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यूक्रेन से मौत के मुंह से निकाल लाई मोदी सरकार लेकिन ये छात्र भारत पर ही उठा रहे हैं सवाल!

जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। यूक्रेन से आ रहे भारतीयों में जहां एक ओर इस बात का संतोष है कि वो संकटग्रस्त देश से लौट अपने वतन आ चुके हैं। तो वहीं, एक वर्ग ऐसा ...

रूस ने 1-2 बार नहीं पूरे 6 बार भारत को बचाने के लिए UN में किया है वीटो का इस्तेमाल

मित्रता निभाने में भारत का कोई सानी नहीं है। हम भारतीयों ने अपनी संस्कृति, विरासत और पुरुषों से यही सीखा है कि जान जाए पर मित्र पर कोई आंच ना आए। रामायण और महाभारत में भी यही लिखा है। ...

देश के विश्वास पर इस तरह खरे उतर रहे हैं एस. जयशंकर

देखन में छोटे लगैं घाव करैं गम्भीर, यह कथन आज के परिप्रेक्ष्य में भारत पर एकदम सटीक बैठता है। जहां बीते सात दशक से भारत हर बार अमेरिका और अन्य किसी देश के प्रतिक्रिया देने के बाद अपनी ओर ...

एक बार फिर हो गया साबित, रूस ही है भारत का सबसे अच्छा मित्र

भारत और रूस की मित्रता किसी से छुपी नहीं है। रूस के साथ द्विपक्षीय संबंध भारत की विदेश नीति का एक प्रमुख स्तंभ हैं। इसी बीच रूस और यूक्रेन के बीच विध्वंशक युद्ध की शुरुआत हो गई है जिसके ...

क्यों एक दूसरे से लड़ने लगे जो बाइडेन और एलन मस्क?

हम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे। यही व्यवहार अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और टेस्ला समूह के मालिक एलन मस्क का हो गया है। दोनों के बीच की जंग बढ़ते-बढ़ते इतनी विकराल स्थिति में पहुंच चुकी है कि ...

मास्टरकार्ड ने रूस में कर दिया खेला अब पीएम मोदी को देना चाहिए RuPay कार्ड को बढ़ावा

महाशक्तियों का जन्म बड़े वैश्विक संगठनों के बीच होता है। जैसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत संघ महाशक्ति बने और शीत युद्ध की खींचतान में चीन ने चुपचाप आर्थिक क्रांति को जन्म दिया। इस समय दुनिया ...

सुनो सुब्रमण्यम स्वामी, मनोवैज्ञानिक परामर्श लेने का समय आ गया है

बढ़ती उम्र के साथ, आदमी सठिया जाता है। अब सुब्रमण्यम स्वामी को ही देख लीजिए, सत्ता की आपक इतनी है कि किसी को भी कुछ भी बोलने से पहले वह एक बार भी नहीं सोचते हैं।  सामान्य जीवन की ...

पाकिस्तान को सब देशों ने मिलकर चोक कर दिया है!

दुनिया में अपनी आतंकी गतिविधियों के लिए अगर कोई देश बहुत ज्यादा बदनाम है तो वह है पाकिस्तान। पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर कोई भी देश भाव नहीं देता। आज के परिदृश्य में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ...

अमेरिकन टेक कम्पनियों की गुंडई देखते हुए भारत को जल्द ही खुद का टेक ढांचा बनाने की जरूरत है

अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था के सबसे पेचीदा पहलुओं में से एक है। सिर्फ इसलिए कि यह खुले तौर पर नहीं बल्कि गुप्त संचार पर चलता है। इस पहलू का एक उदाहरण हाल ही में यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच ...

UN और पश्चिम के लिए उनका पॉल्यूशन औद्योगिक क्रांति है और भारत के पॉल्यूशन से पर्यावरण का नुकसान हो रहा है

विदेशी राष्ट्रों को भारत की उन्नति फूटी आंख नहीं सुहाती। वो बस भारत में उतना ही विकास देखना चाहते हैं, जितना उनके लिए फायदेमंद हो और भारत सदा सर्वदा के लिए उनपर आश्रित रहे। पर, हाल के दिनों में ...

यूक्रेन मामले से सबक: जो परमाणु संपन्न नहीं होगा वो दुनिया के नक्शे से मिट जाएगा

लगभग तीन दशक पहले, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा सुरक्षा की गारंटी दिए जाने के बाद सोवियत संघ से निकले कई देशों ने परमाणु हथियार त्याग दिए। हालांकि, सोवियत संघ के टूटने के तीन दशक बाद, अब व्लादिमीर ...

क्या भारत कर सकता है POK पर यूक्रेन स्टाइल चढ़ाई?

राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को शक्ति और सामर्थ्य से ही बनाए रखा जा सकता है। दूसरी बात, अगर आप में शक्ति नहीं होगी, तब तक आपके अधिकारों के लिए कोई नहीं लड़ेगा और आपको धोखा मिलता रहेगा। ...

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