योग से जोड़ो, आयुर्वेद से संवारो: विश्व-व्यवस्था का भारतीय दर्शन
तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख लूं उस ओर क्या है! जा रहे जिस पंथ से युग कल्प उसका छोर क्या है? सिन्धु की नि:सीमता पर लघु लहर का लास कैसा? दीप लघु शिर पर धरे...
डा. आलोक कुमार द्विवेदी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में PhD हैं। वर्तमान में वह KSAS, लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। यह संस्थान अमेरिका स्थित INADS, USA का भारत स्थित शोध केंद्र है। डा. आलोक की रुचि दर्शन, संस्कृति, समाज और राजनीति के विषयों में हैं।
तोड़ दो यह क्षितिज मैं भी देख लूं उस ओर क्या है! जा रहे जिस पंथ से युग कल्प उसका छोर क्या है? सिन्धु की नि:सीमता पर लघु लहर का लास कैसा? दीप लघु शिर पर धरे...
पर्यावरण दिवस विशेष: वर्तमान की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक जलवायु परिवर्तन की समस्या है। इस संदर्भ में तुहिन ए. सिन्हा और डॉ. कविराज सिंह द्वारा लिखित क्लाइमेट एक्शन इंडिया (Climate Action India) पुस्तक एक सामयिक...
आज जब सम्पूर्ण विश्व अपने विभिन्न आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं से जूझ रहा है तो मानवता को किसी ऐसे विचार की आवश्यकता है जो उसका पथ प्रदर्शन कर सके। विश्व मानवता के पथ प्रदर्शक के रूप...
मानवाधिकारों के उच्च मानकों को आधुनिक काल में पुनर्जागरण काल के दौरान स्थापित किया गया था, लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि मानवाधिकारों के कुछ पहलुओं को लगभग सभी प्रमुख संस्कृतियों द्वारा सम्मानित...
मनुस्मृति के सातवें अध्याय में राजधर्म, अर्थात् राज्य संचालन से जुड़े अनेक पहलुओं का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। धर्मशास्त्रों में राजधर्म की अवधारणा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है और इस विषय पर गंभीर विमर्श भी...
मनु ने न्याय और समानता (justice and equity) की अवधारणाओं पर विशेष बल दिया। उनका मानना था कि जो भी व्यक्ति न्याय का उल्लंघन करता है, वह सदैव घृणास्पद होता है। राजा मूल न्यायालय (original court) और...
मंगलवार में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए निर्दोष पर्यटकों के सामूहिक नरसंहार ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। यह कोई पहली घटना नहीं है जब भारत ने आतंकवादी हमले झेले हों, परंतु अधिकतर बार...
पिछले लेख में हम लोगों ने देखा कि वर्तमान में महिलाओं को लेकर किस प्रकार के अधिकार प्राप्त हैं। अब क्रमश: मनुस्मृति में महिलाओं को लेकर कही गयी बात और उनको प्राप्त अधिकारों की चर्चा की गयी...
मनुस्मृति का निर्माण हिंदू संस्कृति की अत्यधिक प्रगति का संकेत माना जाता है। गैरोला ने 'श्रुति' और 'स्मृति' को व्यापक रूप से समानार्थी शब्द बताया है। हालांकि भारतीय सनातन परंपरा में श्रुति और स्मृति में भेद माना...
स्मृतियों में सबसे प्राचीन, श्रेष्ठ एवं प्रमुख मानव स्मृति को माना गया है। ऋग्वेद में "मनु" को मानव जाति का पिता, प्रथम यज्ञ कर्ता तथा संहिता का प्रवर्तक कहा गया है। शास्त्र ग्रंथों एवं पुराणों के अनुसार...
धर्म शब्द सभ्यता का एक ऐसा महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है जिसने विकास के पथ को अधिक सुसंस्कारित बनाया है। धर्म स्वयम में आचरण ही है। डॉ० पी.वी. काणे के अनुसार ‘धर्म’ शब्द की उत्पत्ति ‘धृ’ धातु से हुई...
मनुस्मृति को प्रमुख मानव धर्म शास्त्र कहा जाता है। यह धर्मशास्त्र समाज के लोगों का धर्म एवं कर्तव्य निर्धारित करते रहे हैं। भारतीय संस्कृति में स्मृतियों का महत्व इस रूप में रहा है कि ये तत्कालीन समय...
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