मत

मालेगांव ब्लास्ट मामले के निर्णय से सिद्ध हुआ “न हिंदू पतितो भवेत्”

17 वर्ष की प्रतीक्षा, 6200 से अधिक दिन और 1 अनकहा नैरेटिव—जिसे सत्ता, मीडिया और राजनीति ने मिलकर गढ़ा था। मालेगांव विस्फोट मामले...

“एक विचारधारा, दो पीढ़ियां: मोदी के बाद भाजपा की उम्मीद तेजस्वी सूर्या”

जैसे-जैसे संसद का मानसून सत्र आगे बढ़ रहा है और राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो रही हैं, बेंगलुरु दक्षिण से सांसद और भारतीय जनता...

“गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सवालों के घेरे में, गाजा पर आवाज़, हिंदुओं पर चुप्पी?”

मानवीय वकालत के क्षेत्र में, निरंतरता न केवल नैतिक विश्वसनीयता के लिए, बल्कि लोकतांत्रिक संदर्भ में नेतृत्व की वैधता के लिए भी मायने...

“विहिप भी बोली: हटाइए ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’, इमरजेंसी की देन क्यों ढोएं?”

आरएसएस के बाद अब विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी भारतीय संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवादी' शब्दों को शामिल करने पर...

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ...

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?

भारत की सभ्यतागत या सांस्कृतिक विरासत के विशाल सागर में कुछ ग्रंथ ही ऐसे हैं जो ‘मनुस्मृति’ जितना उत्साह, विवाद और भ्रम उत्पन्न...

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ‘छात्र शक्ति से राष्ट्र शक्ति तक’ 77 वर्षों की प्रेरणादायी यात्रा

“छात्र शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है” — यह कोई नारा मात्र नहीं, बल्कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की उस अखंड साधना का...

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