“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    KARNATAKA HATE SPEECH CRIME

    हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    kakori hatya kand

    बलिदान दिवस : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    KARNATAKA HATE SPEECH CRIME

    हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    kakori hatya kand

    बलिदान दिवस : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    बलिदान-दिवस 2025  : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    बलिदान-दिवस 2025 : भारत के उन महान वीरों को नमन,जिन्होंने देश के लिए दिए प्राण

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” अब केवल एक प्रार्थना नहीं, बल्कि भारत के उदय की घोषणा है। यह बताती है कि भारत माता की संतानों ने अपने संकल्प को विश्व मंच तक पहुंचा दिया है।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
29 September 2025
in इतिहास, ज्ञान, धर्म, प्रीमियम, भारत, विश्व, संस्कृति
“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

यह दृश्य केवल कला का संयोजन नहीं, बल्कि इतिहास का नया अध्याय है।

Share on FacebookShare on X

भारत माता की वंदना करने वाली प्रार्थना—“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” अब सिर्फ़ शाखाओं तक सीमित नहीं रही। दशकों तक यह प्रार्थना प्रातःकालीन शाखाओं में स्वयंसेवकों की सामूहिक प्रतिज्ञा का स्वर रही है। लेकिन अब यह विश्व मंच पर गूंज रही है। लंदन की सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा की गूंजती धुनों, शंकर महादेवन की ऊर्जावान आवाज़ में और हरीश भिमानी की गहरी व्याख्या में जब यह प्रार्थना सुनाई देती है, तो यह केवल संगीत नहीं बल्कि भारत की आत्मा का उद्घोष है।

यह दृश्य केवल कला का संयोजन नहीं, बल्कि इतिहास का नया अध्याय है। यह उस राष्ट्र की आत्मा की घोषणा है जिसने सहस्राब्दियों की यातनाएं झेलीं, जिसने विभाजन का घाव भी सहा और राजनीति के नाम पर अपने ही मूल्यों को गाली खाते देखा, लेकिन जिसने कभी मातृभूमि की आराधना को नहीं छोड़ी।

संबंधितपोस्ट

संकट का राजनीतिकरण: नैरेटिव युद्ध और क्षेत्रीय शक्ति-राजनीति

भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

हिंदी में पढ़ें वीर सावरकर की कविता ‘सागर प्राण तलमाला’

और लोड करें

आप भी सुनें और वीडियो देखें

प्रार्थना की आत्मा: मातृभूमि के प्रति शाश्वत निष्ठा

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” प्रार्थना की पहली पंक्ति ही उसके सार को स्पष्ट कर देती है। मातृभूमि को वत्सला—अर्थात् स्नेहमयी माता कहकर संबोधित करना भारतीय दृष्टिकोण का प्रतीक है। भारत की परंपरा में भूमि मात्र मृदा नहीं है। यह जीवंत है, चेतन है, पूजनीय है। यही दृष्टि गीता में “मां पृथ्वीम धरायाम” और वेदों में “माता भूमे पुत्रो अहं पृथिव्याः” के रूप में सामने आती है।

संघ की दृष्टि से यह प्रार्थना राष्ट्रवाद की नींव है। यहां राष्ट्र किसी जाति, किसी मज़हब, किसी सत्ता का नाम नहीं। यहां राष्ट्र माता है, जो वत्सला है, जो करुणामयी है और जिसकी गोद में बसे करोड़ों संतानों का कर्तव्य है कि उसकी रक्षा करें, उसका सम्मान करें और उसे जगतगुरु बनाने का प्रयास करें।

आखिर मातृभूमि की ही वंदना क्यों?

