रूस को क्यों है भारत की जरूरत?
16 April 2024
टेस्ला की कारों के लिए सेमीकंडक्टर चिप बनाएगी टाटा।
16 April 2024
"पगड़ी संभाल जट्टा...", गीत सुनते हुए निश्चित तौर पर आपको भगत सिंह का स्मरण होता होगा- लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगत सिंह इस गीत से प्रेरित थे, लेकिन वह इस विचार के मूल रचयिता नहीं थे। यह गीत एक आंदोलन का भाग था, जिसके प्रणेता उनके चाचा और ...
इतिहास लेखन करने वाले लोग आमतौर पर यही मानते हैं कि किसी भी देश, काल व स्थान का इतिहास लिखने से पहले उसके बारे में गहन अध्ययन करना व उस स्थान पर जाकर उसका भ्रमण करना और व्यवस्थित शोध करना बेहद आवश्यक कार्य होता है। यदि ऐसे में कोई भी ...
भारत के मध्यकालीन इतिहास में दिल्ली सल्तनत और दूसरे मुस्लिम शासकों की तो प्रमुखता से चर्चा होती है परन्तु जिस समय तुगलक और मुगल उत्तर भारत में कब्जा किए हुए थे, उसी समय दक्षिण भारत में एक समृद्ध और शक्तिशाली हिंदू साम्राज्य भी अपने चरमोत्कर्ष पर था। जिसकी ताकत और ...
भारत के रोम रोम में है राम, भारत की मिट्टी के कण-कण में हैं राम। इसी बात को सिद्ध करने में सैंकड़ों वर्ष लग गए पर होई है सोई जो राम रची राखा, जो राम चाहते है, वहीं होता है। ऐसे में हर चीज़ का एक सही समय होता है ...
चोल साम्राज्य - दक्षिण भारत के गौरवशाली हिन्दू इतिहास को मिटाने के लिए ब्रिटिश काल से ही लगातार प्रयास किया जा रहा है। ऐतिहासिक मानवविज्ञानी इसके संदर्भ में मुख्यतः दो कारण बताते हैं। पहला, मुगलों ने इब्राहीम धर्म की पूजा की और इसलिए उन्हें दक्षिण के मूर्तिपूजकों की तुलना में ...
क्या आप रमेशचन्द्र मजूमदार को जानते हैं? अगर नहीं जानते तो यह सिर्फ आपका दुर्भाग्य ही नहीं बल्कि इतिहास के राजनीतिक एवं कुत्सित विकृतिकरण का प्रत्यक्ष प्रमाण है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंग्रेजों के पूर्व भारत पर इस्लामी शासन था, जिसने छल और बल के माध्यम से भारत के धर्म ...
स्वतंत्रता के बाद जब जवाहरलाल नेहरू युग में वामपंथी इतिहासकार एक-एक कर देश के इतिहास की धज्जियां उड़ा रहे थे तब एक ऐसे इतिहासकार हुए जिन्होंने उस जमाने में भी भारतवर्ष के इतिहास को बचाने की ज़िम्मेदारी अपने कंधों पर ली। उस इतिहासकर का नाम था RC मजूमदार! यही काम ...
हमारे इतिहास में ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जहां पर हमारे वास्तविक नायकों की कथाओं से हमें अनभिज्ञ रखा गया है, जबकि उन लोगों का महिमामंडन किया गया है, जो शायद नायक शब्द के योग्य भी नहीं थे। जिन राक्षसों ने मोपला नरसंहार को अंजाम दिया, उन्हे विद्रोही की उपाधि दी ...
कांग्रेस पार्टी देश की स्वतन्त्रता का श्रेय तो ऐसे लेती है, मानों इस परिवार ने अनेकों त्याग किए हों, किन्तु उसके घमंड के विपरीत यथार्थ सत्य ये है कि कांग्रेस अपने कार्यों के आगे सभी को छोटा समझती है, और सबसे अधिक घृणा स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर से करती है, ...
भारत के इतिहास को हमेशा आक्रान्ताओं के नजरिए से ही बताया गया है। आक्रांता चाहे जितना निकृष्ट और क्रूर हो, उसके महिमामंडन में हमारे इतिहासकारों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन अब ये नाटक और नहीं चलेगा, क्योंकि अब भारत के इतिहास को सही तरह से चित्रित करने की जिम्मेदारी ...
जाने माने इतिहासकार द्विजेंद्र नारायण झा, जिन्हें अकादमिक क्षेत्र में डी.एन. झा के नाम से जाना जाता है, वह कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य थे। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की दिल्ली शाखा ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि डी.एन.झा की मृत्यु पार्टी के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। बता ...
सही कहा है किसी ने, ‘जब नाश मनुज पर छाता है, विवेक पहले मर जाता है’। संगीतकार विशाल डडलानी एक बार फिर अपने बड़बोलेपन से सोशल मीडिया पर हंसी का पात्र बने हुए हैं, क्योंकि महोदय ने एक विषय पर इतने आत्मविश्वास के साथ झूठ बोला कि अब वे ट्विटर ...