माता-पिता की मौत के बाद उधम सिंह अनाथ हो गए, आखिरकार उन्हें अपने बड़े भाई साधु सिंह के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में रहना पड़ा था।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    पाकिस्तान में TikTok अकाउंट डिलीट करने से इन्कार करने पर पिता ने अपनी ही बेटी की कर दी हत्या

    TikTok अकाउंट डिलीट करने किया मना तो पाकिस्तान में पिता ने कर दी बेटी की हत्या

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    ‘आप गांधी के वंशज नहीं, खुद पर शर्म करो’: महात्मा गांधी के परपोते को बिहार में सुनाई गई खरी-खरी, मंच से भगाया गया

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    चुनाव आयोग की जांच में बड़ा खुलासा: बिहार की वोटर लिस्ट में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार के नागरिकों के नाम

    लद्दाख के उपराज्यपाल ने दिया इस्तीफा, हरियाणा समेत तीन राज्यों में होंगे नये राज्यपाल

    लद्दाख के LG बीडी मिश्रा का इस्तीफा BJP नेता कविंद्र बने नए उप-राज्यपाल, हरियाणा और गोवा में भी बदले गए गवर्नर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    'ऑपरेशन सिंदूर' में ब्रह्मोस मिसाइल की शानदार सफलता के बाद, 14 से 15 देशों ने इसे खरीदने में रुचि दिखाई है

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में चमकी ब्रह्मोस मिसाइल: 15 देशों ने खरीदने में दिखाई दिलचस्पी

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस के सदस्य को किया गिरफ्तार

    देश को अस्थिर करने की रच रहा था साजिश, एनआईए ने आईएसआईएस आतंकी को किया गिरफ्तार

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    सनातन के नकली रखवालों की अब खैर नही: उत्तराखंड में शुरू हुआ ‘ऑपरेशन कालनेमि’

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार

    एनआईए का वांछित खालिस्तानी आतंकवादी पवित्तर सिंह बटाला समेत आठ अपराधी अमेरिका से गिरफ्तार, बरामद हुए ये हथियार

    बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर फिलहाल जेल में है

    डिजिटल दोस्ती: बांग्लादेश की गुलशाना अख्तर ने प्रेमी दत्ता यादव से मिलने के लिए अवैध रूप से पार की सीमा, BSF ने दोनों को पकड़ा

    पाकिस्तान में TikTok अकाउंट डिलीट करने से इन्कार करने पर पिता ने अपनी ही बेटी की कर दी हत्या

    TikTok अकाउंट डिलीट करने किया मना तो पाकिस्तान में पिता ने कर दी बेटी की हत्या

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)

    खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    एलन मस्क और राष्ट्रपति तैयप एर्दोआन

    मस्क की कंपनी के AI चैटबॉट Grok ने ऐसा क्या कहा कि तुर्की ने कंटेंट कर दिया बैन?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बचपन में ही अनाथ हो गए थे उधम सिंह: कहानी उस क्रांतिकारी की, जिन्होंने 21 साल बाद जालियाँवाला नरसंहार का बदला लेकर पूरी की शपथ

माता-पिता की मौत के बाद उधम सिंह अनाथ हो गए, आखिरकार उन्हें अपने बड़े भाई साधु सिंह के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में रहना पड़ा था।

khushbusingh1 द्वारा khushbusingh1
26 December 2024
in इतिहास
उधम सिंह स्वर्ण मंदिर गए और तालाब में स्नान करके शपथ ली कि जब तक जनरल डायर की हत्या नहीं करेंगे, तब तक उन्हें चैन नहीं आएगा

उधम सिंह स्वर्ण मंदिर गए और तालाब में स्नान करके शपथ ली कि जब तक जनरल डायर की हत्या नहीं करेंगे, तब तक उन्हें चैन नहीं आएगा

