TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा,  इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा, इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    RJD सुप्रीमो लालू यादव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

    आंबेडकर का अपमान बनेगा बिहार चुनाव का मुद्दा, पीएम मोदी के बयान के क्या हैं मायने?

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा,  इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा, इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    GDP

    क्रिसिल का अनुमान: FY26 में फिर घटेंगी ब्याज दरें, भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% पर टिकी

    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

    विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

    महिला सशक्तिकरण

    जम्मू में लड़कियों के लिए 15 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर, घरेलू सामान से रक्षा की ट्रेनिंग पर ज़ोर

    ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट

    क्यों 4 दिनों से भारत में फंसा है ब्रिटिश रॉयल नेवी का F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट?

    Falcon 2000 जेट (Photo- Blade.com)

    भारत में पहली बार बनेंगे Falcon 2000 जेट: रिलायंस और Dassault की ऐतिहासिक साझेदारी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पिज़्ज़ा = युद्ध?

    युद्ध और पिज़्ज़ा: क्या पेंटागन की भूख भविष्य के टकरावों की भविष्यवाणी करती है?

    Hindu temples in Iran

    मुस्लिम देश ईरान में हैं कई हिंदू मंदिर, जंग से जूझ रहे देश में जानें सनातन का स्थान

    Is America Enter in Israel Iran War

    क्या इजरायल-ईरान जंग में कूदने जा रहा है अमेरिका? डूम्सडे प्लेन की उड़ान और ORDER01 ने बढ़ाई चिंता

    ग्रेटर इज़रायल को दो नदियों के बीच का क्षेत्र माना गया है (चित्र: MEPEI)

    बाइबिल का वादा पूरा करने लिए युद्ध में उलझे हैं नेतन्याहू!, जानें क्या है ग्रेटर इज़रायल?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    पुरी की रथ यात्रा ना केवल एक धार्मिक उत्सव है बल्कि यह एक सांस्कृतिक यात्रा भी है

    हाथी रूप में दर्शन, मौसी के घर विश्राम और रसगुल्ला से मनुहार: पढ़ें पुरी रथ यात्रा की अनकही कहानियां

    हर एक ग्रह को 3 नक्षत्र का स्वामी माना गया है

    केवल ग्रह ही नहीं नक्षत्र भी बनते हैं कर्म, स्वभाव और भाग्य के कारक

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

    राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    संगीत सम्राट तानसेन के जीवन के अज्ञात पहलुओं को जानने का खजाना है राकेश शुक्ला की पुस्तक ‘तानसेन का ताना-बाना’

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    ‘शाकाहार को हिंसक’ बताने वाले IIT बॉम्बे के हिंदू विरोधी प्रोफेसर को कारण बताओ नोटिस

    'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर बढ़ा विवाद; थरूर बोले-'मतभेद पार्टी के भीतर ही उठाऊंगा'

    थरूर ने कांग्रेस से मतभेदों को स्वीकारा, गांधी परिवार से वैचारिक दूरी के दिए संकेत

    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

शांति की पहल बनीं भारत के लिए जोखिम का सौदा, पकिस्तान को मिली रणनीतिक बढ़त

Mansi Singh द्वारा Mansi Singh
21 June 2025
in चर्चित, भारत, रणनीति, राजनीति
1991 में हुआ सैन्य सूचना समझौता

विश्वास के नाम पर खुली रणनीति: 1991 समझौता बना भारत की सुरक्षा में सेंध

Share on FacebookShare on X

6 अप्रैल 1991 को भारत और पाकिस्तान ने “सैन्य अभ्यासों, युद्धाभ्यासों और सैनिक टुकड़ियों की आवाजाही की पूर्व सूचना पर समझौता” पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता कांग्रेस समर्थित शासन के दौरान एक कूटनीतिक पहल के रूप में लाया गया और उसी शासन में लागू भी किया गया। यह संभवतः ‘अमन की आशा’ जैसी पहल का परिणाम था, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता के ज़रिए संघर्ष के जोखिम को कम करना था। यह समझौता 1992 में प्रभाव में आया और दिसंबर 1994 में संयुक्त राष्ट्र में पंजीकृत किया गया। इसके तहत दोनों देशों को एक-दूसरे को बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यासों और साझा सीमा के पास सैनिकों की तैनाती की पूर्व सूचना देना अनिवार्य है। हालाँकि इसे एक ‘विश्वास निर्माण उपाय’ (CBM) के रूप में प्रस्तुत किया गया, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव भारत की सुरक्षा नीति के लिए समस्याजनक और संभावित रूप से खतरनाक साबित हुए हैं।

