठभेड़ जारी है। इसमें पुलिस ने एक टॉप नक्सली कमांडर तुलसी भुइयां को मार गिराया है। मौके से एक एसएलआर राइफल भी बरामद की गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मोहम्मदगंज और हैदरनगर थाना के सीमावर्ती क्षेत्र सीताचुआं में 15 लाख रुपये के इनामी माओवादी की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इस दस्ते में 10 लाख रुपये का इनामी संजय गोदराम भी शामिल है। इस सूचना के आधार पर पलामू पुलिस ने सुरक्षाबलों के साथ तलाशी अभियान शुरू किया। जंगल में छिपे नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी घेराबंदी कर फायरिंग की। मुठभेड़ में कुछ और नक्सलियों के घायल होने की खबर है। पुलिस और सुरक्षा बल पूरे इलाके में तलाशी कर रहे हैं।
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पहले भी हुई है कार्रवाई
इससे पहले सोमवार को पड़ोसी जिले लातेहार के नेतरहाट थाना क्षेत्र में पुलिस ने पांच लाख रुपये के इनामी भाकपा माओवादी नक्सली कमांडर मनीष यादव को मार गिराया था। साथ ही 10 लाख रुपये के इनामी नक्सली कुंदन खरवार को गिरफ्तार किया गया। 24 मई को भी लातेहार के इचवार जंगल में हुई मुठभेड़ में 10 लाख रुपये के इनामी पप्पू लोहरा और पांच लाख रुपये के इनामी प्रभात लोहरा मारे गए थे। एक घायल नक्सली को गिरफ्तार किया गया था।
नक्सलवाद का खात्मा तय
इसके पहले 21 अप्रैल को बोकारो के ललपनिया स्थित लुगू पहाड़ी में सुरक्षा बलों एवं पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी कमांडर प्रयाग मांझी सहित आठ नक्सली मारे गए थे। दूसरी ओर करीब 2 महीने से छत्तीसगढ़ में चल रहे ऑपरेशन में 50 से अधिक नक्सली मारे गए हैं। इसमें 1.5 करोड़ का इनामी नक्सल नेता भी शामिल था। वहीं 2 दिन पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में भी एक ऑपरेशन हुआ था। कुल मिलाकर नक्सलवाद का खात्मा मार्च 2026 तक तय है।