Share on FacebookShare on X

भारत की इस धरती पर एक से बढ़कर एक वीर पैदा हुए। इन्हीं में से एक सरदार उधम सिंह थे। सरदार उधम सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन क्रांतिकारियों में शामिल हैं, जिन्होंने इस देश के लिए अपनी आहुति दे दी। उधम सिंह अंग्रेज़ों के जालियाँवाला बाग कांड से इतने दुखी हुए कि उन्होंने जनरल डायर को मारने की कसम खा ली और 21 साल बाद ब्रिटेन जाकर उस कसम को निभाया भी। आखिरकार उन्हें ब्रिटेन में 31 जुलाई को फाँसी दे दी गई।

उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम सरदार तहल या टहल सिंह और माता का नाम नारायण कौर था। उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था। उनका बचपन बेहद कठिनाइयों से गुज़रा था। उनके पिता एक फार्म हाउस में काम करते थे। सन 1901 में उधम सिंह की मां का निधन हो गया। उधम सिंह के पिताजी तहल सिंह रेलवे में सेवारत संगरुर के सरदार धन्ना सिंह ओवरसियर के यहाँ नौकरी कर रहे थे। बाद में धन्ना सिंह ने उन्हें एक रेलवे फाटक पर गेट कीपर की नौकरी लगवा दी। यह फाटक जंगलों से घिरा कहा था।

संबंधितपोस्ट

ब्रिटेन में जन्मजात मंदबुद्धि: पाकिस्तानी चचेरे भाई-बहनों में शादियों के कारण ब्रिटेन में जन्म दोषों की बाढ़

इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

लंदन बन रहा है जिहादी हिंसा का गढ़: कलावा देख 3 हिंदुओं को पीटा, अभी तक नहीं हुई एक भी गिरफ्तारी, मेयर सादिक ख़ान भी खामोश

और लोड करें

कहा जाता है कि उधम सिंह बचपन से ही बहुत साहसी थे। जंगल से नज़दीक होने के कारण कई बार जंगली जानवर आवासीय इलाके में भी आ जाते थे। एक दिन एक बाघ उधम सिंह के घर आ धमका और उनके दूध पीने के लिए लाई गई बकरी पर हमला कर दिया। उधम सिंह ने अपने भाई के साथ मिलकर बाघ पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। बाघ घायल हो गया। तब उधम सिंह के पिता भी आ गए। इस तरह बकरी को नुकसान पहुँचाए बिना बाघ भाग गया। बाद में तहल सिंह ने यह नौकरी छोड़ दी और अमृतसर की ओर चल पड़े। रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई। यह सन 1907 का समय था। माता-पिता की मौत के बाद उधम सिंह अनाथ हो गए। आखिरकार उन्हें अपने बड़े भाई साधु सिंह के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में रहना पड़ा। वहाँ सन 1917 में उनके भाई की मौत हो गई। इस तरह वे दुनिया में पूरी तरह अकेल हो गए।

सन 1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया और इधर-उधर नौकरी की। आखिरकार वे देश में जारी आज़ादी की लड़ाई से प्रभावित हो गए। वे चंद्रशेखर आजाद को अपना गुरु मानते थे। हालाँकि, वे समाज में हिंदू-मुस्लिम विभाजन से बहुत दुखी रहते थे। इसके कारण उन्होंने अपना नाम शेर सिंह से बदल कर राम मोहम्मद सिंह आज़ाद रख लिया। हालाँकि, सन 1933 में उन्होंने एक बार फिर नाम बदला और पासपोर्ट बनवाने के लिए अपना नाम उधम सिंह नाम रख लिया था।

सन 1919 में रॉलेट एक्ट के विरोध में ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस के नेता सत्य पाल और सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार कर लिया था। इसके विरोध में 13 अप्रैल 1919 को पंजाब के अमृतसर स्थित जालियाँवाला बाग में हज़ारों की संख्या में लोग जमा हुए थे। इन लोगों का मकसद गिरफ्तारी का शांतिपूर्ण विरोध था। ‘महान क्रांतिकारी उधम सिंह‘ नामक किताब में रामपाल सिंह और बिमला देवी लिखते हैं कि वहाँ उधम सिंह भी पहुँचे। गर्मियों का दिन था। इसलिए वह प्रदर्शन में शामिल लोगों को पानी पिलाने का काम करने लगे। उस समय उनकी अवस्था 20 साल की थी। उसी दौरान ब्रिटिश सेना आई और बिना चेतावनी के गोलियाँ बरसाने लगीं। जालियाँवाला बाग में जनरल रेजिनाल्ड डायर सेना के साथ पहुँचा था और वहाँ जमा हुए लोगों पर फायर करने का आदेश दे दिया था। इस हत्याकांड में सैकड़ों लोग मारे गए। मृतकों में मासूम बच्चों से लेकर महिलाएँ एवं वृद्ध तक शामिल थे। निहत्थे लोगों की लाशें गिरने लगीं। इसको देखकर उधम सिंह वहीं लेट गए। उधम सिंह ने 15 मिनट तक चलीं गोलियों से लोगों को मरते अपनी आँखों से से देखा। इससे उनका मन द्रवित हो उठा और ब्रिटिशों के प्रति मन में चिंगारी सुलग उठी।

