साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में कथित गैंगरेप की घटना को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। इसके साथ ही एक नई जानकारी सामने आई है। पता चला है कि कॉलेज प्रशासन ने पहले भी मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के आचरण को लेकर गंभीर चिंता जताई थी।
जानकारी के अनुसार, कॉलेज के अधिकारियों ने 2018 में ही मनोजीत मिश्रा के व्यवहार के बारे में कोलकाता पुलिस को सूचित कर दिया था। 12 दिसंबर, 2018 को लिखे एक पत्र में, तत्कालीन प्रिंसिपल देबाशीष चट्टोपाध्याय ने कैंपस में मनोजीत मिश्रा की गतिविधियों पर गहरी चिंता जतायी थी। इस दौरान संयुक्त पुलिस आयुक्त को लिखे गए पत्र में विशेष रूप से 13 दिसंबर को चेतला के अहिंद्रा मंच में होने वाले कॉलेज के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए सुरक्षा व्यवस्था का अनुरोध किया गया था। इसमेे आशंका जताई गई थी कि मनोजीत मिश्रा कार्यक्रम के दौरान गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं।
कॉलेज प्रशासन ने मांगी थी सुरक्षा
कॉलेज प्रशासन ने 2022 में भी इसी तरह की अपील की थी। उस साल 24 मार्च को वार्षिक कार्यक्रम से पहले, संस्थान ने कॉलेज के कार्यक्रमों के दौरान परेशानी पैदा करने के मनोजीत मिश्रा के पिछले रिकॉर्ड को फिर से उजागर करते हुए और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय करने की मांग की थी।
तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा के पूर्व नेता और लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र मनोजीत मिश्रा को हाल ही में 24 वर्षीय छात्रा के कथित बलात्कार के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। यह घटना कथित तौर पर 25 जून को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज परिसर में एक सुरक्षा गार्ड के कमरे के अंदर हुई थी।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि मिश्रा ने पहले उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा था, जिसे उसने अस्वीकार कर दिया था। उसका दावा है कि उसने दो अन्य छात्रों, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी की मौजूदगी में उसके साथ रेप किया। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया और 8 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इसके तुरंत बाद चौथी गिरफ्तारी हुई, जिसमें कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बंद्योपाध्याय शामिल थे, जो इस मामले से जुड़े थे।
पुलिस के अनुसार, मनोजीत मिश्रा पर किए गए मेडिको-लीगल परीक्षण में उनके शरीर पर खरोंच के निशान पाए गए, जिसके बारे में जांचकर्ताओं का मानना है कि यह पीड़िता के प्रतिरोध के संकेत हो सकते हैं। हालांकि, मिश्रा के वकील ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि ये निशान संघर्ष के सबूत नहीं बल्कि “प्यार के काटने” के थे। अब वकील के इस तथ्य ने यहां पर खलबली मचा दी है। इतना ही नहीं, इसने कॉलेज प्रशासन की ओर से दी गई पिछली चेतावनियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जिन पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है।