उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दे दिया है लेकिन उनके इस्तीफे पर सियासी बयानबाज़ी का दौर भी लगातार चल रहा है। कांग्रेस ने धनखड़ के इस अप्रत्याशित कदम पर कई सवाल खड़े किए हैं। इसके अलावा कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उप-राष्ट्रपति द्वारा बुलाई गई एक अहम बैठक में शामिल नहीं हुए थे, जिसका उन्हें बुरा लगा था। साथ ही, नड्डा का राज्यसभा के भीतर दिया गया एक बयान भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे हैं कि ‘जो मैं कह रहा हूं वही रिकॉर्ड पर जाएगा कुछ और नहीं जाएगा’। इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर विपक्षी नेताओं द्वारा दावा किया जा रहा है कि ऐसे बयानों के ज़रिए वह धनखड़ पर दवाब बनाने की कोशिश कर रहे थे जिस पर उन्होंने प्रतिक्रिया दी है।
जयराम रमेश ने क्या कहा था?
जयराम रमेश ने धनखड़ के इस्तीफे के बाद X पर कई पोस्ट किए हैं। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “कल दोपहर 12:30 बजे श्री जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (BAC) की अध्यक्षता की। इस बैठक में सदन के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत ज़्यादातर सदस्य मौजूद थे। थोड़ी देर की चर्चा के बाद तय हुआ कि समिति की अगली बैठक शाम 4:30 बजे फिर से होगी। शाम 4:30 बजे धनखड़ जी की अध्यक्षता में समिति के सदस्य दोबारा बैठक के लिए इकट्ठा हुए। सभी नड्डा और रिजिजू का इंतज़ार करते रहे, लेकिन वे नहीं आए।”
उन्होंने अपने पोस्ट में दावा किया, “सबसे हैरानी की बात यह थी कि धनखड़ जी को व्यक्तिगत रूप से यह नहीं बताया गया कि दोनों मंत्री बैठक में नहीं आएंगे। स्वाभाविक रूप से उन्हें इस बात का बुरा लगा और उन्होंने BAC की अगली बैठक आज दोपहर 1 बजे के लिए टाल दी। इससे साफ है कि कल दोपहर 1 बजे से लेकर शाम 4:30 बजे के बीच ज़रूर कुछ गंभीर बात हुई है, जिसकी वजह से जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू ने जानबूझकर शाम की बैठक में हिस्सा नहीं लिया। अब एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए, जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए। लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।”