'अली जिन्ना' के लिए खोज परिणाम

सावरकर के प्रति HSRA की रुचि की अनकही कही कथा

कुछ समय पूर्व एक ‘महापुरुष’ ने अपने कर्मों का बचाव करते हुए कहा था, “देखिए जी, हम सावरकर की औलादें नहीं है, हम भगत सिंह के वंशज हैं। हम आखिरी सांस तक अत्याचार के विरुद्ध लड़ेंगे” बोलने में क्या ...

3 अभियुक्त, 1 उद्देश्य: किसने चंद्रशेखर आजाद के साथ विश्वासघात किया?

“दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, आजाद ही रहें हैं, और आजाद ही रहेंगे!” चंद्रशेखर आजाद एक ऐसा नाम जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का उतना ही अभिन्न अंग है जितना सरदार पटेल, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह इत्यादि। 27 ...

The Guruji Effect: एम एस गोलवलकर वह व्यक्ति जिनके कारण RSS अपने वर्तमान स्वरूप में विद्यमान है

किसी वस्तु या संस्थान का प्रारंभ करना एक बात है परंतु उसे आगे बढ़ाना और उसकी सशक्त नींव स्थापित करना बिल्कुल ही अलग। आज RSS जैसी भी हो, आपके जो भी विचार हों, परंतु आप इस बात को बिल्कुल ...

क्रांति के चंदन में लिपटे हुए भुजंग की तरह थे यशपाल

“विश्वासघात की सबसे बुरी बात क्या है? वो शत्रु नहीं देते!” द गॉडफादर शृंखला में ये संवाद आज भी कई लोगों के मन मस्तिष्क में बैठ चुका है। इसका अर्थ स्पष्ट है और दुर्भाग्य की बात तो यह है ...

कनाडा खालिस्तानियों का अड्डा कैसे बन गया? भिंडरावाले से लेकर जगमीत सिंह तक की कहानी

विभाजन से पहले और बाद में भी भारत को खंडित करने वाली ताकतें हमेशा से ही मौजूद रही हैं। देश को पहली बार तोड़ने का षड्यंत्र मोहम्मद अली जिन्ना ने रचा था और वो अपनी इस षड्यंत्र में सफल ...

ईसाई मिशनरियों की उपज था द्रविड़ आंदोलन? सबकुछ जान लीजिए

आखिर वही हुआ जिसका अंदेशा सभी को था और आखिर वही सिद्ध हुआ जिसके बारे में बोलते सब थे परंतु स्पष्ट तौर पर बात कोई नहीं करता था। तमिलनाडु में हिंदू विरोध की जो विषबेल द्रविड़ आंदोलन के नाम ...

राजनाथ सिंह– वो व्यक्ति जिसके प्रति भाजपा से लेकर सम्पूर्ण राष्ट्र कृतज्ञ है

“हम इसकी कड़ी से कड़ी निन्दा करते हैं....” यह लाइन हमने सोशल मीडिया पर कभी न कभी तो अवश्य सुनी होगी। पर इस लाइन का उपहास जितनी बार जाने अनजाने हम सभी ने उड़ाया है न, उस व्यक्ति के ...

मुल्ला, मौलाना और कथित बुद्धिजीवी मजे में, उनके भड़काए चेलों पर लाठियां और बुलडोजर

“जब कुर्बानी दी जाती है तो हमेशा सिपाही की दी जाती है, राजा और राजकुमार तो जिंदा रहते हैं।” मिर्जापुर के इस संवाद का अपना अलग ही अर्थ है, क्योंकि घर फूँक कर तमाशा देखने का सबसे स्पष्ट उदाहरण ...

सीएम योगी ने सावरकर की ‘Two Nation Theory’ पर वाम उदारवादी एजेंडे को तोड़कर रख दिया

सावरकर माने तेज, सावरकर माने त्याग, सावरकर माने तप, सावरकर माने तत्व, सावरकर माने तर्क, सावरकर माने तारुण्य, सावरकर माने तीर, सावरकर माने तलवार। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सभी विपक्षियों को यह बात पुनः ...

कांग्रेसियों ने देश को ‘गलत इतिहास’ पढ़ाया लेकिन उसे सुधारने में सबसे आगे निकला हरियाणा

ब्रिटिश शासन के दौरान हुए सामाजिक शोषण के बाद जब देश 1947 में आज़ाद हुआ तब देश दो टुकड़ों में विभाजित हो गया था। भारत से जो दूसरा देश टूट कर अलग हुआ, वो था आतंक परस्त पाकिस्तान।आज़ादी के ...

हिजाब विवाद: क्यों आपको अपने आदर्शों को बुद्धिमानी से चुनने की आवश्यकता है

अक्सर हमारे मन में एक सवाल कचोटता है कि आखिर क्या कारण है मुस्लिम समाज हमेशा उन लोगों को अपना नायक और प्रतिनिधि चुनता है, जो भारत दर्शन के विरोधी हैं या फिर उनमें भारत विरोध की छवि प्रतिबिंबित ...

भारतीय स्वतंत्रता की वास्तविक कहानी-अध्याय 5: द्विराष्ट्र सिद्धांत का असली गुनहगार

क्या आप जानते हैं? कौन थे द्विराष्ट्र सिद्धांत के प्रथम प्रतिपादक और सूत्रधार अल्लामा इकबाल या वीर सावरकर कट्टर मुस्लिम अल्लामा इकबाल को क्यों भारत में एक नायक के रूप में स्थापित करने का स्पष्ट प्रयास किया गया जब ...

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