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हूँ तो मुग़लानी, हिंदुआनी बन रहूँगी मैं… मुग़ल राजघराने की कृष्णभक्त, हज के रास्ते में ब्रज पड़ा और बदल गया जीवन

मध्यकाल में जहाँ एक ओर मुगलिया सल्तनत द्वारा इस्लाम को आम जनमानस पर थोपने का कार्य किया जा रहा था, हिन्दू मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें तथा मकबरे बनाये जा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर मुगल सल्तनत में भी ...

मुगलकाल के ‘ग़दर’ से निकला महान कृष्णभक्त, कहानी अमीर पठान परिवार में जन्मे सैयद इब्राहिम खान की

'मानुष हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन' उपर्युक्त पंक्तियों में इस उत्कटता को देखा जा सकता है कि यदि अगले जन्म में मनुष्य की योनि प्राप्त हो तो मैं वही मनुष्य बनूँ जिसे ब्रज और ...

रामकथा से भागते हैं दुःख… गुरु गोबिंद सिंह की ‘रामायण’: कृष्ण से माँगा ‘धर्मयुद्ध’, माँ की करते थे आराधना

सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर लोग सोमवार (7 अक्टूबर, 2024) को उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। केवल सिख ही नहीं बल्कि पूरे हिन्दू समाज के लिए ये एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि ...

श्रीमद भगवद्गीता के विभिन्न अध्याय और उनकी मुख्य अवधारणाएँ

श्रीमद भगवद्गीता 18 अध्यायों में विभाजित है, जिनमें से प्रत्येक में मूल्यवान शिक्षाएँ और अंतर्दृष्टियाँ दी गई हैं। श्रीमद भगवद्गीता में आत्म-साक्षात्कार, कर्तव्य, भक्ति, ज्ञान, ध्यान, संन्यास और परमात्मा के स्वरूप से संबंधित व्यापक विषय शामिल हैं। प्रत्येक अध्याय ...

भगवद्गीता की प्रासंगिकता

भगवद्गीता का अत्यधिक महत्व उसकी गहन शिक्षाओं और आध्यात्मिक दृष्टिकोण के कारण है। इसे हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ में से एक माना जाता है। ऐतिहासिक रूप से भगवद्गीता ने सामान्य व्यक्तियों, दार्शनिकों और आध्यात्मिक साधकों पर गहरा ...

हरियाणा में कांग्रेस के चुनावी दलित प्रेम की हकीकत ? हुड्डा राज में दलितों की बदहाली पर एक नजर!

भारतीय राजनीति में जाति धर्म से परे होकर लोकतंत्र मजबूत करने की साहित्यिक बातें चुनाव से पहले हमेशा की जाती हैं। लेकिन चुनाव आते ही किसी भी प्रदेश की राजनीति जातियों के आसपास घूमने लगती है। आजादी के बाद ...

सेंगोल पर CPI(M) सांसद ने की आपत्तिजनक टिप्पणी।  

2 जुलाई, 2024 को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर भाषण के दौरान मदुरै निर्वाचन क्षेत्र से सांसद सु. वेंकटेशन ने संसद में रखे गए सेंगोल पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने इसे एक राजतंत्र का प्रतीक ...

JNU में हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अध्ययन के लिए केंद्रों की होगी स्थापना।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने हाल ही में हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के अध्ययन के लिए तीन नए केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। यह घोषणा न केवल विश्वविद्यालय की शैक्षिक क्षमता को विस्तार देती है, बल्कि ...

अर्बन नक्सलियों के लिए महाराष्ट्र सरकार का गिफ्ट।

महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रस्तावित ‘महाराष्ट्र स्पेशल पब्लिक सिक्योरिटी बिल 2024’ राज्य में नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इस बिल का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में सक्रिय उन व्यक्तियों और संगठनों ...

भारत नाम से इतनी चीड़ क्यों?

भारतीय समाज और संस्कृति में सदियों से एक गहरा गर्व बसा हुआ है। यह गर्व उस सभ्यता और संस्कृति पर है जिसने हजारों सालों से न केवल भारतवर्ष को बल्कि समूचे विश्व को ज्ञान, विज्ञान, कला, साहित्य, और दर्शन ...

क्या है भारतीय सेना का ‘प्रोजेक्ट उद्भव’?

भारत के इतिहास में कई वीर गाथाएं हैं, युद्ध की रणनीतियां हैं और एक से बढ़ कर एक कहानियां हैं जिनसे काफी कुछ सीखने को मिलता है। अब भारतीय सेना भी हमारे देश के इतिहास से सीखेगी। सेना प्रमुख ...

रवीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर विशेष: जिन्होंने भारत की संस्कृति और सभ्यता को पश्चिमी देशों में फैलाया

एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर, जिनकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान बनीं। भारत का राष्ट्र-गान ‘जन गण मन’ और बांग्लादेश का राष्ट्र गान ‘आमार सोनार बांङ्ला‘। रवींद्रनाथ टैगोर गुरुदेव के नाम से प्रसिद्ध थे। उन्होंने ...

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