पारदर्शिता के नाम पर भारत ने सैन्य गतिविधियों को लेकर जिस स्तर की खुली जानकारी देने पर सहमति जताई, वह अनजाने में भारत की सैन्य गोपनीयता को नुकसान पहुंचाती है और पाकिस्तान को रणनीतिक लाभ देती है, जो कि एक ऐसा देश है जो कूटनीतिक समझौतों का अक्सर दुरुपयोग करता है, साथ ही सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित भी करता है।

संबंधितपोस्ट

‘पाक पानी को तरसेगा…अब बहाल नहीं होगा सिंधु जल समझौता’: अमित शाह का बड़ा दावा, पढ़ें इस Treaty की पूरी कहानी

पाकिस्तान के डिप्टी PM का ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ा कबूलनामा, इशाक डार बोले- हमने US और सऊदी से मांगी थी मदद

कनाडा ने अब खुद माना ‘खालिस्तानी साजिशों’ को सच, क्या होगा असर?

और लोड करें

सैन्य गोपनीयता को नुकसान

इस समझौते की एक बड़ी खामी यह है कि इसमें डिवीजन या कोर स्तर के अभ्यासों जैसी बड़ी सैन्य गतिविधियों की पूर्व सूचना देना अनिवार्य है। यह भारत की रणनीतिक लचीलापन और तत्काल या अचानक सैन्य तैनाती या अभ्यास करने की क्षमता को कमजोर करता है -जो आधुनिक सैन्य सिद्धांत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

भारत को अभ्यास या सैनिक तैनाती के प्रकार और स्तर के अनुसार 15 से 90 दिन पहले सूचना देनी होती है। इसमें यहां तक कि अपने ही क्षेत्र में पाकिस्तान सीमा के निकट रक्षा संरचनाओं की पुनःतैनाती भी शामिल है। व्यावहारिक रूप से, इससे भारत को अपनी रणनीति, समय और संचालन से जुड़ी सूचनाएं पहले से उजागर करनी पड़ती हैं, जिससे पाकिस्तान को समय रहते निगरानी, जवाबी तैनाती या भ्रम फैलाने का अवसर मिल जाता है।

रणनीतिक व्यवहार में असमानता

यह समझौता समान और ईमानदार अनुपालन की धारणा पर आधारित है, जो पाकिस्तान जैसे देश के संदर्भ में एक गंभीर भूल है। भारत ने इस समझौते का लगभग पूरा पालन किया है, जो उसकी नियम-आधारित कूटनीति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। लेकिन पाकिस्तान का इतिहास इस प्रकार के समझौतों के उल्लंघन या उनके चतुराईपूर्ण चकमे का रहा है, और वह लगातार असममित रणनीतियाँ अपनाता रहा है, जैसे कि:

  • नियंत्रण रेखा (LoC) पर नियमित रसद की आड़ में आतंकवादियों की घुसपैठ कराना।
  • पूर्व सूचना दिए बिना सैन्य टुकड़ियों को मोर्चों पर भेजना या तैनात करना।
  • ऐसे समय में भी सीमापार गोलीबारी या झड़पों में शामिल होना, जब शांति या संयम की बात हो रही हो।

भारत को जब अपनी सैन्य गतिविधियों की जानकारी पहले से देनी होती है, जबकि पाकिस्तान राज्येतर तत्वों और गुप्त अभियानों पर निर्भर रहता है, तो यह समझौता रणनीतिक असंतुलन पैदा करता है, जो भारत के लिए खतरनाक हो सकता है।

प्रॉक्सी युद्ध के दौर में अप्रासंगिकता

यह समझौता उस समय तैयार किया गया था जब पारंपरिक युद्ध की संभावनाएं अधिक प्रमुख थीं। लेकिन आज का संघर्ष स्वरूप कहीं अधिक जटिल और खतरनाक हो चुका है -जिसमें प्रॉक्सी युद्ध और हाइब्रिड वारफेयर प्रमुख हैं। पाकिस्तान की सैन्य रणनीति आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के साथ गहराई से जुड़ी हुई है, जिन्हें ISI का पूरा समर्थन प्राप्त है।

ऐसे तत्व इस समझौते के दायरे में नहीं आते, जिससे यह पाकिस्तान की वास्तविक रणनीतिक चुनौती का सामना करने में पूरी तरह से अक्षम हो जाता है। भारत को जहां अपनी सैन्य तैनाती की जानकारी साझा करनी होती है, वहीं पाकिस्तान को आतंकी हमलों, घुसपैठ या सब-कन्वेंशनल आक्रामक कार्रवाई के लिए कोई सूचना देने की ज़रूरत नहीं होती।

दबाव में किया गया हस्ताक्षर, अब भी बाध्यकारी

भारत ने इस समझौते पर 1990 के दशक की शुरुआत में हस्ताक्षर किए, जब देश आर्थिक संकट और कूटनीतिक दबाव में था। यह वह दौर था जब भारत अपने पड़ोसियों से संबंध सुधारने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सद्भावना अर्जित करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन वैश्विक सद्भावना से राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती और आज का भू-राजनीतिक परिदृश्य कहीं अधिक शत्रुतापूर्ण है।

पुनर्विचार की आवश्यकता

लगातार होते संघर्षविराम उल्लंघनों, सीमा पार आतंकवाद और करगिल, 26/11, पुलवामा और उरी जैसे हमलों को देखते हुए यह समझौता अब अप्रासंगिक और एकतरफा प्रतीत होता है। अब समय आ गया है कि भारत ऐसे CBM की समीक्षा करे, पुनः बातचीत करे या यदि आवश्यक हो तो उन्हें निलंबित करे, जो केवल कूटनीतिक औपचारिकता भर हैं लेकिन रणनीतिक प्रतिरोध क्षमता को कमजोर करते हैं।

भविष्य में किसी भी सैन्य पारदर्शिता समझौते में पारस्परिकता, सत्यापन की व्यवस्था, और गैर-पारंपरिक खतरों को शामिल करना अनिवार्य होना चाहिए। एक अस्थिर पड़ोस में, विश्वास के बिना पारदर्शिता कोई विश्वास निर्माण उपाय नहीं होती -बल्कि वह एक गंभीर सुरक्षा जोखिम बन जाती है।

 

 

Tags: 1991CBMIndiaISInationPakistanसैन्य सूचना समझौता
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

सोनम रघुवंशी के पिता की ज़िद ने ली राजा रघुवंशी की जान?

अगली पोस्ट

योग से जोड़ो, आयुर्वेद से संवारो: विश्व-व्यवस्था का भारतीय दर्शन

संबंधित पोस्ट

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का सिंधु जल समझौते पर बड़ा दावा
चर्चित

‘पाक पानी को तरसेगा…अब बहाल नहीं होगा सिंधु जल समझौता’: अमित शाह का बड़ा दावा, पढ़ें इस Treaty की पूरी कहानी

21 June 2025

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक हुई...

योग दिवस पर योगाभ्यास करते तुहिन सिन्हा
चर्चित

योग से जोड़ो, आयुर्वेद से संवारो: विश्व-व्यवस्था का भारतीय दर्शन

21 June 2025

तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख लूं उस ओर क्या है! जा रहे जिस पंथ से युग कल्प उसका छोर क्या है? सिन्धु की...

सोनम रघुवंशी और राजा रघुवंशी (File Photo)
चर्चित

सोनम रघुवंशी के पिता की ज़िद ने ली राजा रघुवंशी की जान?

21 June 2025

अगर एक पिता अपनी जिद छोड़ देता, तो शायद राजा रघुवंशी आज जिंदा होता। मेघालय पुलिस की जांच में इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी के...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

when the God leaves the temple to be with his devotees.

when the God leaves the temple to be with his devotees.

00:05:31

R.P. Singh Exposes AAP: Following Indira's Model of Separatist Appeasement?

00:11:04

kamakhya Devi and the Power of Menstruation: Ambubachi Mela Explained.

00:04:47

From love to murder- how five plots took down raja raghuvanshi

00:04:38

Marriage gone murderous: expert explains the gruesome murder case.

00:13:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited