गोपीनाथ बोरदोलोई : असम के रक्षक!
हमारे देश का इतिहास बड़ा विचित्र है। जब बात आती है देश के नायकों को उचित सम्मान देने की, तो उन्हे अखबार का एक स्तम्भ भी प्राप्त नहीं होता। परंतु जब बात आती है देश का अहित चाहने वालों, ...
हमारे देश का इतिहास बड़ा विचित्र है। जब बात आती है देश के नायकों को उचित सम्मान देने की, तो उन्हे अखबार का एक स्तम्भ भी प्राप्त नहीं होता। परंतु जब बात आती है देश का अहित चाहने वालों, ...
किसी वस्तु या संस्थान का प्रारंभ करना एक बात है परंतु उसे आगे बढ़ाना और उसकी सशक्त नींव स्थापित करना बिल्कुल ही अलग। आज RSS जैसी भी हो, आपके जो भी विचार हों, परंतु आप इस बात को बिल्कुल ...
भारत की पहचान साधु-संतों की भूमि के रूप में होती है। भारत के संतों ने विश्व में सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करने का कार्य किया हैं। इसलिए समाज में ऐसे संतों को बेहद सम्मान और ...
सत्ता अंग्रेजों के हाथों से भारतीयों के हाथों में आ गई थी। देश आजाद हो चुका था। स्वतंत्रता आंदोलनों में भाग लेने वाले सभी प्रभावशाली लोग संविधान सभा से होते हुए बड़े-बड़े पदों पर आसीन हो गए थे। अंग्रेजों ...
बीसवीं सदी का आरंभिक दौर भारत में क्रांति, स्वतंत्रता और अंग्रेजी साम्राज्य से मुक्त होने की चाहत रखने वाला दौर था। इस दौरान पाटन साम्राज्य और उसके दरबार में चल रही उठा-पटक पर आयी एक साहित्यिक कृति ने गुजरात ...
Hind swaraj ke lekhak - हिन्द स्वराज के लेखक : शिक्षा एवं विशेषता स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Hind swaraj ke lekhak में साथ ही इससे जुड़े शिक्षा एवं विशेषता के बारें में भी ...
“इतिहास में कोई भी परिवर्तन केवल वार्तालाप से कभी प्राप्त नहीं हुआ” कलकत्ता अधिवेशन: इस बात में कितनी सत्यता है इसे प्रमाणित करने के लिए हमारे देश का भूगोल ही पर्याप्त है। यदि बातचीत से सबकुछ संभव होता और ...
हम आपसे यदि पूछें कि आप अपने मुंह को स्वच्छ रखने के लिए क्या करते हैं? आपका उत्तर होगा मुंह को स्वच्छ रखने के लिए दातून या ब्रश करते हैं, जीभ को साफ करते हैं और कुल्ला करते हैं। ...
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के भीष्म पितामह आप किसे मानते हैं? कुछ लोगों के लिए वे ‘दादाभाई नाओरोजी’ हैं, तो कुछ के लिए 'गोपाल कृष्ण गोखले' हैं। परंतु अधिकतम लोगों को नहीं पता है कि जिस गुजरात से कभी मोहनदास ...
3 दिन, 52 करोड़ विक्रम वेधा फ्लॉप: अगर विजयदशमी को जोड़ लें तो ऋतिक रोशन की बहुचर्चित फिल्म विक्रम वेधा ढंग से 60 करोड़ भी नहीं कमा पाएगी, 100 करोड़ तो भूल जाइए और मैं केवल भारत की बात ...
Mahatma gandhi ka janm kab hua tha? प्रस्तुत लेख में हम आपके लिए महात्मा गाँधी का जीवन परिचय एवं उनका जन्म कहाँ हुआ था इससे जुड़ी जानकारी (Mahatma gandhi ka janm kab hua tha?) लेकर प्रस्तुत हुए है एवं ...
विचित्र है अपना भारत, जहां देशद्रोहियों की जय होती है और नायकों को कोई घास नहीं डालता। ये भारत है, जहां औरंगजेब के कब्र पर फातिहा पढ़ी जाती है, उस कब्र के संरक्षण हेतु वार्षिक अनुदान भी होता है, ...
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