TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ग्वादर पाकिस्तान के बजाय चीन का आर्थिक गढ़

    ग्वादर फ्री जोन: पाकिस्तानी स्वामित्व नहीं, चीनी प्रभाव बढ़ा

    वीजा समस्याओं और नियमों के बदलाव से बर्लिन में छात्र फंसे

    जर्मनी में शिक्षा का सपना: भारतीय छात्रों के लिए चुनौतियां बढ़ीं

    राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच बांग्लादेश की सड़कें तनावपूर्ण

    बांग्लादेश की समस्याओं का समाधान केवल देश के भीतर ही संभव

    हिंदू नरसंहार की धमकी ने बढ़ाई चिंता—चट्टोग्राम में पुलिस जांच के बीच भय का माहौल।

    बांग्लादेश में हिंदुओं पर मंडराता नरसंहार का खतरा, साजिश का खुलासा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में अमेरिकी जीएमओ मक्का का आगमन, क्षेत्रीय खाद्य संप्रभुता पर खतरा

    अमेरिकी जीएमओ मक्का पर पश्चिम का दबदबा, ठेकेदारों ने किया अधिग्रहण

    अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट और सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से बड़ा खुलासा हुआ

    नाटो के लिए सीधा संदेश: बेलारूस में रूस बना रहा हाइपरसोनिक मिसाइल बेस, अमेरिकी रिपोर्ट से खुलासा

    30 वर्षीय भारतीय मूल की महिला हिमांशी खुराना की भी हत्या

    टोरंटो कैंपस के पास 20 वर्षीय भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, आरोपी की तलाश में पुलिस

    कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

    नाइजीरिया में ISIS आतंकियों पर अमेरिकी हमला, कट्टर इस्लामी आतंकवाद के ख़िलाफ़ ट्रंप सख़्त

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औरंगज़ेब ने जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार मे ज़िंदा चुनवाने का आदेश दिया था

    वीर बाल दिवस: क्रिसमस-नववर्ष का जश्न तो ठीक है लेकिन वीर साहिबजादों का बलिदान भी स्मरण रहे

    गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगल शासक औरंगज़ेब की अधीनता स्वीकार करने से इंकार कर दिया

    वीर बाल दिवस: उत्सवों के बीच साहिबज़ादों के अमर बलिदान को नमन

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ग्वादर पाकिस्तान के बजाय चीन का आर्थिक गढ़

    ग्वादर फ्री जोन: पाकिस्तानी स्वामित्व नहीं, चीनी प्रभाव बढ़ा

    वीजा समस्याओं और नियमों के बदलाव से बर्लिन में छात्र फंसे

    जर्मनी में शिक्षा का सपना: भारतीय छात्रों के लिए चुनौतियां बढ़ीं

    राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच बांग्लादेश की सड़कें तनावपूर्ण

    बांग्लादेश की समस्याओं का समाधान केवल देश के भीतर ही संभव

    हिंदू नरसंहार की धमकी ने बढ़ाई चिंता—चट्टोग्राम में पुलिस जांच के बीच भय का माहौल।

    बांग्लादेश में हिंदुओं पर मंडराता नरसंहार का खतरा, साजिश का खुलासा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    बांग्लादेश में अमेरिकी जीएमओ मक्का का आगमन, क्षेत्रीय खाद्य संप्रभुता पर खतरा

    अमेरिकी जीएमओ मक्का पर पश्चिम का दबदबा, ठेकेदारों ने किया अधिग्रहण

    अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट और सैटेलाइट तस्वीरों के हवाले से बड़ा खुलासा हुआ

    नाटो के लिए सीधा संदेश: बेलारूस में रूस बना रहा हाइपरसोनिक मिसाइल बेस, अमेरिकी रिपोर्ट से खुलासा

    30 वर्षीय भारतीय मूल की महिला हिमांशी खुराना की भी हत्या

    टोरंटो कैंपस के पास 20 वर्षीय भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, आरोपी की तलाश में पुलिस

    कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील

    नाइजीरिया में ISIS आतंकियों पर अमेरिकी हमला, कट्टर इस्लामी आतंकवाद के ख़िलाफ़ ट्रंप सख़्त

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    औरंगज़ेब ने जोरावर सिंह और फतेह सिंह को दीवार मे ज़िंदा चुनवाने का आदेश दिया था

    वीर बाल दिवस: क्रिसमस-नववर्ष का जश्न तो ठीक है लेकिन वीर साहिबजादों का बलिदान भी स्मरण रहे

    गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगल शासक औरंगज़ेब की अधीनता स्वीकार करने से इंकार कर दिया

    वीर बाल दिवस: उत्सवों के बीच साहिबज़ादों के अमर बलिदान को नमन

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बांग्लादेश की समस्याओं का समाधान केवल देश के भीतर ही संभव

बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा की श्रृंखला इस दुविधा को असहज स्पष्टता के साथ दिखाती है। ढाका में शारीफ़ उस्मान हादी की हत्या, उसके कुछ दिन बाद खु्लना में छात्र नेता मोतालेब शिख़दर की गोली मारकर हत्या।

Kashish Mishra द्वारा Kashish Mishra
29 December 2025
in भारत, राजनीति
राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच बांग्लादेश की सड़कें तनावपूर्ण

राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच बांग्लादेश की सड़कें तनावपूर्ण

Share on FacebookShare on X

राष्ट्रीय सदमे के क्षणों में, दोष लगाना तथ्यों से तेज़ चलता है। जब राजनीतिक संक्रमण के दौरान हिंसा फूटती है, तो बाहर की ओर देखने का प्रवृत्ति समझ में आती है। बाहरी दल जटिल संकटों के लिए सरल व्याख्या पेश करते हैं। वे भावनात्मक राहत भी प्रदान करते हैं। फिर भी, नाजुक राजनीतिक माहौल में, दोष को बाहर स्थानांतरित करना अक्सर नुकसानदेह होता है। यह सुधार को देर करता है, जवाबदेही को कमजोर करता है, और अंततः अस्थिरता को लंबा खींचता है।

हाल ही में बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा की श्रृंखला इस दुविधा को असहज स्पष्टता के साथ दिखाती है। ढाका में शारीफ़ उस्मान हादी की हत्या, उसके कुछ दिन बाद खु्लना में छात्र नेता मोतालेब शिख़दर की गोली मारकर हत्या, एक ऐसे संकट की ओर इशारा करते हैं जो सुलझने के बजाय फैल रहा है। जब हिंसा विभिन्न स्थानों और एक्टर्स में दोहराई जाती है, तो सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह नहीं होता कि कौन दोषी है, बल्कि यह कि कौन सा स्पष्टीकरण इस पैटर्न के अनुरूप है।

संबंधितपोस्ट

अमेरिकी जीएमओ मक्का पर पश्चिम का दबदबा, ठेकेदारों ने किया अधिग्रहण

बांग्लादेश में हिंदुओं पर मंडराता नरसंहार का खतरा, साजिश का खुलासा

बांग्लादेश: छात्र-नेतृत्व वाली एनसीपी का जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन को लेकर विभाजन

और लोड करें

बांग्लादेश में संक्रमणोपरांत अवधि स्वाभाविक रूप से अस्थिर होती है। सत्ता पर विवाद होता है, संस्थान पुनर्संतुलित हो रहे हैं, और राजनीतिक प्रोत्साहन बदल रहे हैं। ऐसे समय में, अस्थिरता का अवसर सस्ता होता है। वे समूह जो सामान्य रूप से हाशिए पर रह सकते थे, अवसर की भावना महसूस करते हैं। प्रतिद्वंद्वी गुट सीमाओं को परखते हैं। विघटनकारी—वे एक्टर्स जो अव्यवस्था से लाभ उठाते हैं—तेजी से कार्य करते हैं, क्योंकि सिस्टम निर्णायक रूप से प्रतिक्रिया देने के लिए सबसे कम तैयार होता है।

