अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ‘छात्र शक्ति से राष्ट्र शक्ति तक’ 77 वर्षों की प्रेरणादायी यात्रा

1949 में स्थापित यह संगठन, आज एक विचार-आधारित, राष्ट्रनिष्ठ, अनुशासित छात्र आंदोलन के रूप में न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।

ABVP

“छात्र शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है” — यह कोई नारा मात्र नहीं, बल्कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की उस अखंड साधना का स्वर है, जो बीते 77 वर्षों से राष्ट्र निर्माण की भूमिका में युवाओं को संस्कारित और संगठित करती रही है। 1949 में स्थापित यह संगठन, आज एक विचार-आधारित, राष्ट्रनिष्ठ, अनुशासित छात्र आंदोलन के रूप में न केवल भारत में, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।
* व्यक्तिगत अनुभूति – मेरी परिषद यात्रा
मेरे लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संगठन नहीं, बल्कि जीवन का वह संस्कार है, जिसने मेरे सोचने, बोलने, संघर्ष करने और राष्ट्र के लिए जीने की दिशा निर्धारित की। 2005 से मेरा संपर्क विद्यार्थी परिषद से रहा है। छात्र जीवन के उस पड़ाव पर, जब अधिकांश युवा केवल परीक्षा और नौकरी की चिंता करते हैं, परिषद ने हमें राष्ट्रीय मुद्दों पर सोचने, समझने और आवाज़ उठाने की दृष्टि दी।
मैं आज भी उस संघर्ष को नहीं भूल सकता
•जब बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा पूरे देश में उबाल पर था, तब 2008 में चलो किशनगंज (बिहार) तक आंदोलन का हिस्सा बनने का अवसर मिला।
तत्कालीन निजी इंजीनियर कालेजों की मनमानी ,फीस वृद्धि के विरोध में प्रदेश व्यापी आंदोलन में भी सहभागिता दी जिसका विद्यार्थियों को सकारात्मक परिणाम भी प्राप्त हुआ
•जब शिक्षा का व्यवसायीकरण हम युवाओं के लिए एक गहरी चिंता थी — हमने “शिक्षा नहीं व्यापार है, नहीं चलेगा-नहीं चलेगा!” जैसे नारों से आवाज़ बुलंद की।
•हर मुद्दे पर विद्यार्थी परिषद ने नेतृत्व दिया, और आज हमें उनके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
यह सब केवल आंदोलन नहीं थे — ये राष्ट्र निर्माण की प्रशिक्षणशालाएँ थीं, जिनसे निकलकर हमने समाज सेवा, राजनीति, शिक्षा, प्रशासन, हर क्षेत्र में सक्रिय और सजग भूमिका निभाई।
* अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद : केवल छात्र संगठन नहीं, एक विचारधारा
ABVP का उद्देश्य राजनीति करना नहीं, बल्कि राजनीति को शुद्ध करना है। यह संगठन विद्यार्थियों को केवल कैरियर केंद्रित नहीं, बल्कि चरित्रवान बनाना चाहता है। राष्ट्र के प्रति निष्ठा, सेवा, समर्पण, और संवेदनशीलता — यही इसके कार्यकर्ताओं की पहचान है।
* राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस — एक प्रेरणा का अवसर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का स्थापना दिवस अब राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें स्मरण कराता है कि विद्यार्थी केवल परीक्षा पास करने की मशीन नहीं, बल्कि देश के भविष्य निर्माता हैं। उनका कर्तव्य है कि वे विचारशील बनें, नेतृत्व करें और समाज को दिशा दें।
आज जब ABVP अपने 77वें स्थापना वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तब यह केवल संगठन के गौरव का नहीं, हर राष्ट्रभक्त युवा के आत्मगौरव का क्षण है।
यह समय है एक बार फिर से स्वयं से पूछने का —“क्या हम केवल छात्र रहेंगे, या राष्ट्र के विचारशील निर्माता बनेंगे?”
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रत्येक कार्यकर्ता को, समस्त छात्र समुदाय को, और राष्ट्रनिष्ठ युवा साथियों को स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। आइए, संकल्प लें —“छात्र शक्ति को राष्ट्र शक्ति में परिवर्तित करने की यह यात्रा, यहीं नहीं रुकेगी!
चंद्रशेखर पटेल सिविल इंजीनियर और कानून विशेषज्ञ हैं। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर की कार्यपरिषद के सदस्य के तौर पर शिक्षा, पर्यावरण और पॉलिसी के क्षेत्र में सामाजिक बदलाव के लिए प्रयासरत हैं ।
नोट- व्यक्त विचार निजी हैं
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