उन्होंने देखा कि इस हत्याकांड के बाद भी अंग्रेज़ों द्वारा भारतीयों पर किया जा रहा उत्पीड़न नहीं रुक रहा था। किसी विरोध को रोकने के लिए अमृतसर, गुजरांवाला और लाहौर में मार्शल लॉ लगा दिया गया। लोगों को घरों से निकलने की बात तो दूर, अपनी घर की खिड़की से झाँकने पर गोली मार दी जाती। महिलाओं-बुजुर्गों को गली में रेंग कर चलना होता था। किसी मिल जाता तो उनसे उठक-बैठक कराई जाती। यह सब देखकर उधम सिंह के मन में उठी चिंगारी ज्वाला बन गई। अगले दिन उधम सिंह स्वर्ण मंदिर गए और तालाब में स्नान करके शपथ ली कि जब तक जनरल डायर की हत्या नहीं करेंगे, तब तक उन्हें चैन नहीं आएगा। उसके कुछ दिन बाद वे जलियांवाला बाग गए और वहाँ की मिट्टी हाथ में लेकर जनरल डायर और पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर को मारने की प्रतिज्ञा ली। इसके बाद वे लाला लाजपत राय और एवं अन्य क्रांतिकारियों के संपर्क में आए। इसी दौरान उधम सिंह क्रांतिकारियों की गदर पार्टी के संपर्क में आए और उसका साहित्य पढ़ने लगे। वे गदर पार्टी के सदस्य बन गए और इसमें लोगों को शामिल करने लगे।

साल 1924 में अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ाई को और मजबूत बनाने के लिए वो दक्षिण अफ्रीका, ज़िम्बाव्बे, ब्राज़ील और अमेरिका की यात्रा पर चले गए। वहां जाकर उन्होंने धन इकट्ठा किया। वे कई देश होते हुए अमेरिका पहुँच गए। अमेरिका में भी कई भारतीय क्रांतिकारी थे। वहाँ पता लगा कि क्रांतिकारियों को हर तरह से, खासकर वित्तीय मदद करने वाले राजा महेंद्र प्रताप सिंह आने वाले हैं। सन 1924 में अमेरिका के कैलिफोर्निया में राजा महेंद्र प्रताप सिंह का एक राष्ट्रवादी भाषण हुआ। इससे क्रांतिकारियों के मन में उत्साह की एक नई लहर दौड़ गई। उस समय गदर पार्टी के सचिव भगवान सिंह राजा साहब के साथ थे। उनके कहने पर उधम सिंह 1927 में वापस भारत लौट आए। यहाँ उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ हथियार आदि जमा करना शुरु कर दिया। इसी बीच 30 अगस्त 1927 को उनके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हो गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। यहाँ उनका नाम शेर सिंह उर्फ उदे सिंह था। उन्हें 23 जनवरी 1928 तक मुल्तान जेल में रहना पड़ा। फिर उन्हें दूसरी जेल में भेज दिया गया।

