नेपाल में हाल ही में हुई ‘जनरेशन Z’ की व्यापक विरोध प्रदर्शनों ने न केवल उस देश की आंतरिक राजनीति को झकझोरा है, बल्कि यह भारत के लिए भी गंभीर चेतावनी है। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के नेपाल सरकार के निर्णय ने युवाओं में गहरी नाराजगी पैदा की। इसके परिणामस्वरूप हिंसा की घटनाएं सामने आईं, जिनमें अब तक 19 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए।
भारत की सक्रिय प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस घटनाक्रम पर तुरंत नजर रखी। विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान जारी कर कहा कि वह नेपाल में हो रही घटनाओं पर करीबी निगरानी रख रहा है और हिंसा में हताहत हुए युवाओं के प्रति गहरा शोक व्यक्त करता है। भारत ने नेपाल सरकार से संयम बरतने और हिंसा की पुनरावृत्ति से बचने की अपील की।
साथ ही, भारतीय नागरिकों को नेपाल में सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। यह कदम न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अपने नागरिकों के प्रति जिम्मेदार और सजग है।
नेपाल में अस्थिरता के कारण
सोशल मीडिया प्रतिबंध और युवाओं की नाराजगी: डिजिटल पीढ़ी ‘जनरेशन Z’ के लिए सोशल मीडिया केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि अपनी आवाज़ को बनाने और साझा करने का जरिया है। नेपाल में इन प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध ने उनके असंतोष को हिंसक रूप में बदल दिया।
राजनीतिक अस्थिरता और अविश्वास: नेपाल की राजनीति लंबे समय से अस्थिर रही है। भ्रष्टाचार, नीतियों में पारदर्शिता की कमी और युवा उम्मीदों की अनदेखी ने जनता में गहरा अविश्वास पैदा किया।
आर्थिक और सामाजिक दबाव: बेरोजगारी, महंगाई और अवसरों की कमी ने युवाओं की नाराजगी को और बढ़ा दिया, जिससे विरोध और हिंसा को बल मिला।
भारत का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण
क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा: नेपाल भारत का पड़ोसी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है। वहां की अस्थिरता सीमा सुरक्षा, व्यापारिक मार्गों और क्षेत्रीय शांति को प्रभावित कर सकती है। भारत का दृष्टिकोण स्पष्ट है – नेपाल में स्थिर और जिम्मेदार सरकार होना आवश्यक है।
लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन: सोशल मीडिया प्रतिबंध ने युवाओं की आवाज़ को दबाया है। भारत हमेशा लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थक रहा है और नेपाल में इन अधिकारों की रक्षा के लिए संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाता है।
समान हित और सहयोग: भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक संबंध हैं। भारत इस दिशा में नेपाल सरकार के साथ संवाद और सहयोग के माध्यम से स्थिरता बनाए रखने का प्रयास करता रहेगा।
सतर्कता और नागरिक सुरक्षा: भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन करने की सलाह देना भारत की जिम्मेदारी और सजगता को दर्शाता है।
नेपाल में ‘जनरेशन Z’ के विरोध और हिंसा की घटनाएं केवल पड़ोसी देश की समस्या नहीं हैं, बल्कि यह भारत के लिए क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा का परीक्षण भी हैं। भारत ने संयम, संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों के समर्थन के माध्यम से स्थिति नियंत्रित करने का कदम उठाया है।
भारत की दृष्टि से देखा जाए तो यह स्पष्ट है कि भारत न केवल नेपाल की आंतरिक शांति में सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि अपने नागरिकों और सीमाओं की सुरक्षा के प्रति भी सतर्क है। लोकतांत्रिक संस्थाओं और युवाओं की आवाज़ की रक्षा करते हुए भारत हमेशा अपने पड़ोसी देश के साथ स्थिर, मजबूत और भरोसेमंद संबंध बनाए रखने का प्रयास करेगा।