चेन्नई पुलिस रविवार को अभिनेता और TVK प्रमुख सी. जोसेफ विजय के नीलंकरे, ईस्ट कोस्ट रोड (ECR) स्थित घर पहुँची, जब उन्हें फोन पर सूचना मिली कि विजय के घर में बम रखा गया है। सूचना मिलते ही तुरंत बम निरोधक टीम को बुलाया गया और घर के अंदर-बाहर की पूरी जांच की गई। घटनास्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए और आसपास के इलाके में भी सतर्कता बढ़ा दी गई ताकि किसी भी प्रकार की खतरे की स्थिति को रोका जा सके। फिलहाल धमकी देने वाले का नाम या पहचान सामने नहीं आई है, और इसकी जांच अभी जारी है।
यह बम की धमकी की कॉल उसी समय आई जब एक दिन पहले विजय की करूर रैली में भारी भीड़ की वजह से भगदड़ हुई थी। रैली के लिए प्रशासन ने लगभग 10,000 लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन वहां 30,000 से ज्यादा लोग जमा हो गए। इसनी भीड़ होने की वजह से अफरा-तफरी मच गई और कई लोग गिरकर घायल हो गए।
इस घटना में अब तक लगभग 41 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 18 महिलाएं, 13 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से ज्यादा लोग करूर जिले के ही रहने वाले है। जबकि बाकी ईरोड़, तिरुपुर, डिंडिगुल और सलेम जिले से थे।
इस दुखद घटना के बाद विजय ने मृतकों के परिवारों के लिए 20 लाख रुपए और घायल लोगों के लिए 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। इससे प्रभावित परिवारों को कुछ राहत मिली, लेकिन इस घटना की वजह से सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर सवाल खड़े हो गए।
TVK ने साजिश का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की
भगदड़ के बाद TVK ने इसे साजिश मानते हुए रविवार को मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में उन्होंने मांग की कि करूर में हुई घटना की पूरी जांच हो जाने तक उनकी पार्टी को कोई और रैली आयोजित करने से रोका जाए। इस याचिका पर सुनवाई आज दोपहर 2.15 बजे हो सकती है।
मद्रास हाईकोर्ट ने पहले ही इस मामले में विशेष सुनवाई की थी। न्यायमूर्ति एन. सेंटिलकुमार ने कहा कि बड़े कार्यक्रमों में भीड़ को संभालना बहुत जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जांच जल्दी पूरी की जाए और जिनकी गलती पाई जाती है, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए।
राजनीतिक और सरकारी प्रतिक्रियाएँ
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, विपक्षी नेता एड़प्पाड़ी के. पलानीस्वामी और केंद्रीय मंत्री सभी ने करूर रैली की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सरकार से अपील की कि भविष्य में इस तरह की भीड़भाड़ वाली घटनाओं से बचने के लिए कड़े सुरक्षा का इंतजाम किया जाए जाएं। इस बीच, तमिलनाडु सरकार ने घटना में हुई लापरवाही की गंभीरता को देखते हुए उच्च-स्तरीय जांच का आदेश भी दिया है।
CBI या SIT जांच की मांग
विजय ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की है कि इस घटना की जांच सीबीआई या विशेष जांच टीम (SIT) कराए। इस याचिका और अभी चल रही जांच के नतीजे TVK की आने वाली रैलियों और चुनावी अभियान पर असर डाल सकते हैं।
यह घटना सिर्फ विजय की सुरक्षा की चिंता बढ़ाने वाली नहीं है, बल्कि तमिलनाडु में बड़े सार्वजनिक आयोजनों में भीड़ को संभालने की अहमियत को भी सामने लाती है। अब यह देखना बाकी है कि जांच में कौन जिम्मेदार पाया जाएगा और भविष्य में ऐसे हादसों को कैसे रोका जाएगा।