'लाला लाजपत राय' के लिए खोज परिणाम

आखिर कैसे हिंदुत्व के प्रतीक से ‘हिंदुत्व के कलंक’ में परिवर्तित हुए आडवाणी?

‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है’, ये कथन एक व्यक्ति के जीवन का संक्षिप्त परिचय कराने के लिए पर्याप्त है, जो कभी देश की संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर ...

पाकिस्तान की भारत से घृणा स्वाभाविक है, परंतु भुट्टो परिवार के लिए ये दुश्मनी पर्सनल है!

‘दुश्मनी पर्सनल है, निभानी तो पड़ेगी!’ दबंग-3 का यह डायलॉग आश्चर्यजनक रूप से पाकिस्तान के एक परिवार पर बड़ा सटीक फिट होता है। ये शाश्वत ही नहीं, ऐतिहासिक और वैज्ञानिक रूप से भी प्रमाणित है कि पाकिस्तान के डीएनए ...

8/11/1947: जूनागढ़ के परिग्रहण की कहानी, जानें कैसे पटेल और मेनन ने इसे अंजाम दिया था

क्या आपने कभी सोचा है कि जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री होते हुए भी अपने गृहमंत्री से इतने असहज क्यों रहते थे? कभी सोचा है कि देश के मुकुट समान राज्य कश्मीर का विध्वंस करने के लिए पाकिस्तान इतना लालायित क्यों ...

आखिर क्यों बिपिन चंद्र पाल को भारतीय इतिहास के एक कोने में सिमटा दिया गया?

किसी व्यक्ति ने सही ही कहा था, ‘बदलाव तभी सार्थक है, जब आप उस बदलाव का हिस्सा बने!’ कुछ लोग बातें तो बड़ी-बड़ी करते हैं, पर उन्हें आत्मसात करने में सांप सूंघ जाता है। लेकिन स्वाधीनता आंदोलन में एक ...

सरदार उधम निस्संदेह ऑस्कर के योग्य नहीं, परंतु उसे हटाने के पीछे का कारण निंदनीय है

सरदार उधम एक बार फिर से विवादों के घेरे में हैं, परंतु इस बार फिल्म के कॉन्टेन्ट के कारण नहीं। शूजीत सरकार द्वारा निर्देशित ये फिल्म इस वर्ष ऑस्कर के लिए नामांकित की जाने वाली भारतीय फिल्मों की लिस्ट ...

DDLJ: वो फिल्म जिसने छेड़छाड़, नारी शोषण और घटिया पैरेंटिंग को बढ़ावा दिया

‘अगर वो भी मुझसे प्यार करती है, तो वो मुझे पलटकर जरूर देखेगी। पलट, पलट, पलट....’ ‘जा सिमरन जा, जी ले अपनी ज़िंदगी' यदि ये संवाद कभी भूल से भी आपके जुबान पर न आए हो, तो यकीन मानिए, ...

“सरदार उधम”- मार्क्सवादी ट्विस्ट के साथ ये फिल्म हमारे देश के इतिहास के नाम पर कलंक है

हाल ही में विजयदशमी के अवसर पर शूजीत सरकार की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘सरदार उधम’ Amazon Prime पर प्रदर्शित हुई। ये जलियाँवाला बाग नरसंहार को स्वीकृति देने वाले पंजाब के तत्कालीन उपराज्यपाल माइकल ओ ड्वायर का अंत करने वाले वीर ...

प्यारे वामपंथियों! भगत सिंह एक सच्चे राष्ट्रवादी थे, उन्हें ‘वामपंथी’ कहकर खुद का मजाक मत बनाओ

जिस नाम को सुनकर आज भी देश के करोड़ों युवाओं में ऊर्जा का संचार होता है, उसी क्रांतिकारी भगत सिंह की विचारधारा को कुछ लोग हड़पने के प्रयत्न में लगे हुए हैं। साम्राज्यवाद विरोध, नास्तिकता जैसे कई सिद्धांतों के ...

मोदी ने हिंदुओं के लिए क्या किया है? इस सवाल का जवाब यहां है

आजकल कुछ असंतुष्ट बीजेपी समर्थक और हिंदू विरोधी पार्टियां ये सवाल करती हैं कि बीजेपी सरकार ने हिंदुओं के लिए किया क्या है? ये आर्टिकल उन्हीं के लिए है। मोदी सरकार साल 2014 में सत्ता में आई थी तब ...

आरम्भ हो चुका है भारत के इतिहास के भगवाकरण का

हाल ही में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अपने इतिहास विषय के वर्तमान पाठ्यक्रम में संशोधन कराया है, और मैं गर्व से यह कहना चाहूँगा, की स्वतन्त्रता के सालों बाद, आखिरकार सच्चा भारतीय इतिहास राजस्थान में ही सही, पर ...

कांग्रेस के प्रथम अधिवेशन से लेकर 57 वे अधिवेशन की सम्पूर्ण जानकारी

कांग्रेस का प्रथम अधिवेशन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर, 1885 में बम्बई (वर्तमान मुम्बई) में 'कलकत्ता हाईकोर्ट' के बैरिस्टर व्योमेश चन्द्र बनर्जी की अध्यक्षता में की गई थी. इसके संस्थापकों में ए॰ ओ॰ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के ...

क्रांति की अपनी एक अलग परिभाषा थी भगत सिंह की

लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आग़ाज आयेगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इंक़लाब लायेगा। मैं रहूँ या न रहूँ पर यह वादा हैं तुमसे मेरा, कि मेरे बाद वतन पे मरने वालों का सैलाब आयेगा।। - भगत ...

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