सभी संवैधानिक पीठ की सुनवाई की अब होगी लाइव स्ट्रीमिंग
कहते हैं कि किसी भी सभ्य समाज का आधार उसकी न्याय प्रणाली होती हैं। यदि न्याय प्रणाली कुशलता के साथ कार्य करती है तो समाज का भी भला होता है। भारतीय समाज प्रारंभ से सभ्य समाज के श्रेणी में ...
कहते हैं कि किसी भी सभ्य समाज का आधार उसकी न्याय प्रणाली होती हैं। यदि न्याय प्रणाली कुशलता के साथ कार्य करती है तो समाज का भी भला होता है। भारतीय समाज प्रारंभ से सभ्य समाज के श्रेणी में ...
खेल समझ लिया है इस देश के कानून को, यहां की व्यवस्था को। कुछ तत्वों का बस चले तो जिस प्रकार किसी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में एक रूमाल रखकर जगह घेर लेते हैं उसी प्रकार ये लोग जमीनों पर रूमाल ...
शिक्षण संस्थानों में कट्टरता का माहौल बनाना पाप समान है, इसकी कोई माफ़ी नहीं है या इससे हुई क्षति को दूसरा अवसर देना उससे भी बड़ा पाप है। ऐसे में जिनके हाथों में ऐसे शिक्षण संस्थानों की बागडोर होती ...
खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे, हिजाब विवाद में अभी कुछ तत्वों की हालत ऐसी ही हो गई है। तर्क से हटकर कुतर्क पर उतारू समूह और समुदाय विशेष ने न्यायपालिका के सम्मुख सीमायें तो लांघी ही पर साथ ही अपने ...
16 दिसंबर 2012, यह वो दिन है जिसे शायद ही देश की जनता कभी भूल पाएगी। कुछ घटनाएं ऐसी घट जाती हैं जिनकी छाप हमेशा-हमेशा के लिए हमारे मन मस्तिष्क में बस जाती है। ऐसी ही एक घटना वर्ष ...
हरे रंग से ममता बनर्जी को कुछ अधिक प्रेम है। ये पार्टी के प्रतीक चिन्ह से लेकर उनके आदर्शों एवं उनके विचारों तक में स्पष्ट झलकता है। शायद वो देवदास का ‘हरा रंग डाला’ लूप पर भी सुनती हों, ...
देश में समाजसेवा के नाम पर चल रहे NGO असल में एजेंडा चलाने से लेकर देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते रहे हैं। NGO कुछ राजनीतिक दलों के लिए सहायक बनकर उनका एजेंडा जनता के सामने परोसते रहते हैं ...
धर्म-अधर्म के युद्ध में रिटायर्ड जस्टिस इंदु मल्होत्रा सदैव “धर्म” के पक्ष में खड़े होने के साथ अपना धर्म निभाती और वकालत के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करती आई हैं। हालिया मामला एक वायरल वीडियो के कारण तूल पकड़ रहा ...
ईश्वर के घर देर है अंधेर नहीं। कश्मीर में हुए नृशंस नरसंहार के जख्मों को मार्च में आई 'द कश्मीर फाइल्स' ने पर्दे पर लेकर जीवंत कर दिया था। वहीं नब्बे के दशक में हुई उस क्रूरता का सिलसिला ...
देश के किसी भी प्रमुख नेता, व्यक्ति, या संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की सुरक्षा उतनी ही ज़रूरी है जितनी इस देश की सीमाओं की सुरक्षा। उस पद पर बैठे व्यक्ति की देश के प्रति कई जवाबदेही होती हैं ...
राजनेता अब राजनीति के इतर अन्य क्षेत्र में आकर राजनीति करने लग जाए तो उसका हाल भारत की फुटबॉल की स्थिति जैसा होता है। एकदम राजनीति से ग्रसित। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन फुटबॉल (फीफा) ने तीसरे पक्ष के कथित ...
कुछ समय पहले कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा ने भाजपा नेता स्मृति ईरानी पर वार करते हुए उनकी बेटी ज़ोइश ईरानी के ऊपर कई प्रश्न उठाये थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी की ...
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