“Quebec movement” में भारत की रूचि बढ़ा रही ट्रूडो की चिंता!
The Quebec movement: देखो, अगर आपको ये लगता है कि आप भारत की अखंडता को चुनौती दे सकते हैं, और ये सोचते हैं कि आपको कोई हाथ नहीं लगा पायेगा, तो या तो आप बहुत भोले हो, या फिर ...
The Quebec movement: देखो, अगर आपको ये लगता है कि आप भारत की अखंडता को चुनौती दे सकते हैं, और ये सोचते हैं कि आपको कोई हाथ नहीं लगा पायेगा, तो या तो आप बहुत भोले हो, या फिर ...
ऐसा लगता है जैसे नीरो का पुनर्जन्म हो गया है, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के रूप में! ये मज़ाक नहीं है,क्योंकि प्रधानमंत्री ट्रूडो यूक्रेनी विदूषक ज़ेलेंस्की की तर्ज पर 'विरोधी' बनाने और सहानुभूति हासिल करने का प्रयास करने में ...
Patriotic movies list in Hindi: जैसा कि देश 15 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता का उत्सव मनाने के लिए तैयार है, इस महत्वपूर्ण अवसर का सम्मान करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि हम एक सिनेमाई यात्रा में ...
जब भारतीय बुद्धिजीवियों की बात हो, तब आपके मस्तिष्क में किनके नाम आते हैं? एपीजे अब्दुल कलाम, अमर्त्य सेन, शशि थरूर जैसे लोगों के ना? अगर तनिक पीछे जाएँ, तो स्मरण में स्वामी विवेकानंद, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, या ...
"मैं वर्षों से ब्रिटिश से लड़ रहा हूँ. स्वराज के लिए हमें अपना खून बहाना ही होगा, अन्यथा मिले हुए स्वराज की कोई कीमत नहीं होगी!" यही बात बाल गंगाधर तिलक ने विनम्र शब्दों में मोहनदास करमचंद गांधी को ...
भारत की राजनीति हो और विवाद न हो, ऐसा हो सकता है क्या? इस बार विवाद के केंद्र में और कोई नहीं, बहुचर्चित प्रकाशन केंद्र गीता प्रेस है, जिसने देशभर को सनातन धर्म की महिमा से अवगत कराया, और ...
Rahul Gandhi NRI speech: भारतीय राजनीति के भव्य रंगमंच में, कुछ पात्र ऐसे हैं जो विस्मित करने से कभी नहीं चूकते। इन आकर्षक हस्तियों के बीच राहुल गांधी की अपनी अलग पहचान है। राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर राहुल ...
अकबर को महान क्यों बताया जाता है? क्योंकि वामपंथी इतिहासकारों के अनुसार, वे सेक्युलर थे, उन्होंने कई राज्यों के साथ मित्रता की, कई हिन्दू राजकुमारियों को अपने घर का हिस्सा बनाया। परंतु जब आज के युग में अतीक अहमद ...
Charan caste history in Hindi: भारत में भांति भांति के योद्धा उत्पन्न हुए हैं। कुछ के लिए बल अधिक महत्वपूर्ण है, तो कुछ ने बुद्धि से युद्ध जीते हैं, परंतु राजस्थान वो भूमि है, जहां के कण कण में ...
वो कहते हैं “दुर्घटना से देर भली”। आज भारत की आक्रामकता से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। परंतु स्वतंत्रता के पश्चात प्रारम्भिक दो दशकों में ऐसा नहीं था। चीन ने हमारा क्या हाल बनाया, इससे कोई भी अनभिज्ञ नहीं ...
जब जरासंध के निरंतर आक्रमण पर श्रीकृष्ण ने मथुरा त्याग दी, तो उन्हें "रणछोड़" की उपाधि दी गई। तो क्या वे कायर थे? नहीं, परंतु श्रीकृष्ण को ज्ञात था कि जरासंध को परास्त करने के लिए ये सही समय ...
1974। दिल्ली एयरपोर्ट पर कई सरकारी उच्चाधिकारी और इंदिरा गांधी के नेतृत्व में केन्द्रीय प्रशासन कुछ लोगों की प्रतीक्षा कर रहे थे। आखिरकार हवाई जहाज़ एयरपोर्ट पर उतरा, और उक्त हस्तियों में से एक निकले। परंतु ये कोई जीवित ...
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