मध्य प्रदेश के जबलपुर में हिन्दू संगठनों ने कहा है कि एक मंदिर की जमीन पर मस्जिद बनाई गई। इसको लेकर जबलपुर के रांझी में सोमवार (14 जुलाई 2025) को जमकर हंगामा हुआ। यह विवाद तब और बढ़ गया जब जबलपुर के कलेक्टर ने एक विवादित पोस्ट कर दी। हिंदू संगठन प्रमाण के साथ बता रहे हैं कि मस्जिद का निर्माण मंदिर वाली जगह पर किया गया है। उन्होंने कलेक्टर के दावों को गलत बताया और कहा कि हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे।
विवाद ने लिया बड़े प्रदर्शन का रूप
इधर, रांझी स्थित मढ़ई में गायत्री मंदिर की जमीन पर मस्जिद होने के विवाद ने एक बड़े प्रदर्शन का रुप ले लिया है। जानकारी के अनुसार, जबलपुर के रघुवीर सिंह मरावी ने 12 जुलाई को एक पोस्ट की थी, जिसमें मस्जिद निर्माण से जुड़ी जानकारी साझा की गई थी। इसके बाद हिन्दू इस मामले में कार्रवाई की मांग करने लगे। इसके बाद जबलपुर कलेक्टर के ऑफिशियल अकाउंट से शेयर की गई पोस्ट में लिखा गया कि मौके पर कभी मंदिर बने होने रुनिर्मित होने या मंदिर की भूमि पर मस्जिद बनाने जैसा कोई प्रमाण नहीं मिला है। दावा किया गया था कि मस्जिद निर्माण बंदोबस्त के पूर्व उनके कब्जे और मालिकाना हक की जमीन पर ही हुआ है।
कुछ ही देर में डिलीट हो गया पोस्ट
हालांकि, यह पोस्ट कुछ ही घंटे बाद डिलीट भी कर दिया गया। लेकिन उससे पहले हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने पोस्ट देख ली थी। इस मामले में हिंदू संगठन प्रमाण के साथ ये बता रहे हैं कि मस्जिद का निर्माण मंदिर वाली जगह पर किया गया है। उन्होंने कलेक्टर के दावों को गलत बताया और विरोध करने की बात कही। कलेक्टर की पोस्ट देखने के बाद हिन्दु संगठनों का गुस्सा उबाल पर आ गया। इसके बाद उन्होंने SDM रघुवीर सिंह का अर्थी जुलूस भी निकाला।
सीएम के आदेश के बाद विरोध स्थगित
लोगों के प्रदर्शन और अर्थी जुलूस के दौरान ही यह मामला मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव तक भी पहुंच गया। उन्होंने इस मामले में जांच कमेटी गठित करने का आश्वासन भी दिया। इसके बाद एसडीएम को भी हटा दिया गया। इससे पहले हिंदुओं ने मंगलवार (15 जुलाई 2025) को भी प्रदर्शन करने के लिए कहा था। लेकिन बाद में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के जाच के आदेश के बाद उन्होंने अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
ये बोले नये एसडीएम
नए एसडीएम ऋषभ जैन का कहना है कि यह पोस्ट एसडीएम की जानकारी के बिना शेयर की गई थी। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि खसरा नंबर 169 की जमीन पर मस्जिद निर्माण किया गया है। संगठन का कहना है कि वक्फ बोर्ड के नाम पर केवल 1000 वर्गफीट भूमि का आवंटन है और मस्जिद का निर्माण लगभग 3000 वर्गफीट में किया गया है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मस्जिद की आड़ में अवैध रूप से मदरसा भी चलाया जा रहा है। इससे पहले मस्जिद कमेटी ने यह मामला हाईकोर्ट में भी दायर किया था, हालांकि सबूत के तौर पर कागजों की कमी के चलते केस वापस लेना पड़ा था।




























