जब देव आनंद ने नेहरू से पूछा – ‘क्या तुमने सच में एडविना को घायल कर दिया है?’
‘मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया, मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ा......’ अपने इसी अल्हड़ व्यक्तित्व के साथ इस गीत में जिस व्यक्ति ...