भारत की आज़ादी के बाद, सत्ता पर काबिज कांग्रेस और उससे जुड़े वामपंथी विचारक इस प्रार्थना को हमेशा संदेह की नज़र से देखते रहे। उनके लिए मातृभूमि की वंदना “हिंदू राष्ट्रवाद” थी। उन्होंने इस राष्ट्रभक्ति को “सांप्रदायिक” कहकर बदनाम किया।

विरोधाभास देखिए, इन्हीं नेताओं के लिए “भारत तेरे टुकड़े होंगे” जैसे नारे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता थे। विश्वविद्यालयों में खुलेआम देश-विरोधी नारे लगाए जाते रहे और सेक्युलर खेमे ने उसे “युवाओं की बेचैनी” कहकर बचाने की कोशिश की। लेकिन वही लोग जब संघ की शाखाओं में सुबह-सुबह प्रार्थना की गूंज सुनते थे तो उन्हें उसमें सांप्रदायिकता नज़र आती थी।

असल में यह उनकी विकृत मानसिकता का परिचायक है। वे भारत माता को माता मानने से ही कतराते थे। उनके लिए राष्ट्र केवल सत्ता का ढांचा था, एक चुनावी गणित था। लेकिन संघ के लिए राष्ट्र जीवंत माता थी और यही विचार उन्हें खटकता था।

इतिहास के पन्नों पर संघ की छाप

आलोचक चाहे जितनी कोशिश करें, इतिहास साक्षी है कि संघ की यह प्रार्थना केवल शब्दों तक सीमित नहीं रही। स्वयंसेवकों ने इसे कर्म में ढाला।

1947, कश्मीर का पहला युद्ध: जब पाकिस्तान के कबायली दस्ता घाटी पर टूट पड़ा, तो संघ के स्वयंसेवक सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मोर्चे पर पहुंचे। केवल पहुंचे ही नहीं, इतिहास इसका साक्षी है, श्रीनगर एयरपोर्ट का रनवे जो खराब हो गया था, उसे दोबारा तैयार किया। सैनिकों के लिए खाना उपलब्ध करवाया।

गोवा मुक्ति आंदोलन (1961): पुर्तगाली साम्राज्यवाद के खिलाफ संघ के स्वयंसेवकों ने निर्णायक भूमिका निभाई।

1975 का आपातकाल: तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब लोकतंत्र को कुचल दिया, तो संघ ही वह शक्ति था, जिसने पूरे देश में प्रतिरोध का बिगुल फूंका। हजारों स्वयंसेवक जेलों में गए, यातनाएं सहीं लेकिन झुके नहीं। शाखाएं लगनी बंद हो गईं, लेकिन उनकी जगह वैचारिक शाखाओं ने ले लीं। संघ अपने काम पर तब भी लगा रहा।

राम जन्मभूमि आंदोलन: संघ और उससे जुड़े संगठनों ने वह जनसैलाब खड़ा किया, जिसने पांच शताब्दियों की गुलामी की जंजीर तोड़ दी और अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया। अगर संघ ने भारतीय इतिहास पर लगे उस धब्बे को न मिटाया होता तो आज राम मंदिर भी नहीं होता। इसका श्रेय तो संघ को ही जाता है।

कारगिल युद्ध (1999) में भी स्वयंसेवकों ने मोर्चे पर सेना का सहयोग किया और देशभर में जनसमर्थन जुटाया।

इन सबके केंद्र में वही प्रार्थना थी—“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे।”

लंदन में गूंजती भारत माता की आवाज़

आज वही प्रार्थना लंदन की धरती पर गूंज रही है। याद रहे, लंदन वही शहर है, जहां से कभी अंग्रेजों ने भारत पर राज किया था, हमारी संस्कृति और अस्मिता को मिटाने की योजनाएं बनाई और अब उसी लंदन में भारत माता की वंदना, ऑर्केस्ट्रा की धुनों पर गूंज रही है। यह भारत के लिए गौरव की बात है।

यह केवल सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं। यह इतिहास का पलटवार है। यह संदेश है कि भारत अब आत्मविश्वास से खड़ा है।

विरोधियों की बेचैनी और स्थायी पराजय

यह दृश्य उन सबके लिए असहनीय है, जो संघ के नाम से ही तिलमिला उठते हैं। सेक्युलर नेताओं की जमात, वामपंथी बुद्धिजीवी और विदेशी एजेंडे पर पलने वाले एनजीओ अब बेचैन हैं। क्योंकि जिस प्रार्थना को उन्होंने पार्कों की शाखाओं तक बांध दिया था, वही अब पूरी दुनिया में सम्मान पा रही है।

