नक्सल विरोधी अभियानों को बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के जंगलों में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में टॉप माओवादी नेता सुधाकर के मारे जाने की खबर है। सुधाकर, जिसे सुधीर और मुरली जैसे नामों से भी जाना जाता था, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का एक वरिष्ठ नेता था और उस पर ₹25 लाख का इनाम घोषित था।
सुरक्षा बलों द्वारा चलाया गया यह संयुक्त अभियान गीरासपाड़ा, नेलगोड़ा, बोडगा और ईकेली जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों की गतिविधियों से जुड़ी ठोस खुफिया जानकारी पर आधारित था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान टॉप माओवादी नेता सुधाकर सहित दो अन्य नक्सली मारे गए। घटनास्थल से एक INSAS राइफल, एक .303 राइफल और कई विस्फोटक सामग्री बरामद की गईं जो इस बात का संकेत हैं कि माओवादी गिरोह लंबी सशस्त्र लड़ाई की तैयारी कर रहा था।
माओवादी संगठन का बड़ा चेहरा था सुधाकर
सुधाकर लंबे समय से दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी (DKSZC) का सक्रिय सदस्य था और वह पिछले चार दशकों से माओवादी उग्रवाद की गतिविधियों में शामिल था। उस पर छत्तीसगढ़ में कई घातक हमलों में शामिल होने का संदेह था, जिनमें 2013 की कुख्यात झीरम घाटी नक्सली हमले जैसी बड़ी घटना भी शामिल है, जिसमें कई राजनीतिक नेताओं और सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी। उसकी मौत को माओवादी संगठन के लिए, विशेष रूप से बस्तर क्षेत्र में, एक गंभीर झटका माना जा रहा है, जो लंबे समय से वामपंथी उग्रवादियों का गढ़ रहा है।
बस्तर में जारी है सुरक्षाबलों का बड़ा अभियान
यह सफल ऑपरेशन बस्तर डिवीजन में माओवादी प्रभाव को जड़ से खत्म करने के लिए चलाए जा रहे व्यापक अभियान का हिस्सा है। पिछले तीन महीनों में ही क्षेत्र में 100 से अधिक माओवादियों को ढेर या गिरफ्तार किया जा चुका है।
अधिकारियों के अनुसार, हालिया मुठभेड़ में कई अन्य माओवादी घायल हुए हैं, जो मौके से जंगल की ओर भाग निकले। उन्हें पकड़ने के लिए सघन सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।
सरकार की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि यह सफलता सरकार की माओवाद को जड़ से खत्म करने की दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रमाण है। उन्होंने कहा, “यह आदिवासी क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लंबे समय से माओवादी हिंसा से प्रभावित रहे हैं।” प्रशासन ने यह भी दोहराया कि 2026 तक माओवादी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लक्ष्य के साथ काउंटर-इंसर्जेंसी अभियान जारी रहेगा।