'मोहनदास करमचंद गांधी' के लिए खोज परिणाम

स्वामी श्रद्धानंद

जब मोहनदास करमचंद गांधी ने स्वामी श्रद्धानंद के हत्यारे का किया था बचाव

कभी विनायक दामोदर सावरकर ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात कही थी, “मुझे न ईसाइयों से भय है और न ही मुसलमानों से, मुझे तो भय है उन हिंदुओं से, जो हिन्दू होते हुए भी हिंदुओं के अहित की सोचते हैं और उसी दिशा में प्रयासरत हैं!” शायद उनका संकेत ...

majburi ka naam mahatma gandhi

ब्रह्मचर्य के साथ मोहनदास करमचंद गांधी के प्रयोग: सुशीला नैयर, आभा गांधी और प्रभावती देवी की कहानी

देख तेरे संसार की हालत क्या हो गयी भगवान, कितना बदल गया इंसान। अगर आज मोहनदास करमचंद गांधी जीवित होते तो उक्त कथन उन पर सटीक बैठता। जब किसी को दिशा प्रदान करने वाला मान लेते हैं तो उसके प्रति जो भावना होती है वो आस्था से कम नहीं होती। ...

दक्षिण अफ्रीका गांधी

अध्याय 2: भारतीय स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी: मोहनदास करमचंद गांधी वास्तव में भारत क्यों लौटे?

क्या आप जानते हैं? गांधी का भारत आना ब्रितानी शासन के बढ़े ‘Deadline’ का उद्घोष था दक्षिण अफ्रीका में गांधी के आंदोलन या संघर्ष सिर्फ भारतीयों के लिए थे वे 'भारतीय' मुद्दों को इतनी चतुराई से उठाते थे कि कभी-कभार ये मुद्दे भारतीयों को अफ्रीकियों से अलग कर देते थे ...

बाल गंगाधर तिलक: जिसने गाँधी को सबसे पहले समझा

बाल गंगाधर तिलक: जिसने गाँधी को सबसे पहले समझा

"मैं वर्षों से ब्रिटिश से लड़ रहा हूँ. स्वराज के लिए हमें अपना खून बहाना ही होगा, अन्यथा मिले हुए स्वराज की कोई कीमत नहीं होगी!" यही बात बाल गंगाधर तिलक ने विनम्र शब्दों में मोहनदास करमचंद गांधी को समझाने का प्रयास किया था, जो अहिंसा की नैया के सहारे ...

असहयोग आंदोलन गांधी की उपज नहीं थी

असहयोग आंदोलन गांधी की उपज नहीं थी

कुछ समय पूर्व, सीबीआई द्वारा सम्मन भेजे जाने पर आम आदमी पार्टी का हर एक नेता क्रोध से तमतमा रहा था। कुछ अति उत्साही समर्थक तो इतना भावुक हो गए कि केजरीवाल की तुलना बैरिस्टर मोहनदास करमचंद गांधी से करने लगे। परंतु अनजाने में ही सही, उन्होंने बड़ा नेक कार्य ...

गांधी इरविन समझौता

गांधी इरविन समझौता: जब महात्मा गांधी के एक निर्णय के विरुद्ध पूरा देश हो गया

गांधी इरविन समझौता: “क्यों, क्यों यकीन करें आपका, इतिहास आपसे यह प्रश्न सदैव पूछेगा!” “द लीजेंड ऑफ भगत सिंह” में इस प्रश्न ने गांधी के किरदार को यूं ही नहीं निरुत्तर किया था। एक निर्णय के पीछे करोड़ों भारतवासी आज भी गांधी को संदेह की दृष्टि से देखते हैं। अनजाने ...

कस्तूरबा गांधी

महात्मा गांधी ने कस्तूरबा गांधी के ऊपर जो अत्याचार किए वो डरावने हैं

उस महिला से बड़ा दुर्भाग्य किसका होगा, जिसके पति कहने को तो एक अद्वितीय समाज सुधारक थे- राष्ट्र के मार्गदर्शक थे- परंतु वास्तव में वो अपने घर और परिवार को भी ठीक से नहीं संभाल पाए थे। हम कमला नेहरू की नहीं, कस्तूरबा गांधी की बात कर रहे हैं, जिनके ...

Gandhi my father

गांधी की वास्तविकता दिखाने के कारण प्रतिबंध लगा रहे थे, Gandhi My Father फिल्म की कहानी

भारत, एक ऐसा देश, जहां कुछ लोगों को निरंतर अपमानित करना या उन्हें अनदेखा करना इस राष्ट्र के कुछ बुद्धिजीवियों के लिए “टॉनिक” समान है परंतु दूसरी ओर कुछ आराध्यों की आलोचना मात्र भी “बेअदबी” के समान हो जाती है, जैसे बैरिस्टर मोहनदास करमचंद गांधी। कुछ वर्ष पूर्व फिल्म “गांधी ...

Mahatma Gandhi Biography in Hindi

महात्मा गांधी बायोग्राफी इन हिंदी : शिक्षा एवं आंदोलन

Mahatma Gandhi Biography in Hindi : महात्मा गांधी बायोग्राफी इन हिंदी : शिक्षा  एवं आंदोलन स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे   Mahatma Gandhi Biography in Hindi साथ ही इससे जुड़े शिक्षा  एवं आंदोलन के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः आपसे निवेदन है कि यह ...

Gandhi Ji Ka Janm Kahan Hua Tha

गाँधी जी का जन्म कहाँ हुआ : Gandhi Ji Ka Janm Kahan Hua Tha

गाँधी जी का जन्म कहाँ हुआ : Gandhi Ji Ka Janm Kahan Hua Tha - स्वागत है आपका आज के इस लेख में हम जानेंगे Gandhi Ji Ka Janm Kahan Hua Tha के बारे में साथ ही इससे जुड़े शिक्षा एवं शादी के बारें में भी चर्चा की जाएगी अतः ...

गांधी अहिंसा

“मुस्लिम तुम्हें कितना भी पीटें, तुम पलटवार मत करो” आइए, हिंदुत्व पर गांधी के ‘योगदान’ को समझें

गांधी अहिंसा: भारत हो या भारत के बाहर, मोहनदास करमचंद गांधी का सम्मान हमेशा ही होता रहा है। उन्हें महान कहा जाता रहा है लेकिन आवश्यक नहीं है कि गांंधीजी के सभी विचारों को महान मान लिया जाए। गांधीजी के बहुत से ऐसे विचार हैं जिनको लेकर समय-समय पर विवाद ...

नील विद्रोह

“नील क्रांति का क्रेडिट भी महात्मा गांधी ने खा लिया” जबकि आंदोलन की वास्तविकता कुछ और ही है

हमारे देश में अनेक आंदोलन हुए, जिनका दर्द आज भी भारतीयों की रगों में जिंदा है। कुछ आंदोलन ऐसे हैं, जो बिना तोप ताने और बिना बंदूक चलाए लड़े गए। उन्हीं में से एक है चंपारण की नील क्रांति। कहा जाता है इस आंदोलन से ही मोहनदास करमचंद गांधी, महात्मा ...

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