इसी बीच जनरल डायर की इंग्लैंड के ब्रिस्टल में लंबी बीमारी के बाद मृत्यु हो गई। अपने जीवन के अंतिम क्षण में डायर ने जालियाँवाला बाग कांड को लेकर कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि मैंने अच्छा किया, कुछ लोग कहते हैं कि मैंने गलत किया। अब मैं सिर्फ और सिर्फ मरना चाहूँगा। मैं ईश्वर से जानना चाहूँगा कि मैंने सही किया या गलत।” इसकी जानकारी जब उधम सिंह को लगी तो वे बहुत दुखी हुए। आखिर उनका मकसद जनरल डायर की हत्या करना था। इस दौरान उनके दोस्तों ने समझाया कि जिसकी मौत हुई है, वो ब्रिगेडियर जनरल रेजिनाल्ड ई. एच. डायर था। उसने गोलियाँ चलवाईं थीं लेकिन गोली चलाने का आदेश देने वाला डायर अभी ज़िंदा है। उसका नाम लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ’डायर है। उसी ने गोली चलाने का आदेश दिया था। इसके बाद उधम सिंह अपने शपथ को जल्दी-से-जल्दी पूरा करने के लिए इंग्लैंड पहुँचना चाहते थे।

इसी बीच उन्हें पता चला कि भगत सिंह को बम फेंकने के आरोप में अपने साथियों राजगुरु और सुखदेव सिंह के साथ 23 मार्च 1931 को फाँसी पर लटका दिया गया। ये खबर सुनकर उनका क्रांतिकारी मन सुलग उठा। आखिरकार जेल में चार साल एक माह चौबीस दिन रहने के बाद उन्हें 23 अक्टूबर 1931 को रिहा कर दिया गया। जेल से आजाद होने के बाद उन्हें पता चला कि जालियाँवाला बाग कांड के आरोपित इंग्लैंड चले गए। बाहर आकर उन्होंने पासपोर्ट बनवाने की कोशिश की लेकिन नहीं बना तो वे कश्मीर चले गए गए और वहाँ से ब्रिटिश पासपोर्ट बनवाया। यह पासपोर्ट उन्हें 20 मार्च 1933 को मिला। ब्रिटिश पुलिस और खुफिया एजेंसियाँ उन्हें उदे सिंह या उदय सिंह, शेर सिंह और फ्रैंक ब्राज़ील के नाम से जानती थीं। अब पासपोर्ट में उनका नाम उधम सिंह था।इस फर्ज़ी ब्रिटिश पासपोर्ट का नंबर 52753 था।

पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में इतिहास के प्रोफेसर डॉ. नवतेज सिंह ने अपनी किताब ‘द लाइफ स्टोरी ऑफ शहीद उधम सिंह‘ में लिखा है कि 1934 में उधम सिंह ब्रिटेन पहुँचे। उधम सिंह सबसे पहले इटली पहुँचे। वहाँ से फ्रांस, स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया से गुज़रते हुए अंत में इंग्लैंड पहुँचे। सन 1936 और 1937 के बीच उधम सिंह ने रूस, पोलैंड, लातविया और एस्टोनिया की यात्रा की और 1937 में फिर से इंग्लैंड लौट आए। वहाँ वे विभिन्न कंपनियों में अपनी पुश्तैनी काम बढई का करते रहे और मौका तलाशते रहे।

अल्फ़्रेड ड्रेपर अपनी किताब ‘अमृतसर-द मैसेकर दैट एंडेड द राज‘ मे लिखते हैं, “12 मार्च 1940 को ऊधम सिंह ने अपने कई दोस्तों को खाने पर बुलाया। खाने के बाद सबको लड्डू खिलाया और अंत में कहा कि कल यानी अगले दिन लंदन में एक चमत्कार होने जा रहा है। इससे ब्रिटिश साम्राज्य की चूलें हिल जाएँगीं। 13 मार्च 1940 को ऊधम सिंह ने सलेटी रंग का एक सूट पहना और अपने कोट की ऊपरी जेब में अपना परिचय पत्र रखा। उस पर लिखा हुआ था- मोहम्मद सिंह आज़ाद, 8 मौर्निंगटन टैरेस, रीजेंट पार्क, लंदन। कोट की जेब में उन्होंने स्मिथ एंड वेसेन मार्क 2 की रिवॉल्वर रखी और जेब में 8 गोलियाँ रखीं।

दरअसल, 13 मार्च 1940 को लंदन के कैक्सटन हॉल में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और रॉयल सेंट्रल एशियन सोसायटी की एक बैठक चल रही थी। इसमें जनरल माइकल डायर भी आने वाला था। जब वे कैक्सटन हॉल पहुँचे तो वहाँ किसी ने उनकी तलाशी नहीं ली और ना ही पूछा कि इस आयोजन के लिए उनके पास टिकट है या नहीं। हॉल में जनरल डायर डायर का भाषण का जैसे ही भाषण खत्म हुआ, वे मुस्कारते हुए नजदीक पहुँचे और अपनी पिस्तौल निकाल कर गोली चला दी। डायर वहीं गिर गए। उन्हें दो गोलियाँ मारी। इसके बाद उधम सिंह ने मंच पर खड़े हुए सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट ऑफ़ इंडिया रहे लॉर्ड ज़ेटलैंड को निशाना साध कर गोली चला दी। जेटलैंड के शरीर के बायें हिस्से में दो गोलियाँ लगीं। वो अपने सीने को पकड़े हुए वहीं अपनी कुर्सी पर गिर गए। इसके बाद ऊधम सिंह ने अपना ध्यान बंबई के पूर्व गवर्नर लॉर्ड लैमिंग्टन और पंजाब के पूर्व लेफ़्टिनेंट गवर्नर सर सुई डेन की तरफ़ मोड़ा और उन पर गोली चला दी। हालाँकि, चार लोगों पर गोली चलाने के बावजूद एक की मौत हुई और वह जनरल डायर था। 21 साल बाद उधम सिंह ने अपनी शपथ पूरी कर ली थी।

गोली मारने के बाद उधम सिंह चिल्लाते हुए बाहर की ओर भागे। ‘ऊधम सिंह हीरो इन द कॉज़ ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम‘ में राकेश कुमार लिखते हैं कि डायर को मारने के बाद ऊधम सिंह हॉल के पीछे की तरफ़ भागे। उसी समय वहाँ बैठी बर्था हेरिंग नाम की शक्तिशाली महिला ने उन्हें दबोच लिया। उधम सिंह जब बर्था से खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे, उसी समय क्लाउड रिचेज़ नाम का एक शख्स वहाँ आ गया और उन्हें जमीन पर गिरा दिया। इसके बाद वहाँ मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिसकर्मियों ने उधम सिंह से कहा कि उन्होंने चार गोलियाँ चलाई हैं तो उधम सिंह ने कहा कि नहीं, उन्होंने छह गोलियाँ चलाई हैं। उधम सिंह ने सार्जेंट जोंस के बॉस डिटेक्टिव इंस्पेक्टर डेटन से पूछा, “जैटलैंड मरे कि नहीं? मैंने उन्हें दो गोलियाँ मारी हैं।”

इस घटना के तुरंत बाद लंदन और लाहौर में ब्रिटिश झंडे को झुकाकर शोक मनाया गया। हाउस ऑफ कॉमंस में ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने डायर की मौत पर उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। वहीं, भारत में महात्मा गाँधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस हत्या की निंदा की। लंदन में भी भारतीय मूल के 200 लोगों ने इंडिया हाउस में एकत्रित हो कर इस हत्या की निंदा की। अगर इस हत्या का किसी ने स्वागत किया था तो वह था, जर्मनी। जर्मनी ने ऊधम सिंह को स्वतंत्रता सेनानी माना और उनके कार्य को देश के लिए बलिदान बताया।

डायर की हत्या और अन्य गणमान्य ब्रिटिश पर गोली चलाने के लिए उधम सिंह को जेल में डाल दिया गाय। जेल में उनके साथ क्रूरता की हदें पार की गईं। उन्हें हर तरह प्रताड़ित किया गया। उन पर मुकदमा चला। अल्फ़्रेड ड्रेपर अपनी किताब ‘अमृतसर: द मैसेकर दैट एंडेड द ब्रिटिश राज‘ में लिखते हैं कि जज ने उधम सिंह से पूछा कि वे ये बताएँ कि उन्हें फाँसी क्यों न दी जाए। इस पर उधम सिंह ने चिल्लाकर कहा, “मौत की सज़ा की मुझे कोई परवाह नहीं है। मुझे मौत से डर नहीं लगता। मैं एक उद्देश्य को पूरा करने के लिए मरुँगा। मैंने उसे इसलिए मारा, क्योंकि वो एक अपराधी था। वो हमारे लोगों के हौसले कुचलना चाहता था। इसलिए मैंने उसे कुचल दिया। मैंने बदला लेने के लिए पूरे 21 साल इंतज़ार किया। मैं बहुत ख़ुश हूँ कि मैंने अपना काम पूरा कर लिया। मैं अपने देश के लिए मर रहा हूँ।”

आखिरकार उधम सिंह को 4 जून 1940 को फाँसी की सजा सुना दी गई। 31 जुलाई 1940 को सुबह 9 बजे उन्हें पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई। जिस समय उन्हें फाँसी दी गई, उस समय द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी ब्रिटेन पर बमबारी कर रहा था। फाँसी के बाद उधम सिंह के शव को मदन लाल ढींगरा के शव के पास दफना दिया गया। आजादी के बाद भारत सरकार के प्रयास से 19 जुलाई 1974 को उनका पार्थिव शरीर उनकी क़ब्र से बाहर निकालकर चार्टर्ड विमान से भारत लाया गया। उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री ज्ञानी ज़ैल सिंह ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। 2 अगस्त 1974 को उनकी अस्थियाँ इकट्ठा करके सात कलशों में रखा गया। इन अस्थियों में से एक को हरिद्वार, दूसरे को किरतपुर साहब गुरुद्वारा और तीसरे कलश को रउज़ा शरीफ़ भेजा गया। एक को जालियाँवाला बाग में डाला गया। इस तरह उनकी अस्थियाँ को अलग-अलग विसर्जित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

स्रोत: उधम सिंह, सरदार उधम सिंह, जलियांवाला बाग, जनरल डायर, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सिंह, मदन लाल ढींगरा, ज्ञानी ज़ैल सिंह, Udham Singh, Sardar Udham Singh, Jallianwala Bagh, General Dyer, Bhagat Singh, Rajguru, Sukhdev Singh, Madan Lal Dhingra, Giani Zail Singh
Tags: Bhagat SinghGeneral DyerGiani Zail SinghJallianwala BaghMadan Lal DhingraRajguruSardar Udham SinghSukhdev SinghUdham Singhउधम सिंहजनरल डायरजलियांवाला बागज्ञानी ज़ैल सिंहब्रिटेनभगत सिंहमदन लाल ढींगराराजगुरुसरदार उधम सिंहसुखदेव सिंह
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

Boxing Day Test: 19 साल के लड़के ने बुमराह पर जम कर जड़े चौके-छक्के, विराट कोहली के साथ धक्का-मुक्की

अगली पोस्ट

कोरोना ने कर दिया कैंसर का इलाज, खत्म हो रहा जानलेवा ट्यूमर

संबंधित पोस्ट

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य
इतिहास

नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

13 July 2025

एक हज़ार साल से भी पहले, जब दुनिया का ज़्यादातर हिस्सा अंधकार में डूबा हुआ था, तमिल हृदयभूमि का एक शक्तिशाली सम्राट समुद्र पर राज...

मशहूर शिक्षक खान सर (FILE PHOTO)
इतिहास

खान सर पर भड़के जम्मू-कश्मीर के महाराजा हरि सिंह के वंशज, ‘अयोग्य’ और ‘धोखेबाज’ बताकर सुनाई खरी-खरी

12 July 2025

हाल ही में, ऑनलाइन शिक्षक खान सर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें जम्मू-कश्मीर रियासत के अंतिम शासक महाराजा हरि सिंह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

Conqueror of the Seas: Rajendra Chola and the Rise of Naval Bharat

00:07:47

How UPI went global? Why Namibia Adopted It?

00:07:20

Stalin’s DMK Faces Heat Over Brutal Custodial Killings in Tamil Nadu

00:08:06

Hindu girl r@ped, burned with cigarettes and forced to convert to Islam

00:03:31

Delhi’s Trump Card: Kejriwal Wants a Nobel for Surviving Politics

00:05:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited