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पहले भारतीयों ने “चाय” को अस्वीकार कर दिया था, फिर ‘क्रूर पूंजीवाद’ ने सबकुछ बदल दिया

"अजी हम तो देसी हैं, हम चाय पीते हैं", इस वाक्यांश को आपने कई-कई बार सुना होगा, कभी न कभी स्वयं भी दोहराया होगा। हालांकि, यह बहुत कम लोगों को पता है कि चाय को लेकर दोहरायी जाने वाली ...

‘भीख चाहिए तो ले लो पर व्यापार संभव नहीं’, भारत ने आतंक की फैक्ट्री पाकिस्तान को दिया स्पष्ट संदेश

'मजबूरी का नाम महात्मा गांधी' कहावत यूं ही नहीं कहा जाता है, यह कूटनीति की ऐसी दुविधा को दर्शाता है, जो भारत को न चाहते हुए भी निभानी पड़ती है। ऐसे अनेक अवसर आते हैं, जब भारत को उन ...

जो मुकेश अंबानी और जैक मा नहीं कर पाए वो अडानी ने कर दिखाया, बने दुनिया के तीसरे बड़े अमीर

वर्तमान समय में कोई बिजनेसमैन ऐसा है, जो किसी भी कीमत पर रुकने-थमने का नाम नहीं ले रहा तो वो हैं भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी। अडानी आज  भारत के साथ साथ पूरे एशिया के धनकुबेर बने हुए हैं। आज ...

भारत के साथ जबरदस्ती करने के लिए रूस ने यूएस को लताड़ा, यूरोप को कहा मर्द बन

सच्चा मित्र वही, जो मित्र के काम आए। ये बात भारत और रूस के लिय अक्षरश: चरितार्थ होती है। रूस यूक्रेन विवाद पर भारत ने संसार की रीतियों और नीतियों से ठीक उलट अपनी अलग परिपाटी अपनाते हुए अपने ...

भारत के Smart Watch कंपनियों ने कैसे Apple और Garmin का game बिगाड़ दिया

घड़ी पहनना हमेशा से ही लोगों का शौक रहा है। घड़ी शुरुआत से हमारे स्टाइल स्टेटमेंट का हिस्सा रही है। घड़ी केवल शौक या फैशन के लिए ही नहीं पहनी जाती परंतु शुरू से ही इसे अनुशासन से भी ...

सीजेआई के पिता संग हुई घटना ने साबित किया कि SC में सिर्फ ‘फेस वैल्यू’ को ही तवज्जो मिलती है

देश की अदालतों में भी एक एलीट मानसिकता का वास है। इसके कारण आम आदमी की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दबी पड़ी रहती हैं तो दूसरी ओर कुछ मामलों में अदालतें आधी रात तक को खोल दी जाती हैं। ...

अर्जेन्टीना को तेजस के अलावा भी भारत में काफी रुचि है

“संक्षेप में कहें तो कोई भी कथा जो बड़ी ही अद्भुत हो, अविश्वसनीय हो, जरूरी नहीं वही सत्य है”, क्वेनटिन टरेंनटिनों के विश्व प्रसिद्ध फिल्म ‘Inglourious Basterds’ के इस चर्चित संवाद का अर्थ स्पष्ट था, हर कथा के पीछे ...

हरित क्रांति के बाद अब समय की मांग है ‘सदाबहार क्रांति’

भारत 1960 के दशक में जनसंख्या विस्फोट और कृषि उत्पादकता की कम दर के साथ ही सबसे खराब खाद्य संकटों में से एक का सामना कर रहा था। चीन (1962) और पाकिस्तान (1965) के साथ युद्ध के बाद तो ...

सावधान! भारतीय आम चुनावों में अमेरिकी बिग टेक दोहरा सकते हैं “हंटर बाइडन” का पूरा घटनाक्रम

अमेरिका की बिग टेक कंपनियां अपनी मनमानी के लिए जानी जाती रही हैं जो कि आए दिन विवादों में रहती हैं। यह आम है कि तकनीक का मानव जीवन पर काफी प्रभाव होता है इसके अलावा आज के दौर ...

भारत और नेपाल के बीच सैन्य साझेदारी सदा से एक गलत प्रक्रिया रही है

यह सबसे बड़ी नासमझी होती है कि आप अपने घर की सुरक्षा उसके हाथ में दे दो जो स्वयं आपके दुश्मनों के दयाभाव पर आश्रित हो। भारत ने आज़ादी का अमृत महोत्सव तो मना लिया पर क्या सच में ...

संजू ‘पहलवान’ को ‘महाबली’ गडकरी से नहीं भिड़ना था, गलती कर दिए

घर में यदि दो भाई आपस में लड़ रहे हो तो कि किसी बाहरी व्यक्ति को यह हक नहीं मिल जाता कि वह उस घर के लोगों का मजाक बनाने लगे। कुछ ऐस ही नितिन गडकरी और संजय सिंह ...

भारत ने UNSC में रूस के खिलाफ नहीं किया वोट और यही सच्चाई है

मतलब कहीं का ईंट, कहीं का रोडा भानुमति का कुनबा जोडा। आज मीडिया का व्यवहार कुछ ऐसा ही है जहां वो तथ्यों को साईड कर, तथ्यों को तोड़ मरोड़कर अपनी कलाकारी में मदमस्त है। जो बात वास्तव में कही ...

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