पिटबुल कुत्ते शारीरिक रूप से बहुत ताक़तवर, तेज़ और अक्सर आक्रामक स्वभाव के होते हैं। पहले इन्हें लड़ाई के लिए पाला जाता था, जिससे इनकी आक्रामक प्रवृत्ति बनी रही। अगर ये हमला करें, तो सामने वाले को गंभीर चोट पहुंचा सकते हैं, खासकर जब इन्हें सही तरीके से ट्रेनिंग या कंट्रोल न किया गया हो।
इनके जबड़े की पकड़ बहुत मज़बूत होती है और काटने के बाद ये आसानी से नहीं छोड़ते। इसी वजह से कई देशों ने लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पिटबुल पर प्रतिबंध लगाया है। इंग्लैंड, फ्रांस, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, नॉर्वे, न्यूजीलैंड, इज़राइल और मलेशिया जैसे देशों में पिटबुल को पालना मना है। इसके अलावा बेल्जियम, जापान, जर्मनी, चीन और ब्राज़ील के कुछ हिस्सों में भी पिटबुल पर कुछ कड़े नियम लागू हैं। इन जगहों पर पिटबुल को पालने, बेचने, उनकी ब्रीडिंग या उनसे जुड़ा कोई व्यवसाय करने पर रोक या सख्त नियम बनाए गए हैं।
पिटबुल बन चुका है लोगों के लिए खतरा
चेन्नई के टोंडियारपेट के पास आईओसी इलाके में रविवार, 3 अगस्त 2025 को एक दर्दनाक घटना सामने आई। यहां एक पिटबुल कुत्ते ने 7 साल की मासूम बच्ची पर अचानक हमला कर दिया। हमले में बच्ची के चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं, खासकर उसके माथे और ठुड्डी पर। बच्ची की हालत अब स्थिर बताई जा रही है, और उसे स्टेनली सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है।
चेन्नई की यह घटना पहली नहीं है। देशभर में पिटबुल जैसे खतरनाक कुत्तों के हमलों के कई मामले सामने आ चुके हैं।
- 2023 – गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: 8 साल का बच्चा अपने घर के बाहर खेल रहा था, तभी पड़ोस में पाले गए पिटबुल ने अचानक उस पर हमला कर दिया। उस बच्चे को भी गंभीर चोटें आई थीं।
- 20 जुलाई 2025, मुंबई (मानखुर्द): इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। यहां एक व्यक्ति ने जानबूझकर अपने पिटबुल से 11 साल के बच्चे पर हमला करवाया। बच्चा दर्द से चिल्ला रहा था, लेकिन आरोपी हंसता रहा। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
- 5 अगस्त 2025 – करनाल, हरियाणा: एक 12 साल के बच्चे पर पिटबुल ने हमला कर दिया। हमले में बच्चे के पैर और सिर की त्वचा बुरी तरह नोच दी गई, हड्डियां तक नजर आने लगीं। यही नहीं, उस कुत्ते ने आसपास के तीन और लोगों पर भी झपट्टा मारा और एक व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट को भी नुकसान पहुंचाया।
- 3 सितंबर- गाजियाबाद के एक पार्क में टहल रहे एक बच्चे पर पिटबुल कुत्ते ने मालिक के हाथ से छूटकर हमला कर दिया, जिससे वह बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया।
- अगस्त – गाजियाबाद के लोनी इलाके में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां एक 6 साल के बच्चे को पिटबुल ने निशाना बनाया था।
- इसी तरह की एक और घटना गुड़गांव में हुई, जहां एक महिला पर इस खतरनाक नस्ल के कुत्ते ने हमला कर दिया।
क्या पिटबुल ही सबसे खतरनाक हैं?
पिटबुल इन घटनाओं में सबसे चर्चित नाम है, लेकिन यह अकेली नस्ल नहीं है जो खतरे की घंटी बजा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया की 10 सबसे खतरनाक डॉग ब्रीड्स में कई नस्लें ऐसी हैं, जिनके बारे में अब चेतावनी देना जरूरी है:
दुनिया की 10 सबसे खतरनाक कुत्तों की नस्लें:
अमेरिकन पिट बुल टेरियर – बेहद आक्रामक, कई देशों में प्रतिबंधित।
रोटवीलर – ताकतवर और डोमिनेंट, कई जानलेवा हमलों में शामिल।
जर्मन शेफर्ड – बुद्धिमान लेकिन गलत ट्रेनिंग से खतरनाक हो सकते हैं।
डोबरमैन पिंसर – सुरक्षात्मक लेकिन अनियंत्रित होने पर हिंसक।
चाउ चाउ – दिखने में मासूम लेकिन अजनबियों के लिए असहिष्णु।
ग्रेट डेन – आकार में बड़ा और अगर उत्तेजित हो जाए तो जानलेवा हो सकता है।
बॉक्सर – ऊर्जावान लेकिन सही दिशा न मिलने पर आक्रामक।
केन कोर्सो – इटालियन मस्तिफ, बेहद ताक़तवर और प्रोटेक्टिव।
अलास्का मालाम्यूट – ठंडी जगहों के लिए बना, लेकिन गलत वातावरण में खतरनाक हो सकता है।
साइबेरियाई हस्की – सुंदर लेकिन यदि बोर हो जाए तो व्यवहार बदल सकता है।
इन नस्लों की ताकत, आकार और प्रकृति उन्हें आम जनता, विशेषकर बच्चों के लिए जोखिमपूर्ण बनाती है, विशेषकर तब, जब इन्हें बिना प्रशिक्षण, निगरानी और लाइसेंस के पाला जाए।
अब सरकार को उठाने होंगे सख्त कदम
इन घटनाओं को देखते हुए यह साफ हो गया है कि भारत में अब सिर्फ जागरूकता से काम नहीं चलेगा। सरकार को चाहिए कि:
खतरनाक नस्लों को पालने पर लाइसेंस अनिवार्य करे
बिना प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र के इन नस्लों को पालने पर कड़ी सजा और जुर्माना तय हो
नगर निगमों को रेगुलर निरीक्षण और पालतू जानवरों का रिकॉर्ड रखने का आदेश दिया जाए
स्कूलों और बस्तियों में ऐसे कुत्तों की एंट्री प्रतिबंधित की जाए
देशभर में इन नस्लों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए
पालतू जानवर रखना एक ज़िम्मेदारी है, और इसका उल्लंघन दूसरों की ज़िंदगी के लिए खतरा बन सकता है। अगर अभी भी इस पर सख्ती नहीं बरती गई, तो हर महीने किसी मासूम की ज़िंदगी खतरे में पड़ सकती है।
दुनिया की सबसे खतरनाक कुत्तों की नस्लें अब भारत में बिना रोक-टोक के पाली जा रही हैं। चेन्नई से लेकर गाजियाबाद तक की घटनाएं यह साफ बताती हैं कि अब समय आ गया है कि सरकार पिटबुल जैसी नस्लों पर रोक और नियंत्रण के लिए स्पष्ट, सख्त और लागू करने योग्य कानून बनाए। क्योंकि जब तक कानून नहीं बदलेगा, तब तक किसी और मासूम पर फिर से ऐसा हमला हो सकता है, और तब हम सिर्फ अफ़सोस कर पाएंगे।