कोविड एक बार फिर दस्तक दे चुका है और इस बार भी चुपचाप अपने पैर तेजी से फैला रहा है। देश में संक्रमण के नए मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, बुधवार सुबह तक देश में एक्टिव मामलों की संख्या 6,815 थी, जो अब बढ़कर 7,121 के पार पहुंच गई है। ऐसे हालात में राज्य सरकारें लगातार एडवाइजरी जारी कर रही हैं और केंद्र सरकार ने भी एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले अब मंत्रियों को RT-PCR टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, जब तक मंत्री की कोविड जांच रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आती, तब तक उन्हें प्रधानमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में देशभर में कोविड-19 के 306 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा संक्रमण की वजह से 6 लोगों की मौत की पुष्टि भी की गई है। हालांकि इस बार लक्षण पहले जितने गंभीर नहीं हैं, लेकिन संक्रमण का फैलाव एक बार फिर चिंता का कारण बनता जा रहा है।
पीएम से मुलाकात से पहले दिखानी होगी रिपोर्ट
दरअसल, मंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित उनके आधिकारिक आवास पर एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी। चूंकि यह प्रतिनिधिमंडल हाल ही में विदेश से लौटा था, इसलिए सभी सदस्यों के लिए कोविड-19 टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया था। यह कदम पूरी तरह से सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत एहतियात के तौर पर उठाया गया, ताकि किसी भी संभावित संक्रमण से बचाव सुनिश्चित किया जा सके।
इसी क्रम में आज दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के सभी सांसद, विधायक और प्रमुख पदाधिकारी प्रधानमंत्री से एक अहम बैठक में शामिल हो सकते हैं। बैठक से पहले सभी प्रतिभागियों को कोविड-19 की जांच करानी होगी। पीएम मोदी से आमने-सामने मुलाकात से पहले प्रत्येक व्यक्ति को अपनी कोविड रिपोर्ट प्रस्तुत करनी अनिवार्य होगी। यह निर्णय संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र लिया गया है, ताकि किसी भी तरह की लापरवाही से बचा जा सके और सभी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इन राज्यों से आ रहे सबसे ज्यादा मामले
देश में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और एक्टिव केसों की संख्या अब 7,121 तक पहुंच चुकी है। हालांकि दिल्ली से थोड़ी राहत की खबर है, जहां सोमवार को कुल 728 एक्टिव केस दर्ज किए गए थे, जो मंगलवार को घटकर 691 रह गए। इसके विपरीत, केरल में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है, जहां इस समय 2,053 सक्रिय मामले मौजूद हैं। पिछले 24 घंटों में वहां 96 नए संक्रमित मरीज सामने आए हैं, जो चिंता बढ़ा रहे हैं।
बीते कुछ दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों में संक्रमण का फैलाव तेज़ी से हुआ है। इसे देखते हुए सरकारी अस्पतालों में युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। आइसोलेशन वॉर्ड फिर से सक्रिय किए जा रहे हैं और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।