राम मंदिर निर्माण के समय यही गिरोह सड़कों पर विरोध करता रहा। अनुच्छेद 370 हटाने पर यही जमात कहती रही कि इससे “अशांति” फैलेगी। CAA पर यही भीड़ “नागरिकता के अधिकार छिनने” का झूठा नैरेटिव फैलाती रही। लेकिन हर बार भारत माता की संतानें उठ खड़ी हुईं और राष्ट्र की जयघोष ने इनकी चालों को कुचल दिया।

अब वही हुआ है, इस प्रार्थना के साथ। यह प्रार्थना अब शाखा की सीमा से निकलकर वैश्विक मंच पर पहुंच चुकी है। ​अब कोई जले तो जले, इससे क्या? भारत और उसका नैरेटिव तो बुलंदियों पर पहुंच रहा है।

भारत का राष्ट्रवाद बनाम पश्चिम का नेशनलिज़्म

यहां एक बुनियादी अंतर है। पश्चिम का नेशनलिज़्म साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद और हिंसा से जुड़ा रहा है। वहां राष्ट्रवाद का अर्थ दूसरे देशों पर आधिपत्य और अपने स्वार्थ की पूर्ति रहा है।

लेकिन भारत का राष्ट्रवाद अलग है। यह विश्व बंधुत्व का संदेश देता है। यह कहता है—“सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः।” यह सबका कल्याण चाहता है, लेकिन साथ ही यह इतना दृढ़ भी है कि मातृभूमि पर आंच नहीं आने देगा। यही संघ की प्रार्थना का भाव है।

उद्घोष: अब कोई नहीं रोक सकता

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” अब केवल एक प्रार्थना नहीं, बल्कि भारत के उदय की घोषणा है। यह बताती है कि भारत माता की संतानों ने अपने संकल्प को विश्व मंच तक पहुंचा दिया है।

जो लोग अब भी “भारत तेरे टुकड़े होंगे” का सपना देखते हैं, जो अब भी तिरंगे का अपमान करते हैं, जो अब भी राष्ट्रवाद को गाली देते हैं, उनके लिए यह प्रार्थना अंतिम चेतावनी है। भारत माता की संतानें अब जाग चुकी हैं।

आज लंदन की धरती पर गूंजती यह प्रार्थना यही कह रही है—
भारत अब थमने वाला नहीं।
भारत अब झुकने वाला नहीं।
भारत अब उठ खड़ा हुआ है।
और भारत माता की यह संतानें, इस राष्ट्र को अखंड, आत्मनिर्भर और विश्वगुरु बनाकर ही दम लेंगी।

Tags: British ruleIndiaLeftlondonrssSangh prayerअंग्रेजी हुकुमतआरएसएसभारतलंदनवामपंथसंघ की प्रार्थना
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अगरतला की प्रभुबाड़ी पूजा: नित्यानंद महाप्रभु के वंशजों द्वारा शुरू की गई 170 वर्ष पुरानी पूजा क्यों है विशेष और क्या है इतिहास ?

अगली पोस्ट

कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

संबंधित पोस्ट

kakori hatya kand
इतिहास

बलिदान दिवस : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर

19 December 2025

पंडित रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में हुआ। उनके पिता श्री मुरलीधर शाहजहाँपुर नगरपालिका में कर्मचारी थे, जिन्होंने...

nick fluentes
AMERIKA

कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

18 December 2025

अमेरिका में हाल के वर्षों में अतिदक्षिणपंथी विचारधाराएँ फिर चर्चा में हैं। इन्हीं चेहरों में एक नाम है—निक फ्यूएंटेस। वे एक युवा राजनीतिक कार्यकर्ता और...

KARNATAKA HATE SPEECH CRIME
भारत

हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

18 December 2025

कर्नाटक विधानसभा में हेट स्पीच और हेट क्राइम के खिलाफ बिल पेश किया गया है। इसका मकसद है नफरत और घृणा फैलाने वाली अपराध पर...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited