तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि, पाकिस्तान नहीं: बिहार चुनाव में बुर्का विवाद पर गिरिराज सिंह ने विपक्ष को दिखाया आईना

    भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि, पाकिस्तान नहीं: बिहार चुनाव में बुर्का विवाद पर गिरिराज सिंह ने विपक्ष को दिखाया आईना

    राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेकार, भारत की सेना ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई और दुनिया को दिखा दिया असली ताकत

    ट्रंप भी मानने को मजबूर: राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेअसर, भारत ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई

    पाकिस्तान का असली चेहरा: हिंदू हो तो दुश्मन, सिख हो तो ‘मेहमान’, और मुसलमान हो तो ‘असली इंसान’

    पाकिस्तान का असली चेहरा: हिंदू हो तो दुश्मन, सिख हो तो ‘मेहमान’, और मुसलमान हो तो ‘असली इंसान’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेकार, भारत की सेना ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई और दुनिया को दिखा दिया असली ताकत

    ट्रंप भी मानने को मजबूर: राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेअसर, भारत ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेकार, भारत की सेना ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई और दुनिया को दिखा दिया असली ताकत

    ट्रंप भी मानने को मजबूर: राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेअसर, भारत ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

    भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि, पाकिस्तान नहीं: बिहार चुनाव में बुर्का विवाद पर गिरिराज सिंह ने विपक्ष को दिखाया आईना

    भारत में लोकतंत्र सर्वोपरि, पाकिस्तान नहीं: बिहार चुनाव में बुर्का विवाद पर गिरिराज सिंह ने विपक्ष को दिखाया आईना

    राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेकार, भारत की सेना ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई और दुनिया को दिखा दिया असली ताकत

    ट्रंप भी मानने को मजबूर: राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेअसर, भारत ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई

    पाकिस्तान का असली चेहरा: हिंदू हो तो दुश्मन, सिख हो तो ‘मेहमान’, और मुसलमान हो तो ‘असली इंसान’

    पाकिस्तान का असली चेहरा: हिंदू हो तो दुश्मन, सिख हो तो ‘मेहमान’, और मुसलमान हो तो ‘असली इंसान’

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेकार, भारत की सेना ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई और दुनिया को दिखा दिया असली ताकत

    ट्रंप भी मानने को मजबूर: राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेअसर, भारत ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    रूस हारा, अमेरिका हारा, अब पाकिस्तान की तालिबान से जंग की डींगे: अंतरराष्ट्रीय मज़ाक और उसकी वास्तविक कमजोरी

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के छह महीने बाद फिर साजिशों में जुटे पाकिस्तान और आतंकी, भारतीय सेना भी तैयार

    राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेकार, भारत की सेना ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई और दुनिया को दिखा दिया असली ताकत

    ट्रंप भी मानने को मजबूर: राहुल गांधी और विपक्ष की बयानबाज़ी बेअसर, भारत ने F-16 गिरा कर पाकिस्तान की नाक कटवाई

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    कार्तिक पूर्णिमा 2025: शिव-त्रिपुरारी से भगवान विष्णु मत्स्य अवतार तक, पौराणिक कथाओं का अद्भुत संगम

    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

भारत अब दुनिया से कुछ लेने नहीं, बल्कि देने की भूमिका में है। विचार देने की, दृष्टि देने की, और साझेदारी के उस नए मॉडल की, जो उपनिवेशवाद या शोषण पर नहीं, समानता और सम्मान पर टिका है।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
7 November 2025
in अर्थव्यवस्था, भारत, भू-राजनीति, विश्व, व्यवसाय
तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

भारत अब पश्चिम का अनुयायी नहीं, सभ्यताओं का मार्गदर्शक बन रहा है।

Share on FacebookShare on X

भारत आज जिस मोड़ पर खड़ा है, वह केवल उसके आर्थिक उत्कर्ष का नहीं, बल्कि उसके सभ्यतागत पुनर्जागरण का भी क्षण है। यह वह युग है जब सात दशक की औपनिवेशिक मानसिकता से ऊपर उठकर भारत स्वयं को वैश्विक नेतृत्व के केंद्र में स्थापित कर रहा है। भारत की इस यात्रा का नवीन अध्याय अब अफ्रीका की धरती पर लिखा जा रहा है। वह धरती, जिसे कभी पश्चिम ने केवल संसाधन का खदान समझा था। लेकिन, भारत उसे साझेदारी और समानता की भूमि मानता है।

इसी दृष्टि से नवंबर 2025 ऐतिहासिक बन गया है, जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रवाना हो रही हैं और उसके ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचने वाले हैं। यह महज़ दो यात्राएं नहीं, बल्कि दो प्रतीक हैं, भारत की ग्लोबल साउथ नीति के उद्घोष और उसके भू-राजनीतिक आत्मविश्वास के।

संबंधितपोस्ट

चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

और लोड करें

भारत अब दुनिया से कुछ लेने नहीं, बल्कि देने की भूमिका में है। विचार देने की, दृष्टि देने की, और साझेदारी के उस नए मॉडल की, जो उपनिवेशवाद या शोषण पर नहीं, समानता और सम्मान पर टिका है।

अफ्रीका की पुकार और भारत का उत्तर

याद रखें कि अफ्रीका आज उसी मोड़ पर है, जिस पर सौ वर्ष पहले एशिया था युवा जनसंख्या, अपार संसाधन, पर शोषण के इतिहास की गहरी परछाइयां। भारत ने इस पीड़ा को समझा है क्योंकि उसने स्वयं इसे झेला है। यही कारण है कि जब राष्ट्रपति मुर्मू अंगोला की स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे होने पर वहां की संसद को संबोधित करेंगी, तो वह केवल एक औपचारिक भाषण नहीं होगा, वह उपनिवेशवाद के खिलाफ सभ्यतागत एकजुटता की घोषणा होगी।

यहां बता दें कि अंगोला की पहचान उसके तेल भंडारों से है। यह अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वहीं बोत्सवाना हीरों की धरती है, जो दुनिया के rough diamonds का सबसे विश्वसनीय स्रोत मानी जाती है। ये दो देश भारत की ऊर्जा और उद्योग श्रृंखला से सीधे जुड़े हैं। सूरत के हीरा उद्योग से लेकर रिफाइनिंग कॉरिडोर तक। लेकिन असल बात केवल व्यापार की नहीं, भरोसे की है।

भारत इन देशों के पास किसी करार के लिए नहीं जा रहा, बल्कि सहयोग के लिए जा रहा है। यह फर्क ही भारत को चीन, अमेरिका या यूरोप से अलग करता है। जहां पश्चिमी देश अफ्रीका को निवेश की मंडी और चीन उसे कर्ज के जाल में बांधता आया है, वहीं भारत उसे बराबरी के साझेदार के रूप में देखता है।

भारत की सभ्यता और अफ्रीका का आत्मसम्मान

यह तथ्य अपने आप में ऐतिहासिक है कि किसी भारतीय राष्ट्रपति की अंगोला या बोत्सवाना की यह पहली राजकीय यात्रा है। लेकिन यह केवल पहली यात्रा नहीं, बल्कि पहला सन्देश है कि भारत अब अफ्रीका को केवल मदद का पात्र नहीं, बल्कि विकास का सहयात्री मानता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं उस भारत की प्रतिनिधि हैं जो गांवों, आदिवासी समाज और संघर्षों की मिट्टी से उठकर वैश्विक कूटनीति के केंद्र तक पहुंची हैं। जब वे अंगोला या बोत्सवाना की संसदों में भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की कहानी सुनाएंगी, तो यह उन अफ्रीकी राष्ट्रों के लिए आशा का दीपक बनेगा, जो आज भी असमानता, गरीबी और बाहरी नियंत्रण से जूझ रहे हैं।

भारत का संदेश स्पष्ट है कि हम साझेदारी करेंगे, शर्तें नहीं रखेंगे। हम पूंजी देंगे, नियंत्रण नहीं करेंगे। हम आत्मनिर्भरता सिखाएंगे, निर्भरता नहीं बढ़ाएंगे। यही वह सॉफ्ट पावर है, जिसने भारत को दुनिया का नैतिक नेता बनाया है।

तेल और हीरे की भू-राजनीति में भारत की रणनीति

अफ्रीका की धरती प्राकृतिक संपदा से भरी है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक असमानता ने उसे अब तक कमजोर बनाए रखा है। आज जब दुनिया ऊर्जा के नए स्रोत ढूंढ रही है, भारत इस अवसर को केवल तेल या गैस तक सीमित नहीं देख रहा। अंगोला में भारत केवल पेट्रोलियम क्षेत्र में निवेश नहीं कर रहा, बल्कि एनर्जी इकोसिस्टम की संपूर्णता में साझेदारी कर रहा है। रिफाइनिंग, ग्रीन एनर्जी, और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के रूप में। यही भारत की नीति की विशेषता है स्थायी विकास (Sustainable Development) पर आधारित साझेदारी।

बोत्सवाना में भारत की दिलचस्पी केवल हीरे तक नहीं, बल्कि डायमंड वैल्यू एडिशन चेन में है। सूरत की हीरा पॉलिशिंग इंडस्ट्री को बोत्सवाना की खदानों से जोड़ने की योजना भारत के दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South–South Cooperation) की नई मिसाल है।

यह रणनीति केवल व्यापार की नहीं, बल्कि भू-राजनीति की है। भारत जिस अफ्रीका में निवेश कर रहा है, वह हिंद महासागर से अटलांटिक तक फैला है। यानी भारत अब अपने सुरक्षा प्रभाव क्षेत्र (Strategic Arc) को पश्चिमी अफ्रीका तक विस्तारित कर रहा है।

चीन का कर्ज-जाल और भारत का भरोसे का पुल

बीते दो दशकों में चीन ने बेल्ट एंड रोड परियोजना के माध्यम से अफ्रीका में अरबों डॉलर निवेश किए, लेकिन परिणाम क्या हुआ? कई देशों पर असहनीय कर्ज का बोझ, अधूरे प्रोजेक्ट्स और राजनीतिक निर्भरता। अफ्रीकी देशों को जल्द ही एहसास हुआ कि चीन की मदद वास्तव में नियंत्रण है।

भारत ने इसके विपरीत एक भरोसे का मॉडल पेश किया ट्रेड विथ ट्रस्ट। न ऋण का जाल, न शासन में दखल, केवल साझा विकास। यही कारण है कि केन्या, तंजानिया, नाइजीरिया, घाना और अब अंगोला जैसे देश भारत के साथ दीर्घकालिक साझेदारी के समझौते कर रहे हैं।

भारत का लक्ष्य स्पष्ट है कि अफ्रीका को केवल ऊर्जा का स्रोत नहीं, बल्कि साझेदारी का आधार बनाना है। अफ्रीका का उदय भारत के उदय से जुड़ा है, क्योंकि यदि एशिया और अफ्रीका मिलते हैं, तो वैश्विक शक्ति-संतुलन पश्चिम से पूर्व की ओर स्थानांतरित हो जाएगा।

पीएम मोदी की संभावित दक्षिण अफ्रीका यात्रा: G20 के मंच से नया संदेश

22–23 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी20 सम्मेलन में शामिल होंगे। यह भारत की अफ्रीका नीति की राजनीतिक पुष्टि होगी। दक्षिण अफ्रीका BRICS का सदस्य है, और भारत के लिए इस मंच का उपयोग केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि वैचारिक स्तर पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोदी वहां से दुनिया को यह बताने वाले हैं कि भारत और अफ्रीका मिलकर ग्लोबल साउथ की आवाज़ बनेंगे।

यह वही नीति है जिसकी नींव मोदी सरकार ने “Voice of Global South Summit” के जरिए रखी थी। एक ऐसा मंच, जो पश्चिमी शक्तियों के एकाधिकार से मुक्त हो। दक्षिण अफ्रीका की धरती से जब मोदी कहेंगे कि विकास का अधिकार किसी का दान नहीं, हर राष्ट्र का अधिकार है, तब वह पश्चिमी उपदेशवाद के पूरे ढांचे को चुनौती दे रहे होंगे।

भारत इस समय विश्व को दो बातें सिखा रहा है तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजे भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज। भारत आज जिस मोड़ पर खड़ा है, वह केवल उसके आर्थिक उत्कर्ष का नहीं, बल्कि उसके सभ्यतागत पुनर्जागरण का भी क्षण है। यह वह युग है जब सात दशक की औपनिवेशिक मानसिकता से ऊपर उठकर भारत स्वयं को “वैश्विक नेतृत्व” के केंद्र में स्थापित कर रहा है। और इस यात्रा का नवीन अध्याय अब अफ्रीका की धरती पर लिखा जा रहा है । वह धरती, जिसे कभी पश्चिम ने केवल संसाधन का खदान समझा था, पर भारत उसे साझेदारी और समानता की भूमि मानता है।

इसी दृष्टि से नवंबर 2025 ऐतिहासिक बन गया है, जब भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अंगोला और बोत्सवाना की राजकीय यात्रा पर रवाना हो रही हैं और उसके ठीक बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचने वाले हैं। यह महज़ दो यात्राएँ नहीं, बल्कि दो प्रतीक हैं] भारत की ग्लोबल साउथ नीति के उद्घोष और उसके भू-राजनीतिक आत्मविश्वास के।

भारत अब दुनिया से कुछ लेने नहीं, बल्कि देने की भूमिका में है। विचार देने की, दृष्टि देने की, और साझेदारी के उस नए मॉडल की, जो उपनिवेशवाद या शोषण पर नहीं, समानता और सम्मान पर टिका है।

अफ्रीका की पुकार और भारत का उत्तर

अफ्रीका आज उसी मोड़ पर है जिस पर सौ वर्ष पहले एशिया था। युवा जनसंख्या, अपार संसाधन, पर शोषण के इतिहास की गहरी परछाइयाँ। भारत ने इस पीड़ा को समझा है क्योंकि उसने स्वयं इसे झेला है। यही कारण है कि जब राष्ट्रपति मुर्मू अंगोला की स्वतंत्रता के 50 वर्ष पूरे होने पर वहां की संसद को संबोधित करेंगी, तो वह केवल एक औपचारिक भाषण नहीं होगा] वह उपनिवेशवाद के खिलाफ सभ्यतागत एकजुटता की घोषणा होगी।

अंगोला की पहचान उसके तेल भंडारों से है यह अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है। वहीं बोत्सवाना हीरों की धरती है, जो दुनिया के rough diamonds का सबसे विश्वसनीय स्रोत मानी जाती है। ये दो देश भारत की ऊर्जा और उद्योग श्रृंखला से सीधे जुड़े हैं। सूरत के हीरा उद्योग से लेकर रिफाइनिंग कॉरिडोर तक। लेकिन असल बात केवल व्यापार की नहीं, भरोसे की है।

भारत इन देशों के पास किसी “करार” के लिए नहीं जा रहा, बल्कि “सहयोग” के लिए जा रहा है। यह फर्क ही भारत को चीन, अमेरिका या यूरोप से अलग करता है। जहाँ पश्चिमी देश अफ्रीका को निवेश की मंडी और चीन उसे कर्ज के जाल में बांधता आया है, वहीं भारत उसे बराबरी के साझीदार के रूप में देखता है।

भारत की सभ्यता और अफ्रीका का आत्मसम्मान

यह तथ्य अपने आप में ऐतिहासिक है कि किसी भारतीय राष्ट्रपति की अंगोला या बोत्सवाना की यह पहली राजकीय यात्रा है। लेकिन यह केवल “पहली यात्रा” नहीं, बल्कि पहला सन्देश है  कि भारत अब अफ्रीका को केवल मदद का पात्र नहीं, बल्कि विकास का सहयात्री मानता है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू स्वयं उस भारत की प्रतिनिधि हैं जो गांवों, आदिवासी समाज और संघर्षों की मिट्टी से उठकर वैश्विक कूटनीति के केंद्र तक पहुँचा है। जब वे अंगोला या बोत्सवाना की संसदों में भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की कहानी सुनाएंगी, तो यह उन अफ्रीकी राष्ट्रों के लिए आशा का दीपक बनेगा, जो आज भी असमानता, गरीबी और बाहरी नियंत्रण से जूझ रहे हैं।

भारत का संदेश स्पष्ट है, हम साझेदारी करेंगे, शर्तें नहीं रखेंगे; हम पूंजी देंगे, नियंत्रण नहीं करेंगे; हम आत्मनिर्भरता सिखाएंगे, निर्भरता नहीं बढ़ाएंगे। यही वह “सॉफ्ट पावर” है जिसने भारत को दुनिया का नैतिक नेता बनाया है।

तेल और हीरे की भू-राजनीति में भारत की रणनीति

अफ्रीका की धरती प्राकृतिक संपदा से भरी है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक असमानता ने उसे कमजोर बनाए रखा। आज जब दुनिया ऊर्जा के नए स्रोत ढूंढ रही है, भारत इस अवसर को केवल तेल या गैस तक सीमित नहीं देख रहा।

अंगोला में भारत केवल पेट्रोलियम क्षेत्र में निवेश नहीं कर रहा, बल्कि एनर्जी इकोसिस्टम” की संपूर्णता में साझेदारी कर रहा है। रिफाइनिंग, ग्रीन एनर्जी, और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के रूप में। यही भारत की नीति की विशेषता है- स्थायी विकास (Sustainable Development) पर आधारित साझेदारी।

बोत्सवाना में भारत की दिलचस्पी केवल हीरे तक नहीं, बल्कि “डायमंड वैल्यू एडिशन चेन” में है। सूरत की हीरा पॉलिशिंग इंडस्ट्री को बोत्सवाना की खदानों से जोड़ने की योजना भारत के दक्षिण-दक्षिण सहयोग (South–South Cooperation) की नई मिसाल है।

यह रणनीति केवल व्यापार की नहीं, बल्कि भू-राजनीति की है। भारत जिस अफ्रीका में निवेश कर रहा है, वह हिंद महासागर से अटलांटिक तक फैला है — यानी भारत अब अपने “सुरक्षा प्रभाव क्षेत्र” (Strategic Arc) को पश्चिमी अफ्रीका तक विस्तारित कर रहा है।

चीन का कर्ज-जाल और भारत का भरोसे का पुल

बीते दो दशकों में चीन ने “बेल्ट एंड रोड” परियोजना के माध्यम से अफ्रीका में अरबों डॉलर निवेश किए, लेकिन परिणाम क्या हुआ? कई देशों पर असहनीय कर्ज का बोझ, अधूरे प्रोजेक्ट्स और राजनीतिक निर्भरता। अफ्रीकी देशों को जल्द ही एहसास हुआ कि चीन की मदद” वास्तव में नियंत्रण है।

भारत ने इसके विपरीत एक भरोसे का मॉडल पेश किया ट्रेड विथ ट्रस्ट। न ऋण का जाल, न शासन में दखल; केवल साझा विकास। यही कारण है कि केन्या, तंजानिया, नाइजीरिया, घाना और अब अंगोला जैसे देश भारत के साथ दीर्घकालिक साझेदारी के समझौते कर रहे हैं।

भारत का लक्ष्य स्पष्ट है अफ्रीका को केवल ऊर्जा का स्रोत नहीं, बल्कि साझेदारी का आधार बनाना। अफ्रीका का उदय भारत के उदय से जुड़ा है; क्योंकि यदि एशिया और अफ्रीका मिलते हैं, तो वैश्विक शक्ति-संतुलन पश्चिम से पूर्व की ओर स्थानांतरित हो जाएगा।

पीएम मोदी की संभावित दक्षिण अफ्रीका यात्रा: G20 के मंच से नया संदेश

22–23 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी20 सम्मेलन में शामिल होंगे। यह भारत की अफ्रीका नीति की राजनीतिक पुष्टि होगी। दक्षिण अफ्रीका BRICS का सदस्य है, और भारत के लिए इस मंच का उपयोग केवल कूटनीतिक नहीं बल्कि वैचारिक स्तर पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मोदी वहाँ से दुनिया को यह बताने वाले हैं कि भारत और अफ्रीका मिलकर “ग्लोबल साउथ” की आवाज़ बनेंगे। यह वही नीति है जिसकी नींव मोदी सरकार ने “Voice of Global South Summit” के जरिए रखी थी। एक ऐसा मंच, जो पश्चिमी शक्तियों के एकाधिकार से मुक्त हो। दक्षिण अफ्रीका की धरती से जब मोदी कहेंगे कि “विकास का अधिकार किसी का दान नहीं, हर राष्ट्र का अधिकार है”, तब वह पश्चिमी उपदेशवाद के पूरे ढांचे को चुनौती दे रहे होंगे।

भारत इस समय विश्व को दो बातें सिखा रहा है, पहली यह कि वैश्विक न्याय आर्थिक बराबरी से शुरू होता है। दूसरी, कि सभ्यताओं का सम्मान राजनीतिक साझेदारी की नींव है।

हिंद महासागर से अटलांटिक तक: भारत की समुद्री रणनीति

भारत की अफ्रीका नीति का एक गुप्त लेकिन अत्यंत महत्वपूर्ण पहलू उसकी समुद्री सुरक्षा रेखा है। भारत ने पहले ही मॉरीशस, सेशेल्स, मोज़ाम्बिक और मेडागास्कर के साथ नौसैनिक समझौते किए हैं। अब अंगोला के साथ संबंध इस रणनीति को अटलांटिक तक बढ़ा देंगे। यह विस्तार केवल नौसैनिक नहीं, बल्कि सामरिक भी है। भारत अब String of Pearls (चीन की समुद्री श्रृंखला) के जवाब में Necklace of Diamonds बना रहा है। ऐसे साझेदारों की श्रृंखला जो भारत के साथ पारस्परिक विश्वास पर खड़े हैं।

भारत की नौसेना पहले ही मिशन सागर के तहत अफ्रीकी तटों पर मानवता और राहत का चेहरा बन चुकी है। अब यह मिशन आर्थिक और रणनीतिक सहयोग की दिशा में बढ़ रहा है। यह वह रणनीति है, जिसमें मानवीय मूल्य और सैन्य संतुलन दोनों का समावेश है।

ग्लोबल साउथ की अगुवाई और सभ्यतागत नेतृत्व

भारत के लिए ग्लोबल साउथ केवल राजनीतिक गठबंधन नहीं है, यह सभ्यतागत दृष्टि है। भारत इस समूह का नेतृत्व किसी आधुनिक गठबंधन की तरह नहीं, बल्कि संस्कृति के साझा ताने-बाने के रूप में कर रहा है। यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत और अफ्रीका दोनों ही औपनिवेशिक पीड़ा से गुजरे हैं। दोनों की आत्मा आज भी आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान के लिए तड़पती है। यही कारण है कि जब भारत विकास की साझेदारी की बात करता है, तो अफ्रीका उसकी भाषा समझता है, क्योंकि वह अनुभव साझा है।

पीएम मोदी का यह विचार कि हम विश्व को अपने संस्कारों से जोड़ना चाहते हैं, न कि अपनी शक्ति से झुकाना इस नीति का आधार है। भारत की Vaccine Maitri से लेकर Solar Alliance तक, हर पहल में यह भाव झलकता है कि भारत शक्ति नहीं, समाधान बनना चाहता है।

यह केवल यात्राएं नहीं, युग परिवर्तन का संकेत हैं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अफ्रीका यात्राएं भारत की नई विदेश नीति की आत्मा हैं। एक ऐसी नीति जो पश्चिम की तरह संसाधन-भूखी नहीं, बल्कि साझेदारी-संवेदनशील है। भारत अब उस तीसरी दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, जिसे कभी पश्चिम ने विकासशील कहकर नीचा दिखाया था। आज जब अंगोला के तेल-कुएं, बोत्सवाना के हीरे, और दक्षिण अफ्रीका की धरती भारत के सहयोग का स्वागत कर रहे हैं, तब दुनिया को समझना चाहिए कि भारत अब केवल एशिया की शक्ति नहीं, विश्व दक्षिण का नेतृत्वकर्ता है। यह वही भारत है जो वसुधैव कुटुम्बकम् के दर्शन को आधुनिक वैश्विक नीति में रूपांतरित कर रहा है।

भारत अब अफ्रीका से तेल लेने नहीं, आत्मा जोड़ने जा रहा है। भारत अब हीरे खरीदने नहीं, विश्वास गढ़ने जा रहा है। भारत अब पश्चिम का अनुयायी नहीं, सभ्यताओं का मार्गदर्शक बन रहा है। जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अंगोला की संसद में भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का उल्लेख करेंगी, और प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण अफ्रीका की धरती से ग्लोबल साउथ यूनिटी का उद्घोष करेंगे, तब दुनिया यह देखेगी कि यह वही भारत है जिसने हजारों वर्षों पहले कहा था
‘आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः’ अर्थात्, सभी दिशाओं से कल्याणकारी विचार हमारे पास आएं।

आज वही भारत अब कह रहा है कि सभी दिशाओं में कल्याणकारी विचार लेकर भारत स्वयं जा रहा है। पहला यह कि वैश्विक न्याय आर्थिक बराबरी से शुरू होता है। दूसरा सभ्यताओं का सम्मान राजनीतिक साझेदारी की नींव है।

Tags: AfricaAmericaAngolaBotswanaChinaDiamondG20IndiaOilPM ModiPresident Draupadi MurmuSouth Africaअंगोलाअफ्रीकाअमेरिकाचीनतेलदक्षिण अफ्रीकापीएम मोदीबोत्सवानाभारतराष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मूहीरा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

अगली पोस्ट

चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

संबंधित पोस्ट

चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय
आयुध

चीन और पाकिस्तान के लिए चेतावनी: 80 मीडियम ट्रांसपोर्ट विमानों के साथ भारतीय वायुसेना की सामरिक ताकत अब अटल, आत्मनिर्भर और अजेय

7 November 2025

भारत आज जिस मोड़ पर खड़ा है, वह केवल सीमाओं की रक्षा या विमान खरीद तक सीमित नहीं है। यह उस युग का प्रतीक है...

वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव
इतिहास

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

7 November 2025

भारत के इतिहास में कुछ क्षण ऐसे आते हैं जब एक गीत, एक पंक्ति, या एक विचार समूचे राष्ट्र की आत्मा बन जाता है। वंदे...

बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, भारी मतदान से विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर
चर्चित

बिहार में पहले चरण में बंपर वोटिंग से पीएम मोदी गदगद, विपक्ष हतप्रभ और एनडीए का आत्मविश्वास आसमान पर

7 November 2025

बिहार की राजनीति में जिस लहर का नाम अक्सर मतदाता के दिल की गहराइयों से उठता है, वह इस बार किसी सर्वे या नारे की...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

How an Unverified US Shoplifting Incident Is Turned Into A Political Attack Against India & Modi

00:07:47

How Astra Mk-I Based VL-SRSAM will Power India’s Naval Air Defense Network?

00:05:52

What Is The Reason Behind India’s Withdrawal from Tajikistan’s Ayni Air Base?

00:06:48

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited