Animesh Pandey

Animesh Pandey

Lead Editor, TFI Media
Vidyarthi of History, Cinema Buff,
Akhand Bharat Parmo Dharma

गोपालदास नीरज – बॉलीवुड के एक अनोखे गीतकार जिन्हें कभी उनका उचित सम्मान नहीं मिला

“देखिए बर्मन साब, ये एक गीतकार हैं, अच्छा लिखते हैं, हमारे फिल्म के लिए गीत लिखेंगे!” “तुम हमारे फिल्म के लिए गीत लिखेगा?” “जी बर्मन साब, आपके आशीर्वाद से हम अवश्य एक अच्छी रचना प्रस्तुत करेंगे!” “हम...

तेन धार का युद्ध – जब 2000 पाकिस्तानियों पर भारी पड़े थे केवल 11 राजूपत सिपाही

Battle of Tain Dhar - थर्मोपायली, लोंगेवाला, सारागढ़ी, इन सबके बारे में आपने बहुत सुना होगा पर तेन धार की पवित्र भूमि का उल्लेख कभी सुना है? नौशेरा का नाम सुना है? नहीं? कैसे सुनेंगे, असली इतिहास...

फिल्म ‘आराधना’ तो साइड प्रोजेक्ट थी लेकिन किशोर कुमार ने कुछ ऐसा किया कि इतिहास बन गया

1969 में भारतीय सिनेमा में क्रांति आई थी, तारीख थी 27 सितंबर 1969, इस दिन एक ऐसी फिल्म प्रदर्शित हुई जिसके चलने की आशा कम ही लोगों को थी। होती भी कैसे, हीरो भी नया, निर्देशक भी...

सिंधुदुर्ग किला: मराठा साम्राज्य का अभेद्य गढ़, जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता था

आचार्य चाणक्य की नीति से कौन परिचित नहीं? एक समय कुछ लोग उनसे मिलने जब आए, तो उन्होंने अपने मार्ग का विवरण करते हुए बताया, “आपके पास पहुंचने में हम लोगों को बहुत कष्ट हुआ। आप महाराज...

मधुबाला के प्यार में सबकुछ लुटा दिया फिर भी खरी-खोटी सुनी, किशोर कुमार की अनसुनी कहानी

“कोई हमदम न रहा, कोई सहारा न रहा, हम किसी के न रहे, कोई हमारा न रहा” पक्का लड़के का ही दोष है, भला बेचारी स्त्री से क्यों गलती होगी? पिछले कई सदियों से भांति-भांति के नमूनों...

“नेहरू ने हनीट्रैप में फंसकर देश का बंटवारा किया”, सावरकर को ‘गाली’ देने वाली कांग्रेस की तो लग गई

भारत का विभाजन: कांग्रेस पार्टी मृत्यु शैय्या पर लेटी है। कांग्रेस के चश्मोचिराग कांग्रेस पार्टी में उजाला करने की कोशिश में लगे हैं लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उजाला कम और अंधेरा अधिक कर रहे...

बिना स्पॉयलर का रिव्यू, अजय देवगन की फिल्म दृश्यम-2 आपको ‘हिला’ देगी

Drishyam 2 Movie Review in Hindi- हमारी फिल्में चलती नहीं है! जनता को हमें सबक सिखाना होगा! जनता को हमारा टेस्ट ही नहीं पसंद! ऐसे कई संवाद आपने कुछ स्वघोषित मठाधीशों को दोहराते हुए सुना ही होगा,...

“उसने अपनी बेगम की जगह कुत्तों को चुना, कुत्तों के निकाह में करोड़ों उड़ाए और लॉर्ड इरविन को बुलाया”

आपको आवश्यकता से अधिक धन मिल जाए तो आप क्या करेंगे? तनिक गाड़ी अधिक खरीदेंगे, स्वर्णाभूषण लेंगे, भवन अच्छे बनवाएंगे? लेकिन बंधु आप जैसे सब नहीं होते जो इतने से संतुष्ट हो जाएं। जूनागढ़ के नवाब तो...

लता मंगेशकर और किशोर कुमार को सितारे की तरह चमकाने वाले खेमचंद प्रकाश को कितना जानते हैं आप

“गहरे पानी में पैठने से ही मोती मिलता है” ये बात ऐसे व्यक्तियों के लिए लागू होती हैं, जो निरंतर रत्नों को खोजने के लिए प्रयासरत रहते हैं। हमारे फिल्म उद्योग में भी कुछ ऐसे जौहरी हैं,...

जेमिनी गणेशन अभिनय का ‘बादशाह’ लेकिन ‘डरावना पति’ और ‘ख़तरनाक पिता’

22 मार्च 2005, चेन्नई, एक चर्चित अभिनेता के असामयिक निधन ने सबको झकझोर कर रख दिया। कैसे नहीं होता, जो व्यक्ति कभी तमिल उद्योग की धड़कन था और जिन्होंने MGR एवं शिवाजी गणेशन जैसे धुरंधरों के समक्ष...

बंगाल फिल्म उद्योग काफी समृद्ध था लेकिन यह मुंबई स्थानांतरित कैसे हो गया?

उद्योग और कोलकाता, वो क्या होता है? आज के परिप्रेक्ष्य में ये चुटकुला आप बहुत सुनते होंगे परंतु वो क्या है न, एक समय वो भी था जब कोलकाता, कलकत्ता हुआ करता था और वह भारत की...

‘प्यासा’ वाले गुरुदत्त स्क्रीन पर ‘महान’ दिखते हैं, वास्तविक जीवन में अपनी पत्नी तक को बर्बाद कर दिया

“यहाँ इक खिलौना है इसां की हस्ती, ये बस्ती हैं मुर्दा परस्तों की बस्ती, यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती, ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है.” साहिर लुधियानवी के ये बोल जाने...

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