मुंबई के ठाणे में एक दुकान मालिक के साथ मारपीट की वायरल वीडियो पर महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा, “एक हिंदू को मराठी न बोलने पर पीटा गया। अगर उनमें हिम्मत है, तो नल बाज़ार, मोहम्मद अली रोड पर जाएं और वहां लोगों से मराठी बोलने के लिए कहें। उनमें इतनी हिम्मत नहीं है कि वे वहां जाकर टोपी पहनने वालों की पिटाई करें। क्या जावेद अख्तर और आमिर खान मराठी में बोलते हैं? एक गरीब हिंदू की पिटाई क्यों की गई?
एमएनएस कार्यकर्ताओं को तुरंत जमानत
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के सात सदस्यों जिन्होंने मराठी में बात न करने पर मुंबई के एक दुकानदार पर हमला किया, अपने क्रूर हमले का वीडियो बनाया और उसे ऑनलाइन शेयर किया, को कल शाम हिरासत में लिए जाने के कुछ ही घंटों के भीतर रिहा कर दिया गया। महाराष्ट्र के मंत्री नितीश राणे ने मनसे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की पुष्टि की। लेकिन, उनके बोलने के कुछ ही मिनटों बाद यह सामने आया कि सात लोगों को वास्तव में कभी गिरफ्तार ही नहीं किया गया था। उन्हें केवल हिरासत में लिया गया था और उनसे पूछताछ की गई, इसके बाद बयान दर्ज कर उन्हें रिहा कर दिया गया।
हाथ में नहीं लेना चाहिए कानून: राणे
इसके बाद श्री राणे ने एक बार फिर बात की। इस दौरान वे मनसे केे सातों कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के प्रति अनिश्चित दिखे। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि आरोपी मनसे कार्यकर्ताओं की गिरफ्तार जल्द ही होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मराठी में बात की जानी चाहिए, इस पर कोई समझौता नहीं। लेकिन, किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।
इधर, पुलिस सूत्रों के अनुसार सातों आरोपियों को जमानत बांड पर रिहा कर दिया गया है, क्योंकि उनके खिलाफ आरोप हल्के हैं और अधिकतम सजा सात साल से कम है। अब उन्हें तभी गिरफ्तार किया जा सकता है, जब आरोपों में संशोधन करके उन्हें और कठोर बनाया जाए। पुलिस उपायुक्त प्रकाश गायकवाड़ ने बताया कि मुंबई के दुकानदार पर हमला, जैसा कि ऑनलाइन साझा किए गए वीडियो में देखा जा सकता है, स्पष्ट रूप से एक संज्ञेय अपराध है। हमला रविवार देर रात हुआ।
मिठाई दुकानदार को मारी थी थप्पड़
उन्होंने कहा कि मनसे की थप्पड़ 48 वर्षीय दुकानदार बाबूलाल चौधरी को लगी। उन्होंने बताया कि बाबूलाल चौधरी मुंबई के मीरा रोड उपनगर में ‘जोधपुर स्वीट शॉप’ चलाते हैं। उन्हें मनसे के सात गुंडों ने थप्पड़ मारा और धमकाया, क्योंकि उनके कर्मचारी बाघराम, जो राजस्थान से हैं, ने उनसे हिंदी में बात की थी। गुंडों ने श्री चौधरी और बाघराम से मराठी में बात करने की मांग की। इस पर दुकानदार ने बिल्कुल सही कहा कि राज्य में सभी भाषाएँ बोली जाती हैं। इस दौरान मनसे के गुंडों ने अपने हमले का वीडियो बनाया और उसे ऑनलाइन भी पोस्ट कर दिया। हालांकि, घटना के दो दिनर बाद मामले में केस दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस को उन्हें पकड़ने में 24 घंटे और लग गए। मनसे कार्यकर्ताओं के इस हमले से व्यापक आक्रोश फैल गया, खासकर तब जब राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र सरकार को ‘हिंदी थोपने’ के विवाद में पीछे हटने के लिए मजबूर करने का श्रेय ले रहे थे।
मनसे, महाराष्ट्र सरकार को झटका
जैसा कि अनुमान था, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने हमले के लिए माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया। पार्टी की मुंबई इकाई के प्रमुख संदीप देशपांडे ने संवाददाताओं से कहा कि बाबूलाल चौधरी ने मराठी का ‘अपमान’ किया और कहा, “अगर मराठी का अपमान करने की कोशिश की गई, तो हम जवाब देंगे। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
मराठी का अपमान करने पर होगी कार्रवाई: योगेश कदम
हालांकि, बसे चौंकाने वाली बात महाराष्ट्र के गृह मंत्री योगेश कदम की प्रतिक्रिया थी। उन्होंने कहा कि ‘मराठी का अपमान करने वाले’ किसी भी व्यक्ति के खिलाफ ‘कार्रवाई की जाएगी’। हालांकि, उन्होंने मनसे के गुंडों को दंडित करने का कोई उल्लेख नहीं किया। उन्होंने कहा कि “महाराष्ट्र में मराठी भाषा बोलनी ही होगी”। उन्होंने कहा कि बाबूलाल चौधरी के ‘रवैये’ के कारण ही यह हमला हुआ है और उन्हें उम्मीद है कि राज्य में गैर-मराठी बोलने वाले लोग ‘व्यवहार’ में संयम बरतेंगे और हमले से बचने के लिए मराठी भाषा सीखेंगे। इस बीच, हमले पर ठंडी और अस्पष्ट प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ विपक्षी नेता आदित्य ठाकरे ने केवल इतना कहा कि मराठी का “अपमान नहीं किया जाना चाहिए”।