“नील क्रांति का क्रेडिट भी महात्मा गांधी ने खा लिया” जबकि आंदोलन की वास्तविकता कुछ और ही है
हमारे देश में अनेक आंदोलन हुए, जिनका दर्द आज भी भारतीयों की रगों में जिंदा है। कुछ आंदोलन ऐसे हैं, जो बिना तोप ताने और बिना बंदूक चलाए लड़े गए। उन्हीं में से एक है चंपारण की नील क्रांति। ...