उत्तराखंड सुरंग बचाव अभियान: एक संघर्ष से सफलता की ओर
आज हम लेकर आए हैं एक ऐसे क्षण की कहानी, जिसने उत्तराखंड को एक बड़ी चुनौती में डाल दिया। एक सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए गए इस बचाव अभियान ने हमें सवालों के घेर में ...
आज हम लेकर आए हैं एक ऐसे क्षण की कहानी, जिसने उत्तराखंड को एक बड़ी चुनौती में डाल दिया। एक सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए गए इस बचाव अभियान ने हमें सवालों के घेर में ...
भाजपा केवल कर्नाटक नहीं हारी है। पार्टी की प्रतिबद्धता पर प्रश्न लगा है, और यह 2024 के पूर्व कोई शुभ संकेत नहीं है। परंतु ये इन्ही के कर्मों की देन है, और अगर ये अब भी नहीं चेते, तो ...
उत्तराखंड जो भारत का बहुत सुंदर राज्य है, जहां मनमोहक पर्यटन स्थल हैं और जहां कई ऐसे स्थान भी हैं जिनका धार्मिक और पौराणिक महत्व है। उसी उत्तराखंड का एक सुंदर तीर्थस्थल है जोशीमठ। यहां वार्षिक चारधाम यात्रा होने ...
आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि 'जो दिखेगा वही बिकेगा' और दिखने के लिए प्रचार करना बहुत ज्यादा जरूरी है। यह कहावत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर सटीक बैठती है। अब आप सोचेंगे कि ऐसा ...
'मोदी है तो मुमकिन है', यह अब केवल एक नारा नहीं बल्कि हकीकत बन चुका है। वर्ष 2014 में जब से भाजपा सत्ता में आयी है, तब से उसने कई ऐसे कार्य संभव करके दिखा दिये, जो कभी असंभव ...
कुल नौ महीने के लंबे इंतज़ार के बाद बीते दिन सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को नये सीडीएस पद पर नियुक्त किया है। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत की एक हावाई दुर्घटना ...
2014 में सत्ता में आने से पहले बीजेपी के मैनिफेस्टो (घोषणा पत्र) में शामिल तीन मुद्दों ने बीजेपी को 2014 और 2019 लोकसभा के चुनाव में विजय पताका लहराने में अहम भूमिका निभाई। इसमें कोई दो राय नहीं है। ...
जब-जब, जो-जो होना है, तब-तब, सो-सो होता है। यह सकारात्मक नज़रिये से तो एकदम सही है पर जब यह नकारात्मक रुख अपना लेता है तब वहां से असल समस्या शुरू होती है। यही हाल खालिस्तान की चाह रखने वाले ...
नियत काम करने की और सोच राम की हो तो बिगड़े काम भी बन जाते हैं, नजरिया और नियत ही जीवन का बड़ा सार है। भाजपा सरकार इसका उदाहरण है कि सकारात्मक निर्णय लेने में समय अधिक लगता है ...
समान नागरिक सहिंता, वो मांग है जो आजादी के बाद के 7 दशक बीत जाने के पश्चात समय की मांग बनकर सबके सामने आ चुकी है। इसको लेकर काई बातें इसके पक्ष तो कई विपक्ष में भी समाज में ...
कट्टरपंथियों, वामपंथियों और कथित लिबरलों ने मौजूदा समय में देश में जिस तरह की स्थिति पैदा कर दी है, ऐसे में सतर्कता ही सबसे पहला उपाय बनकर सामने आ रहा है। इसी बीच हिन्दू धर्म के आस्था के प्रतीक ...
भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता तो 15 अगस्त 1947 को ही मिल गई किंतु भारत आज भी सांस्कृतिक परतंत्रता का शिकार है। 2014 के बाद सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ने राजनीतिक विमर्श में केंद्रीय भूमिका निभाना शुरू कर दिया है। अब समय ...
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