'AIMIM' के लिए खोज परिणाम

इज़राएल हमले को उचित ठहराने पर ज़ुबैर की हुई ‘वैश्विक कुटाई’!

फेक न्यूज़ शिरोमणि मोहम्मद ज़ुबैर किसी परिचय के मोहताज नहीं! मोहम्मद ज़ुबैर जब भी फैक्ट चेक करते हैं, या तो किसी के जीवन को खतरे में डालते हैं, और नहीं तो अराजकता फैलाने वालों का गजब बचाव करते हैं। ...

टी राजा सिंह का निलंबन हटाने में 2 माह लेट हो गई भाजपा!

भाजपा के साथ एक अजब समस्या है। जब तक ठोकर नहीं लगती, तब तक इन्हे अक्ल नहीं आती। ऐसा ही कुछ तेलंगाना में भी देखने को मिल रहा है। जब तक कर्नाटक में चुनावी कुटाई नहीं हुई, तब तक ...

“बेचारे” असद पर लिबरलों का विधवा विलाप

उमेश पाल हत्याकांड में विगत कुछ दिनों से अप्रत्याशित घटनाएँ देखने और सुनने को मिल रही है। 13 अप्रैल को अपने एक गुर्गे गुलाम मोहम्मद सहित झांसी के निकट मोहम्मद असद अहमद को यूपी एसटीएफ ने घेरा और भीषण ...

चुनावी विश्लेषण: क्या विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपामय होगा तेलंगाना ?

बीजेपी दक्षिण भारत की राजनीति में विस्तार करने की कोशिश में है। कर्नाटक के बाद यदि पार्टी दक्षिण भारत में कहीं सबसे ज्यादा अपना जोर लगाती है तो वह सीधे तौर पर तेलंगाना ही है। अब आप कहेंगे कि ...

“हम टीपू सुल्तान की 100 फीट ऊंची मूर्ति लगाएंगे” कर्नाटक में कांग्रेस के लिए ‘ईवीएम हैक’ होनी तय

कर्नाटक में आने वाले वर्ष में चुनाव होने वाले हैं जिसे लेकर सभी राजनीतिक दल जनता को लुभाने के लिए अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। ऐसे में सर्दी के मौसम में भी राजनीतिक हवा गरम हो रही है। ...

हैदराबाद मुक्ति दिवस : ‘सरदार’ अमित भाई लगाएंगे ‘निज़ाम’ ओवैसी के साम्राज्य में आग!

कहने को भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था परंतु ये अधूरा सत्य है। हम 565 रियासतों में बंटे हुए एक खंडित राष्ट्र थे, जिन्हें एकीकृत करने का बेड़ा सरदार वल्लभभाई पटेल ने उठाई थी और इस महायज्ञ ...

अमित शाह के साथ जूनियर एनटीआर: तेलंगाना में बीजेपी को चाहिए एक्स फैक्टर

दक्षिण भारत की राजनीति में वहां की फिल्म इंडस्ट्री का विशेष प्रभाव देखने को मिलता रहा है। कांग्रेस की जड़ों को 60 से लेकर 90 के दशक में जिस तरह से वहां के फिल्मी सितारों ने उखाड़ फेंका था ...

नए अशोक स्तंभ में बदलाव के क्या मायने हैं?

बचपन में रजनीकान्त के ‘सिवाजी – द बॉस’ के डब संस्करण का एक प्रसिद्ध संवाद आज भी स्मरण रहता है- “अच्छे काम में हाथ बँटाने कोई नहीं आता, टांग अड़ाने सभी आ जाते हैं।” ये संवाद न जाने क्यों ...

हाय रे! ‘दहाड़ते शेर’ पर वामपंथियों का यह ‘गीदड़ विलाप’ इतना मज़ा क्यों आ रहा है!

नरेंद्र मोदी, हमारे वामपंथी बंधुओं को सुकून का एक क्षण भी नहीं दे सकते। बेचारे सोचे थे कि श्रीलंका में सरकार गिरवाके रवीश के हसीन सपने देखेंगे, कि तुरंत महोदय ने संसद के नए परिसर का शिलान्यास करा दिया, ...

मुख्तार अब्बास नक़वी भाजपा पर बोझ हैं?

मुख्तार अब्बास नक़वी को आखिरकार मोदी सरकार ने कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। मोदी सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री रहे मुख्तार अब्बास नक़वी की विदाई उनका कार्यकाल ख़त्म होने के बाद हुई। ऐसा नहीं है कि भाजपा ...

भारतीय राजनीति के समीकरण बदलने चले थे ओवैसी, और फिर बिहार में खेला हो गया

कहते हैं कि यथार्थ से अपरिचित मनुष्य जब ज्यादा बड़े सपने देखता है तो वो धड़ाम से नीचे गिर जाता है और उसके सपने चकनाचूर हो जाते हैं। देश की राजनीति में कुछ ऐसा ही AIMIM के साथ हुआ ...

लिबरलों के लिए ‘जुम्मे की नमाज’ के बाद हुई हिंसा के लिए पीएम मोदी जिम्मेदार हैं

मूर्ख, जिहादी, वामपंथी, कट्टरपंथी और लिबरलों में कुछ ज्यादा फर्क नहीं होता। इनके गुण, लक्षण और स्वभाव लगभग समान ही होते हैं। इन्हें अक्ल का अंधा कहा जाए, तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिस तरह से मूर्खों की ...

पृष्ठ 3 of 14 1 2 3 4 14

Follow us on Twitter

and never miss an insightful take by the TFIPOST team