इस संदर्भ में, बाहरी ताकतों को दोष देना राजनीतिक रूप से आकर्षक हो सकता है। यह कहानी को सरल बना देता है। यह संस्थागत कमजोरी को राष्ट्रीय पीड़ितता में बदल देता है। यह प्रवर्तन में अंतराल, राजनीतिक संयम, और आंतरिक अनुशासन के असहज सवालों से ध्यान भटकाता है। लेकिन सुविधा को सटीकता के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।

बाहरी दोष लगाने की छिपी हुई कीमत होती है: यह आंतरिक सुधार को स्थगित करता है। जब हिंसा को मुख्य रूप से बाहर से थोपे गए रूप में framed किया जाता है, तो ध्यान उन घरेलू सुधारों से हट जाता है, जो तत्काल आवश्यक हैं। जांच में विफलताओं को माफ़ किया जाता है। पुलिसिंग में चूक सामान्य बन जाती है। राजनीतिक एक्टर्स अपने समर्थकों को संयमित करने में कम इच्छुक हो जाते हैं, यह भरोसा करते हुए कि जिम्मेदारी बाहर स्थानांतरित की जा सकती है।

समय के साथ, यह गतिशीलता संस्थागत विश्वसनीयता को कमजोर करती है। नागरिक राज्य की सुरक्षा या न्याय प्रदान करने की क्षमता पर भरोसा खो देते हैं। प्रत्येक अनसुलझा घटना एक उदाहरण बन जाती है, और अपराधियों को यह सिखाती है कि हिंसा राजनीतिक प्रणाली में बिना परिणाम के समाहित की जा सकती है। यह चक्र गहरा होता जाता है।

इसका रणनीतिक मूल्य भी है। बाहरी दोष अक्सर स्थिति को कठोर कर देता है। यह राजनीतिक समझौते की संभावना को घटाता है, क्योंकि आंतरिक विवादों को अस्तित्वगत खतरे के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। जब संघर्ष इस रूप में framed होते हैं, तो मध्यम मार्ग अपनाना राजनीतिक रूप से जोखिमपूर्ण हो जाता है। संयम की अपील करने वाले नेता कमजोर या भोले नजर आते हैं। इसके विपरीत, बढ़ावा पाना राजनीतिक रूप से लाभकारी होता है।

यह विशेष रूप से उन समाजों में हानिकारक है जहाँ सड़क आंदोलन की मजबूत परंपराएं हैं। जब राजनीतिक वैधता मतदाता बक्से जितनी ही सड़क पर चुनौती दी जाती है, तो प्रतीकात्मक हिंसा असमान महत्व पकड़ लेती है। वे संगठित आंदोलन, शिकायत और पहचान के संदर्भ बन जाते हैं। ऐसे सेटिंग में बाहरी दोष लगाने से भावनाएं बढ़ती हैं लेकिन मूल कारण नहीं सुलझता।

इसका यह मतलब नहीं है कि बाहरी एक्टर्स अप्रासंगिक हैं। अस्थिर राजनीतिक माहौल हमेशा अवसरवादी शोषण के लिए संवेदनशील होते हैं। जब भरोसा कम होता है तो गलत जानकारी तेजी से फैलती है। सीमाओं के पार वैचारिक संरेखण ऐसे दृष्टिकोण को मजबूत कर सकता है जो ध्रुवीकरण को बढ़ाता है। लेकिन शोषण इसीलिए फलीभूत होता है क्योंकि आंतरिक कमजोरियां पहले से मौजूद हैं। बाहरी प्रभाव को प्राथमिक कारण मानना मूल कारण को समझने में भ्रम पैदा कर सकता है।

यह भेद महत्वपूर्ण है। जब नीति निर्माता शोषण को निष्पादन के साथ जोड़ देते हैं, तो वे ध्यान और संसाधनों का गलत वितरण करते हैं। जो प्रयास जांच की विश्वसनीयता बहाल करने, प्रवर्तन को राजनीति से मुक्त करने, और राजनीतिक एक्टर्स को अनुशासित करने पर होना चाहिए, वे बयानबाजी पर केंद्रित हो जाते हैं। परिणामस्वरूप रणनीतिक दिशा खो जाती है।

बांग्लादेश की स्थिरता केवल कथाओं की निश्चितता से हासिल नहीं होगी। इसके लिए उन समयों में संस्थागत सुधार की आवश्यकता है जब संस्थान दबाव में हैं। यह काम धीमा और राजनीतिक रूप से महंगा होता है। इसमें जांच में पारदर्शिता, राजनीतिक नेतृत्व से संयम, और यह स्पष्ट संकेत शामिल हैं कि हिंसा किसी भी संलग्नता के बावजूद स्वीकार्य नहीं होगी।

इस सामना से बचने की कीमत होती है। राजनीतिक हिंसा सामान्य बन जाती है। प्रत्येक घटना गुस्से की सीमा बढ़ा देती है। नागरिक असुरक्षा के अनुकूल हो जाते हैं, और अनुकूलन को कभी भी मजबूती समझना नहीं चाहिए। समय के साथ, राजनीतिक प्रणाली अधिक नाजुक होती है, स्थिर नहीं।

लंबे समय का खतरा भी है। जब आंतरिक असफलताओं को लगातार बाहरी शक्तियों के कारण ठहराया जाता है, तो राज्य की सीखने की क्षमता घटती है। नीति प्रतिक्रियात्मक बनती है बजाय सुधारात्मक के। वही कमजोरियां बार-बार उभरती हैं क्योंकि उन्हें कभी पूरी तरह स्वीकार नहीं किया जाता।

स्थिरता, जब लौटेगी, तो केवल सही बाहरी दोषी को दोषी ठहराने से नहीं आएगी। यह तब आएगी जब असुविधाजनक आंतरिक सच्चाइयों का सामना किया जाएगा। इस दृष्टि से, बांग्लादेश का संकट अनूठा नहीं है। इतिहास दिखाता है कि राजनीतिक उथल-पुथल से उभरते समाज सबसे तेजी से स्थिर होते हैं जब वे जिम्मेदारी बाहर स्थानांतरित करने के बजाय घरेलू जवाबदेही में निवेश करते हैं। दोष अस्थायी एकता ला सकता है। सुधार कठिन है। लेकिन केवल यही मार्ग दीर्घकालिक सुधार की ओर ले जाता है।

Tags: "Bangladesh ElectionDhakainstitutional credibilitySharif Osman Hadiढाकाबांग्लादेशबांग्लादेश का संकटशारीफ़ उस्मान हादी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

अमेरिकी जीएमओ मक्का पर पश्चिम का दबदबा, ठेकेदारों ने किया अधिग्रहण

अगली पोस्ट

जर्मनी में शिक्षा का सपना: भारतीय छात्रों के लिए चुनौतियां बढ़ीं

संबंधित पोस्ट

ग्वादर पाकिस्तान के बजाय चीन का आर्थिक गढ़
भारत

ग्वादर फ्री जोन: पाकिस्तानी स्वामित्व नहीं, चीनी प्रभाव बढ़ा

29 December 2025

ग्वादर को पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए एक नया मोड़ माना गया था। बंदरगाह और इसकी फ्री जोन को स्थानीय विकास, रोजगार सृजन और राष्ट्रीय...

वीजा समस्याओं और नियमों के बदलाव से बर्लिन में छात्र फंसे
भारत

जर्मनी में शिक्षा का सपना: भारतीय छात्रों के लिए चुनौतियां बढ़ीं

29 December 2025

कई भारतीय छात्रों के लिए जर्मनी में पढ़ाई करना उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला था — विश्व-मान्यता प्राप्त डिग्री, सस्ती शिक्षा और...

हिंदू नरसंहार की धमकी ने बढ़ाई चिंता—चट्टोग्राम में पुलिस जांच के बीच भय का माहौल।
राजनीति

बांग्लादेश में हिंदुओं पर मंडराता नरसंहार का खतरा, साजिश का खुलासा

29 December 2025

बांग्लादेश से सामने आया एक बेहद परेशान करने वाला खुलासा एक बार फिर देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भरोसे को झकझोर गया...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited