पत्नी की संपत्ति में पति का कोई हक नहीं- सुप्रीम कोर्ट
26 April 2024
जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।
26 April 2024
जो बाहर से जितना चरित्र का धुला, उसका मन कितना मैल से घुला हुआ है आज के कलयुग में भांपना बड़ा मुश्किल जान पड़ता है। ऐसा ही एक हालिया घटनाक्रम केरल से सामने आया है जहाँ एक पूर्व शिक्षक और सीपीआईएम नेता और निवर्तमान पार्षद केवी शशिकुमार के विरुद्ध कुल ...
वर्ष 2021 में, प्रवर्तन निदेशालय ने न्यूज़क्लिक नामक मीडिया इकाई के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की लगातार जांच शुरू कर दी। 30 करोड़ रुपये की इस धांधलेबाजी में, न्यूज़क्लिक को संदिग्ध संबद्धता वाले व्यक्तियों को धन हस्तांतरित करते हुए पाया गया था। इन लाभार्थियों में गौतम नवलखा भी शामिल ...
खेलों को लंबे समय से प्रेरित करने, एकजुट करने और मानवीय उपलब्धि के शिखर को प्रदर्शित करने की उनकी क्षमता के लिए मनाया जाता रहा है। फिर भी, गौरव और विजय के बीच, ऐसे क्षण आए हैं जिन्होंने खेल की दुनिया पर काली छाया डाल दी है, जिससे इसकी अखंडता ...
सत्य को छुपाना असंभव ही नहीं बल्कि नाममुकिन होता है। विलंब से ही सही लेकिन सच एक न एक दिन सबके सामने आकर ही रहता है परंतु सच के बाहर आने से कुछ लोगों को समस्याएं अवश्य होने लगती हैं। अब उदाहरण के लिए आप ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म को ...
वामपंथी कब किसके प्रति अपना व्यवहार बदल लें कहना मुश्किल है। कुछ ऐसा ही हाल भारत में वामपंथ का झंड़ा बुलंद करने वाली सीपीआई (एमएल) की चर्चित नेता रहीं कविता कृष्णन का है। वामपन्थियों का क्या है वो तो हमेशा से ही अपने कृत्यों के लिए विवादों में रहे हैं ...
जब बीज में ही मिलावट हो तो नतीजा भी तो मिश्रित या मिलावट से भरपूर आएगा। अब जिस पार्टी की उत्पत्ति ही राष्ट्र से नहीं हुई हो बल्कि ब्रांच की भांति अन्य देशों से प्रेरित होकर एक शाखा भारत में खोल दी गई हो, उस पार्टी से राष्ट्रहित की अपेक्षा ...
नरेंद्र मोदी, हमारे वामपंथी बंधुओं को सुकून का एक क्षण भी नहीं दे सकते। बेचारे सोचे थे कि श्रीलंका में सरकार गिरवाके रवीश के हसीन सपने देखेंगे, कि तुरंत महोदय ने संसद के नए परिसर का शिलान्यास करा दिया, एवं उसके शिखर पर निर्मित भव्य अशोक स्तम्भ का गाजे बाजे ...
एक प्रसिद्ध कहावत है- "सर मुंडवाते ही ओले पड़ना।" भारत के विपक्षियों के लिए यह कहावत शत-प्रतिशत सटीक बैठती है। जिस प्रकार वर्ष 2014 से सत्ता परिवर्तन के बाद से ही कथित "विपक्षी एकता" केवल बातों तक सीमित रह जाती थी उसका जीवंत उदाहरण हाल ही के दिनों में प्रत्यक्ष ...
चाहे भारतीय मीडिया हो या फिर वैश्विक मीडिया द्वारा नरेंद्र मोदी को तानाशाह कहने की परंपरा लगभग 25 वर्ष पहले से चली आ रही है। पहले वो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रचारक थे, इसलिए उन्हें तानाशाह कहा गया। देश की सत्ता संभालने के बाद जब वह राष्ट्रहित की बातें करने ...
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने हाल ही में कहा है कि आम लोग न्यायालयों में प्रयोग होने वाली भाषा को आसानी से नहीं समझ पाते। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार लोग मंत्र का अर्थ नहीं समझते, कोर्ट की भाषा समझने में भी उन्हें उसी प्रकार की ...
दुनिया में जनता को उल्लू बनाने का एकाधिकार अधिकतम कम्युनिस्टों के पास ही रहता है। दशकों तक अपने नीतियों से इन्होंने जनता को वास्तविकता से भ्रमित रखा है। परंतु जब कोई नौसिखिया इनकी नीतियों का अनुसरण कर अपनी भद्द पिटवाता है, तो देश की जनता को परमआनंद प्राप्त होता है, ...
भारत में शैक्षणिक योग्यता का बहुत महत्व है। लोग शैक्षणिक योग्यता को वैयक्तिक श्रेष्ठता से जोड़कर देखते हैं और इसी श्रेष्ठता को सिद्ध करती है, आपके नाम के आगे लगनेवाला 'डॉ' उपसर्ग। भारत में किसी विशेष विषय में एक विद्वान के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए PHD ...