मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शर्मिष्ठा पनोली केस में सुनवाई की। अदालत ने मुस्लिम समुदाय के बारे में की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताने के साथ ही उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी की पीठ में हुई। टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति ने कहा कि इससे एक समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हमारा देश विविधतापूर्ण देश है। कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग किसी को आहत करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। आइये जानें कोर्टरूम में क्या हुआ?
बता दें शर्मिष्ठा पनोली पुणे में लॉ की पढ़ाई करने वाली सोशल मीडिया सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर है। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद एक वीडियो पोस्ट किया था। इसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद कोलकाता अदालत ने 31 मई को शर्मिष्ठा पनोली को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। अब उन्हें अंतरिम जमानत मिल गई है।
अदालत ने दिखाई सख्ती
न्यायमूर्ति पार्थ सारथी चटर्जी ने आगे कहा कि हमारे पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। इसका अर्थ ये नहीं है कि आप किसी और की भावना को आहत करेंगे। अंतरिम जमानत देते हुए कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अवकाश पीठ के लिए ट्रांसफर कर दी। इसके साथ ही कोर्ट ने पनोली के लिए बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने का आदेश है। कोर्ट ने कहा कि इस वही मामलों मुख्य माना जाए जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
शर्मिष्ठा पनोली के वकील ने क्या कहा?
वरिष्ठ अधिवक्ता डीपी सिंह अदालत में शर्मिष्ठा पनोली की ओर से पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जेल में पनोली बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित किया गया है। ‘मैं इस बात से स्तब्ध हूं कि उसे कपड़े बदलने, दवाइयां लेने जैसे बुनियादी मानवाधिकार भी नहीं दी जा रही है। क्या यह मानवाधिकार है? आतंकवादी भी इसका हकदार हो सकता है।’ डीपी सिंह ने कोर्ट को बताया कि पनोली को एडीएचडी की बीमारी है। उन्हें जेल में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा रहा है। FIR में कोई सामग्री न होने के बाद भी छापे मारे जा रहे हैं।
सरकार के वकील ने किया विरोध
बंगाल सरकार और पुलिस को ओर से मामला लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बंद्योपाध्याय अदालत में पेश हुए। उन्होंने डीपी सिंह की बातों को विरोध किया और मांगी गई याचिका का भी विरोध किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सभा सामान्य और अन्य कैदियों जो सुविधाएं दी जाती हैं वो उन्हें मिल रही हैं। हां, इससे अधिक उन्हें कुछ नहीं दिया गया।
शर्मिष्ठा पनोली केस की टाइमलाइन
- 14 मई को उन्होंने इंस्टाग्राम पर वीडियो पोस्ट किया।
- विवाद होने पर उन्होंने 15 मई को वीडियो डिलीट कर दिया।
- 30 मई उन्हें गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया गया।
- 31 मई को कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा।
- 5 जून को कलकत्ता हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी।
क्या है मामला?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश था। लोग सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक उसके खिलाफ उतर आए थे। पहलगाम आतंकी हमले पर देश में लोग बयान दे रहे थे। इसी दौरान 14 मई को इंस्टाग्राम पर शर्मिष्ठा पनोली ने एक वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने फिल्मी सितारों पर सवाल उठाए थे। इसी के साथ धर्म विशेष पर टिप्पणी कर दी थी। वीडियो वायरल होने के बाद विवाद बढ़ गया था।