'नरसिम्हा राव' के लिए खोज परिणाम

पीवी नरसिम्हा राव की मौत के बाद कांग्रेस ने जो किया था, वही ‘कांग्रेसी कल्चर’ है?

राजनीति का षड्यंत्र के साथ कितना गहरा नाता है इसे समझना अधिक कठिन नहीं है। आप इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो षड्यंत्रों से सनी राजनीति के कई उदाहरण देखने को मिल जाएंगे। परंतु किसी की मृत्यु पर भी ...

PV नरसिम्हा राव और KPS गिल के तरीके ही हैं खालिस्तानियों से निपटने का रामबाण इलाज

जब आपको बीमारी होती है, तो आप किसके पास जाओगे? उस डॉक्टर के पास, जो क्षणिक राहत दे या उस डॉक्टर के पास, जो समस्या का जड़ से इलाज करे? आप स्वाभाविक तौर पर दूसरे डॉक्टर का विकल्प चुनेंगे, ...

जो करिश्मा नरसिम्हा राव और केपीएस गिल ने 90 के दशक में किया आज मोदी को वही दोहराना चाहिए

पंजाब से दिल्ली कूच कर रहे किसानों का विरोध केंद्र द्वारा पारित कृषि कानून के खिलाफ बताया जा रहा है लेकिन असल में ये आंदोलन ख़ालिस्तानी आतंकवादियों के लिए एक मौका बन गया है। ये लोग खालिस्तान जिंदाबाद से ...

नरसिम्हा राव और एनटीआर की समाधियों को हाथ लगाओगे तो हम तुम्हारे पार्टी ऑफिस को ध्वस्त कर देंगे

लगता है बंगाल के साथ साथ तेलंगाना में भी भारतीय जनता पार्टी ने अपना गढ़ स्थापित करने की ठान ली है। तभी वह ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव यानि GHMC में काफी सक्रिय भी है। भारतीय जनता पार्टी तेलंगाना ...

1991 में नरसिम्हा राव और 2020 में PM मोदी- जानें कैसे मोदी सरकार इकॉनमी को बूस्ट कर रही है

आज कोरोना वायरस के दौरान भारत सरकार के सामने लोगों के जीवन के साथ-साथ अर्थव्यवस्था बचाने की भी बड़ी चुनौती पेश आ रही है। लॉकडाउन के कारण लाखों लोग अपने रोजगार से हाथ धो बैठे हैं और इसके साथ ...

नरसिम्हा राव के बाद अब अमित शाह द्वारा शरद पवार को अपने राजनीतिक करियर में मिली दूसरी हार

शरद पवार। महाराष्ट्र की राजनीति में मराठा क्षत्रप शरद पवार एक ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने पचास साल से लगातार राजनीति में अपनी अहमियत और महत्व को बरकरार रखा है। शरद पवार की राजनीति की विशेषता शुरुआती दौर से ही ...

जिनेवा से परमाणु परीक्षण तक: कहानी पीवी नरसिम्हा राव और अटल बिहारी वाजपेयी के मित्रता की

बात मई 1996 की है, देश में चुनाव हो चुका था और 5 वर्षो के सफल कार्यकाल के बाद पीवी नरसिम्हा राव की सरकार चुनाव हार गयी थी। भाजपा उस समय सबसे बड़ी पार्टी थी और सरकार बनाने जा ...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: ‘जल क्रांति’ के जनक सुधाकरराव जिन्हें मुंबई के दंगे ना रोक पाने पर देना पड़ा था इस्तीफा

चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद 1991 में लोकसभा चुनाव हो रहे थे और चुनावी अभियान के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता राजीव गांधी की हत्या कर दी गई। उस समय महाराष्ट्र में शरद पवार ...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: राज्य के चौथे मुख्यमंत्री शंकरराव की कहानी; जिन्हें कहा जाता है ‘आधुनिक युग का भगीरथ’

1972 के चुनावों में बेशक महाराष्ट्र में कांग्रेस की जीत हुई लेकिन पार्टी में विद्रोह शुरु हो गया था। 1974 में हुए लोकसभा और विधानसभा की कुछ सीटों के लिए हुए उप-चुनावों में भी कांग्रेस हार गई जिसके बाद ...

कनाडा खालिस्तानियों का अड्डा कैसे बन गया? भिंडरावाले से लेकर जगमीत सिंह तक की कहानी

विभाजन से पहले और बाद में भी भारत को खंडित करने वाली ताकतें हमेशा से ही मौजूद रही हैं। देश को पहली बार तोड़ने का षड्यंत्र मोहम्मद अली जिन्ना ने रचा था और वो अपनी इस षड्यंत्र में सफल ...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: कभी ढाबों का बचा खाना खाने को थे मजबूर, फिर बने महाराष्ट्र के पहले दलित CM; कहानी सुशील शिंदे की

1999 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार बनी और 2003 आते-आते कांग्रेस में आंतरिक मतभेद शुरु हो गए। कांग्रेस में गुटबाजी बड़े स्तर तक पहुंच गई और विलासराव देशमुख को अपने पद से इस्तीफा ...

‘महाराष्ट्र के मुखिया’: ‘गुरु’ की पीठ में छुरा घोंप पहली बार बने CM, पीते थे खुद का पेशाब: कहानी शरद पवार की

महाराष्ट्र में बीते कुछ वर्षों में राजनीतिक पार्टियों में टूट का ऐसा सिलसिला शुरू हुआ कि लोग भ्रमित हो गए कि कौन नेता किस तरफ है। महाराष्ट्र में टूट की इस राजनीति को बड़े पैमाने पर शुरु करने वाले ...

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