'लाला लाजपत राय' के लिए खोज परिणाम

लाला लाजपत राय: वो वीर पुरुष जिनके बलिदान ने स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा ही बदल दी!

जो नहीं होना चाहिए था, वो हो गया। सबकी आंखों के समक्ष उनके प्रिय नेता पर कुछ नीच, निकृष्ट अंग्रेज़ और उनके चाटुकार एक के बाद लाठी बरसाते रहे, लेकिन रक्त से लथपथ वह वीर अपने मार्ग पर अडिग ...

मातृभूमि के लिए हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूमने वाले…भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की अमर गाथा

'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।'  भारत के स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में हजारों वीर सपूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। इनमें भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का ...

अपने ही वस्त्र फाड़ लहराई पताका, पहली बार दी स्वराज्य की अवधारणा: दयानंद सरस्वती, जिन्होंने वेदों की ओर लौटने का किया आह्वान

महर्षि दयानंद सरस्वती 19वीं सदी के एक महान समाज सुधारक, संन्यासी, विचारक और चिंतक थे। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की और हिंदुओं से वेदों की ओर लौटने का आह्वान किया था। महर्षि दयानंद का स्पष्ट मानना था कि ...

बचपन में ही अनाथ हो गए थे उधम सिंह: कहानी उस क्रांतिकारी की, जिन्होंने 21 साल बाद जालियाँवाला नरसंहार का बदला लेकर पूरी की शपथ

भारत की इस धरती पर एक से बढ़कर एक वीर पैदा हुए। इन्हीं में से एक सरदार उधम सिंह थे। सरदार उधम सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन क्रांतिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने इस देश के लिए अपनी आहुति ...

बाल गंगाधर तिलक: जिसने गाँधी को सबसे पहले समझा

"मैं वर्षों से ब्रिटिश से लड़ रहा हूँ. स्वराज के लिए हमें अपना खून बहाना ही होगा, अन्यथा मिले हुए स्वराज की कोई कीमत नहीं होगी!" यही बात बाल गंगाधर तिलक ने विनम्र शब्दों में मोहनदास करमचंद गांधी को ...

असहयोग आंदोलन गांधी की उपज नहीं थी

कुछ समय पूर्व, सीबीआई द्वारा सम्मन भेजे जाने पर आम आदमी पार्टी का हर एक नेता क्रोध से तमतमा रहा था। कुछ अति उत्साही समर्थक तो इतना भावुक हो गए कि केजरीवाल की तुलना बैरिस्टर मोहनदास करमचंद गांधी से ...

हिंदुस्तान रिपब्लिकन असोसिएशन के 100 वर्ष : अदम्य साहस एवं जीवटता का अद्भुत संगम

“सिर्फ गांधी ही एक रास्ता नहीं है। अवाम अपने आप में इतनी ताकतवर है कि यदि उसे सही दिशा दी जाए, तो वह बड़ी से बड़ी सत्ता को उखाड़कर फेंक सकता है” इसी विचार को मन में लिए कुछ ...

इंडिया हाउस: भारत के क्रांतिकारी आंदोलन का उद्गम स्थल

इंडिया हाउस: भारत को विदेशी आक्रांताओ से स्वतंत्रता दिलाने में क्रांतिकारियों के बलिदानों की गणना करना उतना ही कठिन है जितना नीलगगन के नवरत्नों की गणना करना। ये इसलिये क्योंकि ना जाने कितने क्रांतिकारी फांसी के फंदे पर झूले ...

सेठ छज्जु राम जाट: ‘आधुनिक भामाशाह’ की वो कहानी, जो आपसे छिपाई गई

Seth Chhaju Ram: सेवा परमो धर्म: अर्थात सेवा से उच्चतम कोई कार्य नहीं है। किसी का धनवान होना अपराध नहीं, परंतु आपके कर्म आपको जॉर्ज सोरोस या भामाशाह की श्रेणी से जोड़ते हैं। एक ऐसे भी धनपति थे, जो ...

भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की वो कहानी जो दरबारी इतिहासकारों ने आपको कभी नहीं बताई

"पगड़ी संभाल जट्टा...", गीत सुनते हुए निश्चित तौर पर आपको भगत सिंह का स्मरण होता होगा- लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भगत सिंह इस गीत से प्रेरित थे, लेकिन वह इस विचार के मूल रचयिता नहीं थे। यह ...

सावरकर के प्रति HSRA की रुचि की अनकही कही कथा

कुछ समय पूर्व एक ‘महापुरुष’ ने अपने कर्मों का बचाव करते हुए कहा था, “देखिए जी, हम सावरकर की औलादें नहीं है, हम भगत सिंह के वंशज हैं। हम आखिरी सांस तक अत्याचार के विरुद्ध लड़ेंगे” बोलने में क्या ...

जब मोहनदास करमचंद गांधी ने स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे का किया था बचाव

कभी विनायक दामोदर सावरकर ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही थी, “मुझे न ईसाइयों से भय है और न ही मुसलमानों से, मुझे तो भय है उन हिंदुओं से, जो हिन्दू होते हुए भी हिंदुओं के अहित की ...

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