आप 22 अप्रैल को हुआ पहलगाम हमला तो नहीं ही भूले होंगे, और आपको उसके बाद भारतीय सेना का आतंकवादियों को दिया गया जवाब भी याद ही होगा। इसके साथ ही आपको याद होगी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की जांबाज़ी। हमारी सेना इस धर्म युद्ध में आतंक और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भले ही जीत गई हो, लेकिन नैरेटिव वार में पीछे रह गई।
सियासी कुचक्र और पाकिस्तान प्रायोजित एजेंडे का कुछ ऐसा असर हुआ कि कुछ भारतवासी खासकर विपक्षी पार्टियों के नेता अपनी ही सेना से सबूत मांगते नज़र आए। इस दौरान सेना प्रमुख और वायुसेना प्रमुख से लेकर CDS तक के स्पष्ट बयानों के बावजूद सेना के ख़िलाफ़ कैंपेन चलाया गया और हमारी जीत को कमतर करके दिखाया जाने लगा। भारतीय सेना के पराक्रम पर उंगलियां उठायी गईं। हालांकि भारतीय सेना दुनिया की सबसे प्रोफेशनल आर्म फोर्स में एक है, और उसे ऐसे फेंक कैंपेन से कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अगर भारत के लोग ही अपनी सेना पर सवाल खड़े करने लगें तो दुश्मनों का काम आसान हो जाता है।
इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अपनी सेना और अपने देश के साथ खड़े हों। देश के नागरिक ख़ासकर युवा अपनी आर्मी के साथ खड़े हों। इसके लिए Youth Bharti, TFI Media (Think For India) और भारत 24 ने एक कैंपेन शुरू किया है, ताकि सीधे युवाओं के बीच पहुंच कर उन्हें डिफेंस के प्रति जागरूक किया जाए और उनकी शंकाओं का समाधान किया जाए।
इसी कड़ी में दिल्ली यूनिवर्सिटी के देशबंधु कॉलज में एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें मेजर जनरल संजय मेस्टन (रिटायर्ड) मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने छात्रों से न सिर्फ संवाद किया बल्कि उनके सवालों का जवाब देकर उनकी शंकाएं भी दूर कीं।
इस दौरान उन्होंने छात्रों से ऐसे मुश्किल दौर में संगठित रहने और आर्मी के साथ मज़बूती से खड़े रहने की भी अपील की।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि अगर सेना मुट्ठी है तो देश की जनका उसका बाजू है और जब बाजू की पूरी ताक़त मुट्ठी के पीछे होगी, तभी पंच जोरदार लगेगा। इसलिए हमें हर हाल में अपनी सेना और अपने देश के साथ खड़ा रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों को अपनी सेना के पराक्रम के प्रति भी आश्वस्त कराया।
बता दें कि दिल्ली के अलावा देहरादून में भी यूथ भारती, भारत 24 और TFI द्वारा ऐसे कई कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जिन्हें रक्षा विशेषज्ञ कर्नल मयंक चौबे द्वारा संचालित किया गया। इस दौरान जहां उन्होंने युवाओं से एकजुट रहने और पाक प्रायोजित फेक कैंपेन में न फंसने की अपील की।
इस कार्यक्रम का लक्ष्य देश भर में school, college, university, सोशल साइट्स और कॉर्पोरेट दफ्तरों तक ऐसी कम से कम 1000 वर्कशॉप कर लोगों में इंडियन आर्मी के प्रति समर्थन और Defence awareness के प्रति लोगों को जागरूक करना है।