उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी, अपनी विरासत,अपना चुनाव चिह्न खो दिया और अब वो एक कम्युनिस्ट बन चुके हैं
बालासाहेबांची शिवसेना: शुरू करो अंताक्षरी लेके प्रभु का नाम, पर अंत ऐसा भयो कि न माया मिली न राम। का करें बंधु, जीवन ऐसा ही है, विचित्र अनुभवों से भरा। ऐसे ही विचित्र अनुभवों से महोदय उद्धव ठाकरे को ...